नामंज़ूर किए जाने का एहसास दुनिया के हर इंसान ने ज़िंदगी में कम से कम एक बार ज़रूर किया होगा। कहा जाता है कि “हर इंसान अपनी तक़दीर ख़ुद लिखता है” , लेकिन ये बात हमेशा सही साबित नहीं होती, वो भी तब, जब बात खेलकूद की हो रही हो। यहां हर लम्हा, हर पल अपने आप में ख़ास अहमियत रखता है। यहां बात क्रिकेट की हो रही हो, और वो भी आईपीएल की, जहां हर साल रिचर्ड मेडली के लकड़ी के हथौड़े के बीच सैंकड़ों क्रिकेटर्स की किस्मत का फ़ैसला होता है। खिलाड़ियों की तकदीर हर बोली के साथ बदलती रहती है। भले ही कोई खिलाड़ी ऑटो रिक्शा ड्राइवर या सिक्युरिटी गार्ड का बेटा हो, आईपीएल में बोली लगने के बाद वो आम इंसान नहीं रह जाता। आईपीएल अपने 11वें साल में प्रवेश करने जा रहा है। नीलामी से इस बात का फ़ैसला होता है कि किसी भी टीम ने कैसे खिलाड़ी चुने हैं और उनकी किस्मत क्या होने वाली है। नीलामी के दौरान सिर्फ़ 159 खिलाड़ियों की ही बोली लगी, लेकिन कई ऐसे भी नामी खिलाड़ी हैं जिन्हें किसी भी आईपीएल टीम में जगह नहीं मिली। न बिकने वाले नामी खिलाड़ियों की लिस्ट में हाशिम अमला, मोइज़ेज़ हेनरिक्स और इशांत शर्मा जैसे क्रिकेटर शामिल हैं। हम यहां ऐसे ही खिलाड़ियों को मिलाकर एक टीम तैयार कर रहे हैं जो आईपीएल 2018 की नीलामी में नहीं बिक पाए थे।
सलामी बल्लेबाज़
मार्टिन गप्टिल टी-20 मुक़ाबले में तेज़ और ज़बरदस्त शुरुआत काफ़ी अहम होती है। ओपनिंग बल्लेबाज़ों में मार्टिन गप्टिल का नाम सबसे पहले आता है। उनका आईपीएल 2018 की नीलामी में न ख़रीदा जाना सभी के लिए ताज्जुब की बात है। गप्टिल ने टी-20 में 33 की औसत और 127 की स्ट्राइक रेट से रन बनाए हैं। इस बार नीलामी में उनकी बेस प्राइज़ महज़ 75 लाख रखी गई थी लेकिन उन्हें कोई ख़रीदार नहीं मिला। एलेक्स हेल्स हेल्स उन इंग्लिश खिलाड़ियों की फ़ेहरिस्त में शामिल हैं जिन्हें इस बार आईपीएल नीलामी में किसी ने नहीं ख़रीदा। हेल्स ने टी-20 में काफ़ी नाम कमाया है और उनके शॉट लगाने की क्षमता को हर कोई सलाम करता है। वो जब बल्लेबाज़ी करते हैं तो किसी भी गेंदबाज़ को नहीं बख़्शते। हेल्स अब तक किसी भी आईपीएल सीज़न में नहीं खेले हैं, लेकिन दुनिया के कई टी-20 लीग की टीम में योगदान देने का उनको ख़ूब मौक़ा मिला है। वो एडिलेड स्ट्राइकर्स, दुरोंतों राजशाही और अन्य टी-20 टीम का हिस्सा रहे हैं। हेल्स की बल्लेबाज़ी का औसत 30 से कम और स्ट्राइक रेट 140 से ज़्यादा है, जो टॉप ऑर्डर बल्लेबाज़ के लिए बेहद ज़रूरी है। आईपीएल नीलामी 2018 में उनकी बेस प्राइज़ 1 करोड़ रुपये रखी गई थी, लेकिन वो नहीं बिक सके। उनका हालिया फ़ॉर्म इसके लिए जिम्मेदार हो सकता है।
मध्य क्रम
शॉन मार्श शायद इस आईपीएल की सबसे चौंकाने वाली ख़बर ये थी कि जिस शॉन मार्श ने किंग्स इलेवन पंजाब टीम को 10 सालों तक अपने ख़ून-पसीने से सींचा था, उन्हें इस बार कोई ख़रीदने वाला कोई भी नहीं मिला। आईपीएल करियर में उनकी बल्लेबाज़ी का औसत 40 के क़रीब और स्ट्राइक रेट 132 के आस-पास है। हाल की एशेज़ सीरीज़ में मार्श का प्रदर्शन शानदार रहा है लेकिन सीमित ओवर के मुक़ाबले कम खेलने की वजह से शायद उन्हें नहीं ख़रीदा गया। जो रूट इंग्लैंड के कप्तान जो रूट ने इस साल पहली बार आईपीएल नीलामी में अपना नाम दिया था। उनकी बेस प्राइज़ 1.5 करोड़ रुपये रखी गई थी, लेकिन उनके लिए किसी टीम के मालिक ने बोली नहीं लगाई। जो रूट एक बेहतरीन बल्लेबाज़ हैं जो टीम के शुरुआती रन को एक बड़े स्कोर में बदलने की ताक़त रखते हैं। चूंकि वो इंग्लैंड के मौजूदा कप्तान हैं और ऐसा संभावनाएं हैं कि वो आईपीएल में इतना वक़्त नहीं दे पाएंगे, शायद यही वजह रही होगी कि वो इस बार नहीं बिक पाए। टी-20 में रूट का औसत 32 और स्ट्राइक रेट 126 के आस-पास है। इयोन मोर्गन ऐसा लगता है कि इंग्लैंड के ज़्यादातर खिलाड़ी को आईपीएल नीलामी ज़्यादा सूट नहीं करती। इस बार इयोन मोर्गन टीवी पर आईपीएल देख ज़रूर सकते हैं लेकिन मैदान में खेल नहीं सकते। रूट के मुक़ाबले मोर्गन को आईपीएल का अच्छा ख़ासा अनुभव है। वो कोलकाता नाइटराइडर्स, रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर, सनराइज़र्स हैदराबाद और किंग्स-XI पंजाब टीम का हिस्सा रह चुके हैं। मोर्गन टी-20 में ग़ैर पारंपरिक शॉट लगाने के लिए जाने जाते हैं। आईपीएल में उन्होंने 50 मैच में 121 के स्ट्राइक रेट से रन बनाए हैं। उनकी बेस प्राइज़ 2 करोड़ रुपये रखी गई थी, लेकिन वो आख़िरकार नहीं बिके।
विकेट कीपर और ऑलराउंडर्स
ल्यूक रॉन्ची आईपीएल में किसी भी टीम को ऐसे विकेटकीपर की तलाश होती है जो बल्लेबाज़ी में भी कमाल दिखा सकता है। न्यूज़ीलैंड के ल्यूक रॉन्ची में ये दोनों क़ाबिलियत मौजूद है वो विकेटकीपिंग शानदार करते हैं, और जब बल्लेबाज़ी करते हैं तो विपक्षी टीम के गेंदबाज़ों के छक्के छुड़ा देते हैं। टी-20 में रॉन्ची का स्ट्राइक रेट 153 के आस-पास है उनकी बेस प्राइस 75 लाख रुपये रखी गई थी लेकिन किसी भी आईपीएल टीम ने उन्हें साइन करना मुनासिब नहीं समझा। थिसारा परेरा थिसारा पेरेरा ने अपनी ज़िंदगी में चढ़ाव कम और उतार ज़्यादा है। ताज़ा मिसाल उनके आईपीएल में नीलामी को लेकर है जब उन्हें किसी भी टीम ने नहीं ख़रीदा। पेरेरा के पास वो सारी क़ाबीलियत मौजूद है जिसकी बदौलत वो टी-20 क्रिकेट में वो कामयाब हो सकते हैं। वो चेन्नई सुपरकिंग्स, कोच्चि टस्कर्स, मुंबई इंडियंस, किंग्स इलेवन पंजाब, राइज़िंग पुणे सुपरजायंट और सनराइज़र्स हैदराबाद टीम को अपनी सेवाएं दे चुके हैं, लेकिन इस बार उन्हें किसी भी टीम ने ख़रीदने के क़ाबिल नहीं समझा।
स्पिन गेंदबाज़
इश सोढ़ी ये बात बेहद निराश करने वाली है है कि दुनिया के नंबर वन टी-20 गेंदबाज़ को आईपीएल नीलामी 2018 में किसी ने भी बोली नहीं लगाई। न्यूज़ीलैंड टीम में इश सोढ़ी किसी तूफ़ान से कम नहीं हैं। सोढ़ी एक बेहतरीन लेग स्पिन गेंदबाज़ हैं। 25 साल के सोढ़ी की टी-20 अंतरराष्ट्रीय में गेंदबाज़ी की इकॉनमी रेट 7.1 और स्ट्राइक रेट 17 के आस-पास है है। वो भारतीय पिच पर कमाल दिखा सकते थे, लेकिन उन्हें इस बार मौक़ा नहीं मिला। सैम्युअल बद्री वेस्टइंडीज़ के सैम्युअल बद्री ने भले ही एक बार भी टेस्ट मैच न खेला हो, लेकिन वो 150 से ज़्यादा टी-20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेल चुके हैं। इसके बावजूद वो आईपीएल में अपने करियर को ऊंचाई नहीं दे पाए हैं। आईपीएल में खेले गए 7 मैच में उन्होंने 9 विकेट हासिल किए हैं। बद्री चेन्नई सुपरकिंग्स, राजस्थान रॉयल्स और रॉयल चैलेंजर्स बैंगलौर टीम का हिस्सा रह चुके हैं। उनकी बेस प्राइस 1 करोड़ रखी गई थी, लेकिन उनकी तरफ़ किसी टीम ने दिलचस्पी नहीं दिखाई।
तेज़ गेंदबाज़
डेल स्टेन ऐसा लग रहा है कि इस वक़्त डेल स्टेन के साथ कुछ भी सही नहीं हो रहा है। वो पिछले कुछ सालों से अपनी चोट की वजह से परेशान रहे हैं, शायद यही वजह कि किसी भी टीम ने स्टेन को लेकर दांव खेलनी मुनासिब नहीं समझा। आईपीएल में उन्होंने 90 मैच में 6.7 की औसत से 92 विकेट हासिल किए हैं। स्टेन रॉयल चैलेंजर्स बैंगलौर, डेक्कन चार्जर्स, गुजरात लॉयंस के लिए खेल चुके हैं, इतने तजुर्बे के बावजूद वो नहीं बिक पाए। लसिथ मलिंगा मलिंगा आईपीएल में सबसे ज़्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज़ों में से एक हैं। इसके अलावा वो 3 बार की चैंपियन टीम मुंबई इंडियंस का हिस्सा रह चुके हैं। मलिंगा ने 110 आईपीएल मैच में 154 विकेट हासिल किए हैं। उन्होंने अमिल मिश्रा से 20 विकेट ज़्यादा लिए हैं। उनकी पुरानी टीम मुंबई इंडियंस समेत किसी भी टीम ने उन्हें ख़रीदना सही नहीं समझा। उनकी बढ़ती उम्र शायद इसकी बड़ी वजह हो सकती है। मलिंगा साल 2011 के आईपीएल सीज़न में पर्पल कैप हासिल किया था। कई बार वो चोट का भी शिकार हुए। वक़्त के साथ बल्लेबाज़ अपने हुनर को और तराश रहे हैं, ऐसे में मलिंगा की यॉर्कर गेंद अब ज़्यादा कामयाब नहीं रह गई है। लेखेक – अरविंद श्रीराम अनुवादक – शारिक़ुल होदा