इंडियन प्रीमियर लीग का 10वां सीजन शुरु होने में कुछ ही दिन बचे हैं। आईपीएल के अब तक 9 सीजन में कई टीमों ने ये खिताब अपने नाम किया, कई टीमों ने इसे एक से ज्यादा बार जीता तो कई टीमों को अभी भी आईपीएल ट्रॉफी जीतने का इंतजार है। आईपीएल में किसी भी टीम की जीत उस टीम के सभी खिलाड़ियों के प्रदर्शन पर निर्भर करती है। लेकिन टीम की जीत में सपोर्ट स्टाफ भी एक अहम भूमिका निभाता है। मैदान के अंदर खिलाड़ी जितनी मेहनत करते हैं उतनी ही मेहनत मैदान के बाहर हर टीम का सपोर्ट स्टाफ करता है। कई सारे पूर्व दिग्गज खिलाड़ी इस वक्त आईपीएल में टीमों के कोच या मेंटोर हैं। इनमें से कुछ खिलाड़ी आईपीएल खेल भी चुके हैं। सचिन तेंदुलकर, वीरेंद्र सहवाग और रिकी पोंटिंग जैसे खिलाड़ी इसका सबसे बड़ा उदाहरण हैं। इस ऑर्टिकल में हमने उन 11 पूर्व दिग्गज खिलाड़ियों को मिलाकर एक टीम तैयार की है जो इस वक्त आईपीएल में कोच या मेंटोर हैं। सलामी बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर और वीरेंद्र सहवाग बिना किसी शक के सचिन और सहवाग की जोड़ी सीमित ओवरों के खेल में सबसे अच्छी सलामी जोड़ी है। आईपीएल के सपोर्ट स्टाफ की टीम में सचिन और सहवाग की ओपनिंग जोड़ी बिल्कुल फिट बैठती है। इन दोनों खिलाड़ियों के पास आईपीएल मैचों का अच्छा-खासा अनुभव है। अपनी-अपनी टीमों की तरफ से इन्होंने काफी रन बनाए हैं। ये दोनों सलामी बल्लेबाज टीम को तेज शुरुआत देने में सक्षम हैं। इन दोनों खिलाड़ियों ने 93 वनडे मैचों में भारतीय टीम के लिए ओपनिंग की जिसमें दोनों ने मिलकर 42 की औसत से 3919 रन बनाए। इस दौरान दोनों ही बल्लेबाजों के बीच 12 शतकीय साझेदारियां हुईं। आईपीएल में सचिन तेंदुलकर मुंबई इंडियंस टीम का हिस्सा रहे जबकि सहवाग ने दिल्ली डेयरडेविल्स और किंग्स इलेवन पंजाब की तरफ से मैच खेला। अपने इंटरनेशनल क्रिकेट करियर की तरह सचिन तेंदुलकर आईपीएल में भी सफल रहे। 78 मैचों में सचिन ने 34.83 की औसत से 13 अर्धशतक और 1 शतक लगाते हुए कुल 2334 रन बनाए। 2011 के आईपीएल में 16 मैचों में 553 रन बनाकर वो टूर्नामेंट के टॉप स्कोरर रहे और उन्हें ऑरेंज कैप मिला। वहीं दूसरी तरफ सहवाग ने 104 आईपीएल मैचो में 27.55 की औसत से 2728 रन बनाए। इस दौरान उन्होंने 16 अर्धशतक और 2 शतक लगाए। मिडिल ऑर्डर महेला जयवर्द्धने पूर्व दिग्गज बल्लेबाज महेला जयवर्द्धने श्रीलंका के सबसे सफल बल्लेबाजों में से एक रहे हैं। उन्होंने हर फॉर्मेट में श्रीलंका के लिए रन बनाए। नंबर 3 पर बल्लेबाजी करते हुए उन्होंने टीम को मजबूती प्रदान की और टीम को अच्छे से संभाला। अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद जयवर्द्धने दुनिया की कई टी-20 लीग में खेलते रहे। उन्होंने 220 टी-20 मैच खेले और 29.17 की औसत से 5455 रन बनाए। इस दौरान उन्होंने 36 अर्धशतक और 3 बेहतरीन शतक लगाए। जयवर्द्धने ने आईपीएल में सहवाग की तरह दिल्ली डेयरडेविल्स और किंग्स इलेवन पंजाब की तरफ से मैच खेला। इस समय वो मुंबई इंडियंस के मुख्य कोच हैं। ब्रैड हॉज ब्रैड हॉज ऑस्ट्रेलिया के उन खिलाड़ियों में से एक रहे हैं जो कि ऑस्ट्रेलियन क्रिकेट के गोल्डेन पीरियड का हिस्सा रहे। लेकिन एक बात आपको जानकर हैरानी होगी कि उन्हें ज्यादा अंतर्राष्ट्रीय मैच खेलने का मौका नहीं मिला। हालांकि टी-20 क्रिकेट में वो लगातार अच्छा प्रदर्शन करते रहे। इसलिए 2014 में उन्हें ऑस्ट्रेलिया की टी-20 टीम में शामिल किया गया। दुनियाभर की टी-20 लीगों में ब्रैड हॉज ने शानदार रन बनाए। हाल ही में वो बिग बैश लीग का हिस्सा रहे। कुल मिलाकर ्हॉज 270 टी-20 मैच खेल चुके हैं जिसमें वो 36.87 की औसत से 7338 रन बना चुके हैं। इस दौरान उन्होंने 48 अर्धशतक और 2 शतक लगाए। आईपीएल में इस वक्त वो गुजरात लॉयंस टीम के हेड कोच हैं। जोन्टी रोड्स जोन्टी रोड्स को अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लिए हुए कई साल हो चुके हैं । साल 2003 में अपने करियर के अंतिम पड़ाव पर उन्होंने कुछ टी-20 मैच भी खेले। रोड्स को वर्ल्ड क्रिकेट का अब तक का सबसे बेहतरीन फील्डर माना जाता है। जहां भी वो मैदान में खड़े हो जाते थे उस तरफ से गेंद का निकलना मुश्किल हो जाता था। वहीं मध्यक्रम में वो काफी विस्फोटक बल्लेबाजी भी करते थे। अगर उम्र उनके साथ होती तो वो आज आईपीएल खेल रहे होते। रोड्स ने आईपीएल भले ना खेला हो लेकिन वो इसका हिस्सा जरुर हैं। इस समय वो मुंबई इंडियंस के फील्डिंग कोच हैं। रोड्स ने अपने क्रिकेट करियर में 245 वनडे मैच खेले जिसमे उन्होंने 35.11 की औसत से 5935 रन बनाए। इस दौरान रोड्स ने 33 अर्धशतक और 2 शतक जड़े। ऑलराउंडर्स टॉम मूडी पूर्व ऑस्ट्रेलियाई दिग्गज टॉम मूडी इस वक्त आईपीएल में डिफेंडिंग चैंपियन सनराइजर्स हैदराबाद के हेड कोच हैं। टॉम मूडी श्रीलंका टीम के भी कोच रह चुके हैं। उनकी कोचिंग में श्रीलंकाई टीम 2007 की वर्ल्ड कप फाइनल में पहुंची थी। अपने अंतर्राष्ट्रीय करियर में 1980 से 90 के दौरान टॉम मूडी ऑस्ट्रेलिया के बड़े ऑलराउंडरों में से एक थे। 1999 में ऑस्ट्रेलियाई टीम के वर्ल्ड कप विनिंग टीम का भी वो हिस्सा थे। ऑस्ट्रेलिया की तरफ से मूडी ने 76 वनडे मैचों में हिस्सा लिया। जिसमें उन्होंने 23.28 की औसत से 1211 रन बनाए। इसके अलावा गेंदबाजी में उन्होंने 38.73 की औसत से 52 विकेट चटकाए। मूडी बल्लेबाजी भी काफी अच्छे से कर लेते थे और गेंदबाजी भी अच्छी करते थे। ऐसे में वो इस टीम में ऑलराउंडर के तौर पर एकदम फिट बैठते हैं। डेनियल विट्टोरी डेनियल विट्टोरी न्यूजीलैंड के सबसे सफल गेंदबाजों में से एक रहे हैं। क्रिकेट के तीनों ही प्रारुपों में विट्टोरी खासे सफल रहे। वो वर्ल्ड क्रिकेट के उन गिने चुने क्रिकेटरों में से एक हैं जिन्होंने 300 से ज्यादा विकेट लेने के अलावा 3000 से ज्यादा रन भी बनाए। विट्टोरी को आईपीएल का अच्छा-खासा अनुभव है। वो आईपीएल में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर की कप्तानी भी कर चुके हैं। उनकी कप्तानी में आरसीबी की टीम 2011 के आईपीएल में फाइनल तक पहुंची थी। 34 आईपीएल मैचों में विट्टोरी ने 31.39 की औसत से 28 विकेट झटके। इसके अलावा 15 की औसत से उन्होंने 121 रन भी बनाए। इस समय वो रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के गेंदबाजी कोच हैं। गेंदबाज लक्ष्मीपति बालाजी हाल ही में लक्ष्मीपति बालाजी ने क्रिकेट के सभी प्रारुपों से संन्यास लिया है। अपने करियर के शुरुआती दिनों लक्ष्मीपति बालाजी भारतीय क्रिकेट के हीरो थे। 2004-05 में पाकिस्तान के खिलाफ सीरीज में इरफान पठान के साथ मिलकर लक्ष्मीपति बालाजी ने काफी अच्छा प्रदर्शन किया। उनके उस शानदार प्रदर्शन को सालों तक याद रखा जाएगा। हालांकि चोट की वजह से उनका अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट ज्यादा नहीं चल पाया और 2005 में वो टीम से बाहर हो गए। इसके बाद उन्हें ज्यादा खेलने का मौका नहीं मिला। लक्ष्मीपति बालाजी आईपीएल के सबसे सफल गेंदबाजों में से एक रहे। आईपीएल में उन्होंने चेन्नई सुपर किंग्स, कोलकाता नाइट राइडर्स और किंग्स इलेवन पंजाब की तरफ से मैच खेले। आईपीएल के 73 मैचों में बालाजी ने 26.69 की औसत से 76 विकेट चटकाए। इस समय वो कोलकाता नाइट राइडर्स के बॉलिंग कोच हैं। शेन बॉन्ड अगर चोट की वजह से शेन बॉन्ड का करियर प्रभावित नहीं हुआ होता तो शायद वे दुनिया के सबसे सफल तेज गेंदबाज होते। हालांकि शेन बॉन्ड अपने क्रिकेट करियर के दौरान विपक्षी बल्लेबाजों के लिए खौफ का दूसरा नाम थे। उनकी कहर बरपाती गेंदों का सामना करने में बड़े से बड़े बल्लेबाज के भी पसीने छूट जाते थे। वो लगातार 140 से ऊपर की गेंदबाजी करते थे। बॉन्ड ने अपने 8 सालों के अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट करियर में न्यूजीलैंड की तरफ से 82 वनडे मैच खेले, जिसमें उन्होंने 20.88 की औसत से 147 विकेट चटकाए। आईपीएल के पहले संस्करण में वो कोलकाता नाइट राइडर्स की टीम का हिस्सा थे। इस समय वो मुंबई इंडियंस के बॉलिंग कोच हैं। मुथैया मुरलीधरन वर्ल्ड क्रिकेट में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज मुथैया मुरलीधरन को भला कौन नहीं जानता। अपने करियर के दौरान अपनी गेंदबाजी से उन्होंने श्रीलंकाई टीम की दशा और दिशा ही बदल दी। कई मैच उन्होंने अकेले दम पर जिताए। टेस्ट क्रिकेट में उनके नाम 800 विकेट हैं जो कि एक वर्ल्ड रिकॉर्ड है। टेस्ट क्रिकेट के अलावा वनडे और टी-20 मैचों में मुरलीधरन खासे सफल रहे। वहीं दुनियाभर की टी-20 लीगों में उन्होंने काफी नाम कमाया। मुरलीधरन को आईपीएल मैचों का अच्छा-खासा अनुभव है। आईपीएल में वो चेन्नई सुपर किंग्स और रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर का हिस्सा रहे। 2008 से 2014 के दौरान मुथैया मुरलीधरन ने कुल 66 आईपीएल मैच खेले जिसमें उन्होंने 26.92 की औसत से 63 विकेट चटकाए। इस दौरान उनका इकॉनामी रेट महज 6.67 रहा। इस समय वो सनराइजर्स हैदराबाद के स्पिन गेंदबाजी कोच हैं। एलन डोनाल्ड 1990 के दौरान एलन डोनाल्ड साउथ अफ्रीका के मुख्य तेज गेंदबाज थे। अपने जमाने में डोनाल्ड काफी खतरनाक गेंदबाज थे। पेस के साथ वो गेंद को स्विंग भी काफी अच्छा कराते थे। डोनाल्ड ने टी-20 मैचों में भी अच्छे हाथ दिखाए। साल 2004 में घरेलू टी-20 मैच में हिस्सा लिया जिसमें उन्होंने 2 विकेट चटकाए। डोनाल्ड ने 72 टेस्ट मैचों में 330 विकेट और 164 वनडे मैचों में 272 विकेट चटकाए। इस समय वो रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के बॉलिंग कोच हैं। लेखक- राजदीप पुरी अनुवादक-सावन गुप्ता