नीलामी में खिलाड़ियों को उनकी काबिलियत के हिसाब से ग्रुप में बांटा जायेगा। #2 नीलामीकर्ता एक ख़िलाड़ी का नाम बोलेगा और उसके बेस प्राइस से उस ख़िलाड़ी की बोली लगना शुरू हो जाएगी। नीलामी में आये प्रतिनिधि बोली के दौरान अपना-अपना पैडल उठा कर ख़िलाड़ी को खरीदने की इच्छा जाहिर करेंगे और सबसे ज्यादा बोली लगाने वाला प्रतिनिधि ख़िलाड़ी को अपनी टीम में शामिल कर लेगा। #3 एक ख़िलाड़ी पर तब तक बोली लगती रहेगी, जब तक सभी टीमें इच्छा जता रही होंगी। अगर एक ही फ्रेंचाइजी ने अधिक प्राइस पर ख़िलाड़ी को चुना और दूसरी फ्रेंचाइजी ने इच्छा जताना खत्म कर दिया, तो नीलामीकर्ता उस ख़िलाड़ी को बेचने का फैसला सुना देगा। #4 अगर ख़रीदा हुआ ख़िलाड़ी 'राइट टू मैच' के तहत नियम में आता है, तो नीलामीकर्ता उस ख़िलाड़ी की पुरानी टीम से पूछताछ करेगा कि उनको आरटीएम के तहत यह ख़िलाड़ी चाहिए या नहीं। अगर पुरानी टीम हाँ कहती है, तो वह ख़िलाड़ी उसी दाम में अपनी पुरानी टीम में चला जायेगा। अगर टीम ना कहती है, तो जिस टीम ने बोली लगा कर ख़िलाड़ी को खरीदा था तो ख़िलाड़ी उसका हो जायेगा। #5 एक ख़िलाड़ी नीलामी में जब नहीं बिकेगा, तब उस ख़िलाड़ी के प्रति किसी प्रतिनिधि ने अपनी इच्छा जाहिर न की हो। #6 ख़रीदे नहीं जाने वाले खिलाड़ियों की अंत में फिर से बोली लगेगी और एक बार फिर से सभी प्रतिनिधि इन खिलाड़ियों के प्रति अपनी इच्छा जाहिर कर सकेंगे। इसे भी पढ़ें: IPL 2018 नीलामी: 5 ऑस्ट्रेलियाई सितारे जिनपर होंगी सभी की निगाहें