आईपीएल 2018 की नीलामी काफी रोचक रही और यह कहा जा सकता है कि आईपीएल की विजेता टीम लगभग नीलामी के बाद ही तय हो जाती है। सभी टीमों ने अपने हिसाब से काफी मजबूत टीम बनाने की कोशिश की है लेकिन सभी टीमों में कुछ न कुछ कमियां रह गयी है। आईये अब आपको हम इन्ही कमियों के बारे में बताते हैं:
चेन्नई सुपर किंग्स- स्पिन और तेज गेंदबाजों में असंतुलन
चेन्नई सुपर किंग्स की गेंदबाजी में काफी असंतुलित नजर आ रही है। टीम ने रविन्द्र जडेजा को पहले रिटेन किया था उसके बाद नीलामी में हरभजन सिंह, कर्ण शर्मा, इमरान ताहिर और मिचेल सैन्टनर के रूप में चार विशेषज्ञ स्पिनरों को खरीद लिया लेकिन उनके साथ टीम में सिर्फ एक ही भारतीय कैप तेज गेंदबाज है। विदेशी तेज गेंदबाजों के रूप में उनके पास मार्क वुड और लुंगी एनगीडी हैं लेकिन इनमें से कोई एक ही ड्वेन ब्रावो के साथ मैच में खेल सकता है वहीं 5 स्पिनरों में से कोई 2 ही एकादश का हिस्सा हो सकता है। सिर्फ एक भारतीय कैप गेंदबाज होने की वजह से उनके पास बैकअप तेज गेदबाजी की कमी है।
दिल्ली डेयरडेविल्स- मध्यक्रम में अनुभव की कमी
दिल्ली डेयरडेविल्स की टीम में भारतीय अनुभवी मध्यक्रम बल्लेबाज की कमी है। दिल्ली की टीम पहले भी अनुभवी मध्यक्रम के बल्लेबाजों की कमी से जूझती रही है और इस साल भी वैसा ही दिख रहा है। टीम के पास ऋषभ पंत, श्रेयस अय्यर, गुरकीरत सिंह मान और नमन ओझा जैसे अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी है लेकिन सभी के पास अनुभव की कमी है। ग्लेन मैक्सवेल के रूप में इस टीम के पास अनुभवी खिलाड़ी है लेकिन वह जिस तरीके से खेलते हैं टीम उनपर हमेशा निर्भर नहीं रह सकती।
कोलकाता नाईट राइडर्स- कप्तान की कमी
गौतम गंभीर द्वारा टीम छोड़ने के बाद केकेआर के पास कोई भी खिलाड़ी नहीं है जिसे टीम कप्तान बना दे। रॉबिन उथप्पा और क्रिस लिन के रूप में दो प्रमुख दावेदार हैं लेकिन इन दोनों के पास कप्तानी का कोई ज्यादा अनुभव नहीं है। उथप्पा ने अभी तक आईपीएल में किसी भी टीम की कमान नहीं सम्भाली है जबकि लिन ने बिग बैश में ब्रिसबन हिट की कप्तानी की है लेकिन आईपीएल में लिन को खेलने का भी अनुभव पूरी तरह नहीं हुआ है। दिनेश कार्तिक के रूप में टीम के पास एक और विकल्प है लेकिन उनके पास भी आईपीएल में कप्तानी का कोई अनुभव नहीं है। केकेआर की टीम ने नीलामी में कई अंडर-19 खिलाड़ियों को खरीदा है लेकिन अनुभवी कप्तान की कमी से खिलाड़ी राह से भटक सकते हैं।
किंग्स XI पंजाब- कप्तान और विशेषज्ञ विकेटकीपर की कमी
केकेआर की तरह ही पंजाब के पास भी कप्तान का कोई बेहतर विकल्प नहीं है। उनके पास युवराज सिंह, अरोन फिंच, डेविड मिलर, क्रिस गेल और रविचंद्रन अश्विन का विकल्प मौजूद है लेकिन किसी के पास भी कप्तानी का ज्यादा अनुभव नहीं है। पिछले कुछ सालों से पंजाब की टीम लगातार कप्तान की कमी की वजह से जूझ रही है। कप्तानी के अलावा इस टीम में विशेषज्ञ विकेटकीपर की भी कमी है। पहले भी देखा गया है कि पार्ट-टाइम विकेटकीपर किस तरह कैच गिराते हैं और स्टंपिंग छोड़ते हैं। टी20 मैचों में यह टीम के लिए काफी खतरनाक हो सकता है।
मुंबई इंडियंस- अनुभवी स्पिन गेंदबाज की कमी
मुंबई इंडियंस की टीम अपने प्रमुख खिलाड़ियों को अपने साथ रखने में कामयाब रही है लेकिन वह हरभजन सिंह का विकल्प ढूंढने में असफल रही। टीम के पास भारतीय स्पिनरों क्रुणाल पांड्या, राहुल चाहर और अनुकूल रॉय हैं लेकिन किसी के पास भी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट का अनुभव नहीं है। सीएसके की तरह ही मुंबई की गेंदबाजी में भी अस्थिरता है और यह टीम अपना ख़िताब बचाने के लिए तेज गेंदबाजों पर निर्भर रहेगी। ऐसा हो सकता है कि टीम किसी विदेशी गेंदबाज की जगह अकिला धनंजया एकादश में शामिल करे।
राजस्थान रॉयल्स- टी20 में बड़े नामों की कमी
बेन स्टोक्स और जोस बटलर के अलावा इस टीम में कोई भी अंतरराष्ट्रीय टी20 स्टार नहीं है। स्टीव स्मिथ और अजिंक्य रहाणे टीम के पास हैं लेकिन ये दोनों खिलाड़ियों का टी20 में कोई बड़ा नाम नहीं है। कुछ खिलाड़ियों को छोड़ दे तो ज्यादातर खिलाड़ियों के पास अंतरराष्ट्रीय मैचों का अनुभव भी नहीं है इसलिए रहाणे, स्मिथ, स्टोक्स जैसे खिलाड़ियों पर दारोमदार रहेगा कि नये खिलाड़ियों का मार्गदर्शन करे।
रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर- निचले मध्यक्रम में अनुभव की कमी
आरसीबी की टीम में निचले मध्यक्रम में कोई भी अनुभवी बल्लेबाज नहीं है जो मजबूत ऊपरी क्रम के असफल होने के बाद टीम की बल्लेबाजी को संभाल सके। हमेशा से इस टीम की यही परेशानी रही हैं कि अगर मजबूत उपरी क्रम असफल हो जाता है तो नीचे कोई बल्लेबाज नही रहता जो टीम को संभाल सकते। मनदीप सिंह, पार्थिव पटेल और मनन वोहरा के रूप में उनके पास भारतीय खिलाड़ी हैं लेकिन इन सभी ने पिछले आईपीएल में सलामी बल्लेबाजी की थी इसलिए इस साल भी फिर आरसीबी की पूरी बल्लेबाजी विराट कोहली और एबी डिविलियर्स के इर्दगिर्द ही घूमेगी।
सनराइजर्स हैदराबाद- अनुभवी भारतीय स्पिनर की कमी
हैदराबाद की इस फ्रैंचाईजी के पास कोई भी अनुभवी भारतीय स्पिन गेंदबाज नहीं है। टीम के पास राशिद खान हैं लेकिन अगर वह किसी दिन नहीं चले या चोटिल हो गये तो उनके पास इसके लिए कोई भी विकल्प मौजूद नहीं है। बिपुल शर्मा, दीपक हुड्डा और युसूफ पठान के रूप में स्पिन का विकल्प हैं, लेकिन इन गेंदबाजों के पास विविधता की कमी है। लेखक: अथर्वा आप्टे अनुवादक: ऋषिकेश सिंह