भारतीय टीम के पूर्व कप्तान और वर्तमान में एनसीए के डायरेक्टर राहुल द्रविड़ ने मेंटल हेल्थ को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि ये एक बड़ा चैलेंज है। खिलाड़ी पूरे साल खेल रहे हैं और उनके ऊपर दबाव भी काफी रहता है। ये एक ऐसा खेला है, जहां आपको कई बार काफी लंबा इंतजार करना होता है और उस दौरान आप काफी सोचते हैं। इसलिए आपको इसमें संतुलन बनाकर रखने की जरुरत है। हम एनसीए में भी कई ऐसी चीजें चला रहे हैं, जहां लोग अपने मेंटल हेल्थ के बारे में खुलकर बात कर सकें।
आपको बता दें कि हाल ही में ऑस्ट्रेलिया के ग्लेन मैक्सवेल और जेम्स पैटिन्सन ने मेंटल हेल्थ की वजह से क्रिकेट से ब्रेक ले लिया था। वहीं भारतीय कप्तान विराट कोहली ने भी कहा था कि खिलाड़ियों को अपने मेंटल हेल्थ के बारे में खुलकर बात करनी चाहिए।
राहुल द्रविड़ ने इसके अलावा आईपीएल को लेकर भी बड़ा बयान दिया । उन्होंने कहा कि आईपीएल की सभी टीमों को विदेशी कोच की बजाय भारतीय कोच पर ज्यादा जोर देना चाहिए। उनका अनुभव आईपीएल में काफी काम आ सकता है। उन्होंने इस दौरान कहा कि अगर मुख्य कोच नहीं तो असिस्टेंट कोच तो भारतीय कोचों को बनाया जाना चाहिए। मुझे पूरा भरोसा है कि उनका अनुभव टीमों के काफी काम आएगा और वे बेहतर प्रदर्शन कर पाने में सक्षम होंगे। द्रविड़ ने कहा कि मेरे हिसाब से काफी सारी टीमें कोचिंग डिपार्टमेंट में घरेलू प्रतिभाओं को मौका ना देकर गलत कर रही हैं। ये मेरी निजी राय है।
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द्रविड़ ने आगे कहा कि आईपीएल में काफी सारे भारतीय खिलाड़ी हैं और उनके बारे में भारतीय कोचों को ज्यादा जानकारी है। मेरा मानना है कि अगर सभी टीमें भारतीय कोच नियुक्त करें, तो उन्हें काफी फायदा होगा। क्योंकि वो भारतीय खिलाड़ियों को ज्यादा बेहतर तरीके से जानते और समझते हैं। भले ही उन्हें असिस्टेंट कोच ही क्यों ना नियुक्त किया जाए। द्रविड़ ने कहा कि एनसीए के तहत भी हम काफी सारे भारतीय कोचों को आगे बढ़ने में मदद कर रहे हैं।
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