आईपीएल के शाम के मैचों के समय में हो सकता है बदलाव, 8 की बजाय 7 बजे से मैच शुरु कराने का सुझाव

इंडियन प्रीमियर लीग के शाम के मैचों को एक घंटा पहले कराने का सुझाव आया है। अभी आईपीएल के शाम के मैच 8 बजे से शुरु होते हैं लेकिन अब इसको 7 बजे से ही शुरु कराने का सझाव आया है। हालांकि अभी इसके लिए टेलीविजन ब्राडकास्टर स्टार इंडिया की मंजूरी मिलनी बाकी है। अगर सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो इस बार के सीजन से आईपीएल के शाम के मैच 8 की बजाय 7 बजे से शुरु होंगे। एक घंटा पहले मैच शुरु कराने का कारण ये है कि 8 बजे से शुरु होने वाले मैच लगभग आधी रात तक खिंच जाते हैं। इससे स्टेडियम में आए दर्शकों और घर में टीवी पर मैच देखने वाले फैंस को भी दिक्कत होती है। हालांकि अगर रात के मैच 7 बजे से शुरु होते हैं तो दिन के मैच को 4 बजे की बजाय 3 बजे से ही शुरु करना पड़ेगा। आईपीएल के चेयरमैन राजीव शुक्ला ने इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में कहा कि इसको लेकर बस एक राय दी गई और सबने इसका स्वागत किया। लेकिन हमें सबसे पहले इसके लिए ब्राडकास्टर की सहमति लेनी होगी। बहुत सारी ऐसी जगहें हैं जहां पर स्टेडियम से रात में वापस जाने पर दिक्कतें आती हैं। इन सब बातों पर हमने चर्चा की और सोंचा क्यों ना मैच एक घंटा पहले शुरु कराया जाए। राजीव शुक्ला ने आगे कहा कि अब सब कुछ स्टार इंडिया पर निर्भर है, बिना उनकी मंजूरी के हम कुछ नहीं कह सकते। 5 दिसंबर को नई दिल्ली में आईपीएल की गवर्निंग काउंसिल की मीटिंग है उसमें इसको लेकर चर्चा की जाएगी।

वहीं मीटिंग में एक और बदलाव को मंजूरी दे दी गई। जैसे यूरोपियन फुटबॉल टीमों में खिलाड़ी टूर्नामेंट के बीच में किसी दूसरे फ्रेंचाइजी में जा सकते हैं, ठीक उसी तरह अब आईपीएल में भी खिलाड़ी दूसरी टीमों को ज्वॉइन कर सकते हैं। अगर किसी खिलाड़ी ने 7 में से 2 मैच खेल लिए हैं तो वो दूसरी फ्रेंचाइजी में जा सकते हैं। इस पर राजीव शुक्ला ने कहा कि मिड ट्रांसफर विंडो पर सभी फ्रेंचाइजी ने सहमति जताई। इससे उन खिलाड़ियों को काफी फायदा होगा जिन्हें अंतिम 11 में जगह नहीं मिल रहा हो तो वे अपने हिसाब से दूसरी टीम में जा सकते हैं। इसको लेकर जल्द ही आईपीएल की गवर्निंग काउंसिल की मीटिंग होगी जिसमें इन सब मुद्दों पर फैसला किया जाएगा। गौरतलब है आईपीएल में इस बार राजस्थान रॉयल्स और चेन्नई सुपर किंग्स की टीम 2 साल के निलंबन के बाद वापसी कर रही हैं। वहीं खिलाड़ियों को बरकरार रखने की संख्या के ऊपर भी अभी आखिरी फैसला लिया जाना बाकी है।
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