पहले टी20 विश्वकप 2007 भारत की जीत में सबसे महत्वपूर्ण खिलाड़ी रहे युवराज सिंह वर्तमान समय में अपने फॉर्म से जूझ रहे हैं और इसी वजह से कल होने वाले आईपीएल की नीलामी में उनपर बड़ी बोली लगने काफी सम्भावना काफी कम है। एक समय टी20 के सबसे खतरनाक बल्लेबाजों में शुमार रहे युवी पिछले कुछ समय से मैदान पर लगातार असफल हो रहे हैं और यही कारण है कि उनके लिए नीलामी में बहुत बोली लगे इसकी संभावना न के बराबर है। युवराज 2007 टी20 विश्वकप और 2011 विश्वकप में विजेता टीम का हिस्सा रहे हैं और नीलामी में इस बार उनका बेस प्राइज़ 2 करोड़ रूपये है। हाल ही में भारतीय घरेलू सैयद मुश्ताक अली टी20 टूर्नामेंट में बल्ले से उनका प्रदर्शन काफी निराशाजनक रहा और पूरे टूर्नामेंट में युवी ने 216 गेंदों का सामना करके 208 रन ही बनाये और उनका स्ट्राइक रेट मात्र 96.30 का रहा। मैच दर मैच बात की जाये तो युवी ने क्रमश 50* (40 गेंद), 35* (35 गेंद), 8 (16 गेंद), 4 (8 गेंद), 21 (14 गेंद), 29 (25 गेंद), 40 (34 गेंद), 17 (33 गेंद) और 4 (11 गेंद) रन बनाये हैं। बाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने ज्यादातर मैच में शीर्ष- 4 में बल्लेबाजी की है लेकिन कभी भी खुलकर बल्लेबाजी नहीं कर पाये और उनकी टीम पर भी इसका असर पड़ा, लिहाज़ा पंजाब फाइनल में भी नहीं पहुँच पाई। पिछले 4 आईपीएल सत्रों में युवी 3 टीमों का हिस्सा रहे हैं। रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर और दिल्ली डेयरडेविल्स में ने उन्हें क्रमश 14 करोड़ और 16 करोड़ देकर नीलामी में खरीदा लेकिन उनके लचर प्रदर्शन की वजह से दोनों ही टीमों ने उन्हें एक सत्र के बाद ही रिलीज कर दिया। आईपीएल फ्रेंचाईजी के एक अधिकारी ने पीटीआई से बताया “आईपीएल के बाद टीमें उन्हें रिलीज कर देती है और इसका मुख्य कारण है कि वह मिले पैसे के मुताबिक प्रदर्शन नहीं कर पाते।” अधिकारी ने आगे कहा कि ''अब यह कहना भी मुश्किल है कि आईपीएल के 14 मैचों में से वह 5-6 में भी अपनी छाप छोड़ पाएंगे या नहीं। उनकी गेंदबाजी में पहले जैसा दमखम नहीं रहा और फील्डिंग का स्तर भी काफी नीचे चला गया है। कोई टीम उन्हें बेस प्राइज़ पर भी खरीद ले तो बड़ी बात होगी। हो सकता है किंग्स XI पंजाब उन्हें खरीदे जिसके लिए उन्होंने शुरुआत के तीन सत्र खेले हैं।'' अपनी बात आगे बढ़ते हुए अधिकारी ने यह भी कहा कि ''फ्रेंचाईजी उन पर 2 करोड़ रूपये लगाने के बजाये उतने पैसे में कुछ बेहतरीन अनकैप भारतीय खिलाड़ी को खरीद ले।'' हरभजन सिंह और गौतम गंभीर की तरह युवी के पास कप्तानी की भी क्षमता नहीं है और यह बात भी उनके खिलाफ जाती है। इसके बावजूद उनके लिए सबसे अच्छी बात है कि उनका नीलामी के शुरुआत में ही आएगा और उस समय सभी फ्रेंचाईजी के पास पैसे रहेंगे तो हो सकता है कोई उन्हें खरीद ले।