टी-20 फ़ॉर्मेट ने क्रिकेट के खेल में काफ़ी बदलाव लाया है, इस प्रारूप ने खेल को देखने का नज़रिया ही बदल डाला है। टी-20 के आने के बाद फ़िटनेस, विकेट के बीच दौड़ लगाना और ख़तरनाक फ़ील्डिंग करने की अहमियत बढ़ गई है। इंडियन प्रीमियर लीग के शुरू होने पर युवाओं के लिए भविष्य के द्वार खुल गए हैं। उन्हें अनुभवी खिलाड़ियों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर मैच खेलने का मौका मिलता है। जब साल 2008 में आईपीएल की शुरूआत हुई थी, तब ये अंदाज़ा लगाना मुश्किल था कि इस टूर्नामेंट को कितनी कामयाबी मिलेगी। लेकिन एक दशक बाद सारी शंकाएं दूर हो गईं। साल 2008 में ही भारतीय क्रिकेट इतिहास की बड़ी घटना हुई थी, उस दौरान विराट कोहली ने अपनी कप्तानी में भारत को आईसीसी अंडर-19 वर्ल्ड कप दिलाया था। उस वर्ल्ड कप के युवा खिलाड़ियों को बाद आईपीएल में आईपीएल में खेलने का मौका मिला। हम यहां साल 2008 की उसी चैंपियन भारतीय टीम के खिलाड़ियों के आईपीएल में मौजूदा हालात की चर्चा कर रहे हैं। नोट: आईसीसी अंडर-19 वर्ल्ड कप 2008 की चैंपियन टीम के 2 खिलाड़ी पेरी गोयल और दुव्वारापु सिवा कुमार कभी भी आईपीएल की किसी टीम में शामिल नहीं हुए। अजितेश अर्गल किंग्स XI पंजाब टीम में और नेपोलियन आइंस्टाइन चेन्नई सुपरकिंग्स में शामिल किए गए थे लेकिन एक भी मैच खेलने में नाकाम रहे।
विराट कोहली - 8/10
अंडर-19 वर्ल्ड कप विजेता टीम के कप्तान विराट कोहली की पहचान बताने की ज़रुरत नहीं, उनका नाम ही काफ़ी है। दिल्ली के रहने वाले इस खिलाड़ी को आरसीबी टीम ने ख़रीदा था, तब से लेकर अब तक वो इसी टीम के सदस्य रहे हैं और आज वो बैंगलौर टीम के कप्तान हैं। आईपीएल में वो दूसरे सबसे ज़्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज़ हैं। साल 2016 में उन्होंने 937 रन बनाकर ऑरेंज कैप हासिल किया था। साल 2008 में कोहली की तनख़्वाह 30,000 यूएस डॉलर थी जो आज 25,00,000 यूएस डॉलर हो गई है। हांलाकि उनको अब तक पहली आईपीएल ट्रॉफ़ी जीतने का इंतज़ार है।
रविंद्र जडेजा - 8/10
वो आईसीसी अंडर-19 वर्ल्ड कप 2008 की चैंपियन टीम के उप-कप्तान थे। उन्होंने अपनी क़ाबिलियत के दम पर टीम इंडिया में जगह बनाई। आईपीएल में सबसे पहले वो राजस्थान रॉयल्स टीम के सदस्य थे। उनके योगदान की बदौलत राजस्थान टीम ने पहला आईपीएल ख़िताब जीता था। साल 2010 में कॉन्ट्रैक्ट की गड़बड़ी की वजह से उन्हें 1 साल का बैन भी झेलना पड़ा। साल 2011 में वो कोच्चि टस्कर्स केरला में शामिल हुए, फिर साल 2012 में वो चेन्नई सुपरकिंग्स में शामिल हुए। चेन्नई पर लगे 2 साल के बैन की वजह से वो गुजरात लॉयंस टीम में शामिल हो गए और साल 2018 में दोबारा चेन्नई टीम के सदस्य बने। आईपीएल में उन्होंने 83 विकेट हासिल किए हैं और 1776 रन बनाए हैं।
मनीष पांडेय - 8/10
मनीष पांडेय सबसे पहले साल 2008 में मुंबई इंडियंस टीम में चुने गए थे। लेकिन वो पहली बार सुर्खियों में तब आए जब साल 2009 में आरसीबी टीम की तरफ़ से खेलते हुए उन्होंने डेक्कन चार्जर्स के ख़िलाफ़ शतक लगाया था। वो आईपीएल में सेंचुरी लगाने वाले पहले भारतीय और अनकैप्ड बल्लेबाज़ थे। साल 2011 में वो पुणे वॉरियर्स में शामिल हुए, साल 2013 में उन्हें केकेआर टीम ने ख़रीदा। उसी साल मनीष ने अपने खेल की बदौलत केकेआर को पहला आईपीए ख़िताब दिलाया था। इस साल की आईपीएल नीलामी में उन्हें 11 करोड़ रुपये में ख़रीदा था। आईपीएल करियर में उन्होंने अब तक 2000 से ज़्यादा रन बनाए हैं।
सौरभ तिवारी - 6/10
झारखंड सौरभ तिवारी को सबसे पहले मुंबई इंडियंस ने ख़रीदा था। वो पहली बार चर्चा में तब आए थे जब साल 2010 के आईपीएल सीज़न में उन्होंने मध्य क्रम में खेलते हुए 419 रन बनाए थे। अपने प्रदर्शन की बदौलत उन्होंने मुंबई को आईपीएल टूर्नामेंट के फ़ाइनल में पहुंचाया था। उस साल वो ‘इमर्जिंग प्लेयर ऑफ़ आईपीएल’ के ख़िताब से नवाज़े गए थे। साल 2010 में आरसीबी टीम ने उन्हें 1.6 मिलियन डॉलर में ख़रीदा था। लेकिन वो बैंगलौर टीम में नाकाम साबित हुए। फिर उन्हें दिल्ली टीम ने 70 लाख में ख़रीदा। साल 2016 में वो राइज़िंग पुणे सुपरजायंट टीम में शामिल हुए। साल 2017 में वो मुंबई टीम में दोबारा शामिल किए गए।
इक़बाल अब्दुल्लाह - 6/10
साल 2008 के आईपीएल सीज़न में केकेआर टीम ने इक़बाल अब्दुल्लाह को ख़रीदा था, पहले 3 सीज़न में उन्हें महज़ 4 मैच खेलने का मौका मिला था। साल 2011 के सीज़न में उन्हें सभी 15 मैच में शामिल किया गया। इस दौरान उन्होंने 6.10 की इकॉनमी रेट से 16 विकेट हासिल किए थे। साल 2011 में वो ‘इमर्जिंग प्लेयर ऑफ़ आईपीएल’ के ख़िताब से नवाज़े गए थे, साल 2012 में वो चैंपियन केकेआर टीम का हिस्सा थे। साल 2015 में उन्हें आरसीबी टीम में शामिल किया गया था जहां वो 2016 तक बने रहे। आरसीबी की तरफ़ से उन्होंने 14 मैच खेले और 10 विकेट हासिल किए। इस साल की आईपीएल नीलामी में वो नहीं बिके थे।
सिद्धार्थ कौल - 6/10
साल 2008 का आईसीसी अंडर-19 वर्ल्ड कप जीतने के बाद सिद्धार्थ कौल चोट से परेशान रहे, लेकिन घरेलू क्रिकेट में मज़बूती से उभरे। साल 2008 में वो केकेआर टीम में शामिल किए गए। साल 2013 और 2014 में वो दिल्ली डेयरडेविल्स टीम का हिस्सा रहे। साल 2016 में उन्हें सनराज़र्स हैदराबाद ने ख़रीदा। अपनी मेहनत की बदौलत साल 2017 में वो टीम इंडिया में शामिल किए गए थे।
श्रीवत्स गोस्वामी - 4/10
साल 2008 का आईसीसी अंडर-19 वर्ल्ड कप चैंपियन टीम में वो विकेटकीपर की भूमिका निभा रहे थे। साल 2008 में आरसीबी टीम में शामिल किए गए जहां उन्हें 4 मैच खेलने का मौका मिला। इस दौरान उन्होंने एक अर्धशतक लगाया और मैन ऑफ़ द मैच हासिल किया। उन्होंने आरसीबी, केकेआर, राजस्थान रॉयल्स और सनराइज़र्स हैदराबाद की तरफ़ से 23 मैच खेल हैं जिसमें उनका स्ट्राइक से रेट 100 के आस-पास रहा है। वो आज हैदराबाद टीम में बैक-अप विकेटकीपर के तौर पर हैं।
अभिनव मुकुंद - 2/10
तमिलनाडु के अभिवन मुकुंद से काफ़ी उम्मीदें थी लेकिन वो अपने करियर में नाकाम रहे। पहले वो टीम इंडिया के टेस्ट ओपनर के तौर पर स्थापित नहीं हो पाए। आईपीएल में उन्हें आरसीबी टीम की तरफ़ से एक और चेन्नई सुपरकिंग्स टीम में एक मैच खेलने का मौका मिला जिसमें उन्होंने कुल 19 रन बनाए। अब आईपीएल में उनकी वापसी हो पाना मुश्किल है।
प्रदीप सांगवान - 4/10
दिल्ली डेयरडेविल्स ने प्रदीप सांगवान को काफ़ी उम्मीदों से अपनी टीम में शामिल किया था, लेकिन वो टीम के लिए कुछ ख़ास नहीं कर पाए। आईपीएल में उन्होंने दिल्ली, केकेआर, मुंबई और गुजरात टीम के लिए 39 मैच खेले हैं जिसमें उन्होंने 35 विकेट हासिल किए थे। इस साल उन्होंने दिल्ली टीम में दोबारा वापसी की है, लेकिन उन्हें अब तक एक ही मैच खेलने का मौका मिला।
तरुवर कोहली - 2/10
साल 2008 की आईसीसी अंडर-19 वर्ल्ड कप में एक और कोहली शामिल थे जिनका नाम है तरुवर कोहली। उस वर्ल्ड कप में तरुवर ने लगातार 3 अर्धशतक लगाए थे। साल 2008 में वो राजस्थान टीम में शामिल किए गए। उन्होंने राजस्थान की तरफ़ से 2 मैच और पंजाब की तरफ़ से 2 मैच खेले जिसमें उन्होंने महज़ 11 रन बनाए।
तनमय श्रीवास्तव- 1/10
तनमय श्रीवास्तव आईसीसी अंडर-19 वर्ल्ड कप 2008 में टीम इंडिया की तरफ़ से सबसे ज़्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी बने थे। साल 2008 में वो किंग्स XI पंजाब टीम में ख़रीदे गए, इस दौरान वो 8 बार प्लेइंग इलेवन में शामिल किए गए लेकिन उन्हें सिर्फ़ 3 बार बल्लेबाज़ी का मौका मिला और इसमें उन्होंने 8 रन बनाए। बाद में वो कोच्चि टस्कर्स केरला और डेक्कन चार्जर्स में शामिल किए गए लेकिन उन्होंने इन दोनों टीम के लिए एक भी मैच नहीं खेला। लेखक- कुशाग्र अग्रवाल अनुवादक- शारिक़ुल होदा