विदेशी खिलाड़ी हमेशा इंडियन प्रीमीयर लीग के एक अभिन्न अंग रहे हैं। विदेशी खिलाड़ियों की ऊँची कीमत के चलते, इन विदेशी पेशेवर खिलाड़ियों के मैच विजेता होने की उम्मीद की जाती है और यह उम्मीद होती है कि वह हर मैच में अच्छा प्रदर्शन करें। अगर कोई खिलाड़ी किसी सत्र में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाता है, तो फ्रैंचाइजी उन्हें बेचने में संकोच नहीं करती हैऔर उनके स्थान पर नए खिलाड़ी ले आती है। यहाँ हम विदेशी खिलाड़ियों की ऐसी सूची लेकर आयें है जिन्होंने सर्वाधिक आईपीएल फ्रैंचाइजियों का प्रतिनिधित्व किया है। (इस फ़ेहरिस्त केवल उन खिलाड़ियों को शामिल किया गया है जिन्होंने 5 या अधिक टीमों के लिए खेला है। पुणे वॉरियर्स इंडिया और राइजिंग पुणे सुपरजाएंट को दो अलग-अलग टीमें माना गया है। सनराइज़र्स हैदराबाद और डेक्कन चार्जर्स को भी दो अलग-अलग टीमों के रूप में देखा गया है।)
आरोन फ़िंच (राजस्थान रॉयल्स, दिल्ली डेयरडेविल्स, पुणे वॉरियर्स, सनराइज़र्स हैदराबाद, मुंबई इंडियंस, गुजरात लायंस, किंग्स-XI पंजाब)
आईपीएल के इतिहास में 7 अलग अलग आईपीएल फ्रैंचाइजी का हिस्सा बनने वाले एकमात्र खिलाड़ी आरोन फिंच ने अपना करियर राजस्थान रॉयल्स के साथ शुरू किया और 2010 तक उनके लिए खेला। 2011 में उन्हें दिल्ली डेयरडेविल्स द्वारा चुना गया था, और उसके बाद से लगभग हर सीजन में उनकी टीम बदलती रही है। उन्हें 2013 में पुणे वॉरियर्स इंडिया ने अपने दल का हिस्सा बनाया, जिसके बाद उन्हें 2014 में सनराइजर्स हैदराबाद ने चुन लिया। एक ख़राब सत्र के बाद, एसआरएच ने उन्हें जाने दिया, जिसके बाद वह अगले साल मुंबई इंडियंस में शामिल हो गए। उन्होंने 2015 में मुंबई के लिए केवल 3 मैच खेले थे और चोट के कारण पूरे सत्र से बाहर होना पड़ा था। 2016 में उन्हें गुजरात लायंस ने चुना और आईपीएल से इस टीम के बाहर निकलने के बाद अब वह 2018 के आगामी सीजन के लिए किंग्स-XI पंजाब के साथ खेलते नज़र आएंगे। इसे भी पढ़ें: IPL 2018: ये खिलाड़ी हैं 'इमर्जिंग प्लेयर ऑफ़ द ईयर' अवॉर्ड के दावेदार
थिसारा परेरा (चेन्नई सुपर किंग्स, कोच्ची टसकर्स, मुंबई इंडियंस, सनरायिज़र्स हैदराबाद , किंग्स-XI पंजाब, राइज़िंग पुणे सुपरजाएंट)
श्रीलंका का यह ऑलराउंडर जब टी -20 क्रिकेट में पूरे फॉर्म में हो तो वह खतरनाक टी -20 खिलाड़ी होता है। उनके नाम 5 वर्षों में लगातार 5 अलग-अलग फ्रैंचाइजी के लिए खेलने का एक दुर्लभ रिकॉर्ड है। थिसारा परेरा 2010 में चेन्नई सुपर किंग्स और 2011 में कोच्चि टस्कर्स केरल का हिस्सा थे। वह 2012 में मुंबई इंडियंस में शामिल हुए थे और एक सीज़न के बाद बाहर कर दिए गये थे। 2013 में उन्होंने खुद को सनराइजर्स हैदराबाद के साथ पाया, लेकिन अगले वर्ष फ्रैंचाइज़ी ने उनके साथ नहीं बने रहने का फैसला किया। इसके बाद वह (2014 और 2015) के लिए किंग्स-XI पंजाब में शामिल हुए जिसके बाद उन्हें राइजिंग पुणे सुपरजाएंट ने चुन लिया। अपने कमजोर प्रदर्शन के कारण उन्हें 2017 में और इस साल भी कोई खरीदार नही मिल पाया था।
स्टीव स्मिथ (रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर, कोच्ची टसकर्स, पुणे वॉरियर्स इंडिया, राजस्थान रॉयल्स, राइजिंग पुणे सुपरजाएंट)
ऑस्ट्रेलियाई कप्तान स्टीव स्मिथ भी अपनी राष्ट्रिय टीम के साथी फिंच की तरह विभिन्न आईपीएल फ्रेंचाइजी के लिए खेलते रहे हैं। 2010 में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के साथ अपना करियर शुरू करने के बाद, उन्होंने अगले साल कोच्चि टस्कर्स केरल की ओर से खेला। आईपीएल से सिर्फ एक सीजन के बाद कोच्चि से बाहर होने के बाद, वह 2012 में पुणे वॉरियर्स इंडिया में आये। पुणे की फ्रैंचाइजी भी लंबे समय तक नहीं टिक पाई और 2013 में लीग से बाहर हो गयी, जिसके बाद स्मिथ को राजस्थान रॉयल्स ने 2014 में चुना और जब 2016 और 2017 सत्र के लिए टीम को प्रतिबंधित कर दिया गया था, तो बाद में पुणे की एक अन्य फ्रैंचाइजी राइजिंग पुणे सुपरजाएंट ने उन्हें चुना। 2018 में वह खुद को फिर से राजस्थान रॉयल्स के साथ खेलते हुए पायेंगे।
केविन पीटरसन (रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर, डेक्कन चार्जर्स, दिल्ली डेयरडेविल्स, सनराइज़र्स हैदराबाद, राइजिंग पुणे सुपरजाएंट)
विवादों में रहने वाले इस इंग्लिश खिलाड़ी ने 2009 में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के साथ आईपीएल करियर शुरू किया था। कुछ सत्रों के बाद उन्हें 2011 में डेक्कन चार्जर्स ने चुना था, लेकिन चोट के चलते उनके लिए कोई मैच नहीं खेल पाये। अगले सत्र में डेक्कन चार्जर्स ने उन्हें वापस नही चुना और केपी को 2012 में दिल्ली के रूप में एक नया घर मिला। वह 3 साल के लिए उनके लिए खेले लेकिन एक ख़राब 2014 सीज़न के बाद, उन्हें यहाँ से भी बाहर कर दिया गया था। वह 2015 में हैदराबाद की एक अन्य फ्रैंचाइजी सनराइजर्स हैदराबाद में शामिल हो गए थे, लेकिन उनके लिए खेलने के लिए तैयार नहीं हुए क्योंकि तब उन्होंने एक पूरे इंग्लिश काउंटी सीजन को खेलना पसंद किया, जिससे उनकी राष्ट्रीय टीम में वापसी की संभावना बढ़ सके। हालाँकि उनकी टीम में वापसी भी नहीं हुई और 2016 के सत्र से पहले एसआरएच द्वारा केपी को रिलीज़ कर दिया गया। वह 2016 में राइज़िंग पुणे सुपरजाएंट में शामिल हो गए थे, लेकिन सिर्फ 4 मैच के बाद ही वह चोट की वजह से बाहर हो गए। और इसी के साथ उनके आईपीएल कैरियर का भी अंत हो गया। लेखक: अथर्व आपटे अनुवादक: राहुल पांडे