टेंडर प्रक्रिया द्वारा बेचे जाएंगे आईपीएल टीवी अधिकार

भारतीय टीवी मार्केट में उपस्थिति की बात की जाए तो सोनी पिक्चर्स नेटवर्क इंडिया (एसपीएनआई) को तगड़ा झटका लगने वाला है क्योंकि भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के साथ इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के लिए उसके प्रसारण अधिकार 2017 संस्करण के साथ खत्म हो जाएगा। बीसीसीआई अब टेंडर प्रक्रिया के द्वारा टीवी अधिकार बेचने की सोच रहा है। 2013 आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग स्कैंडल और बेटिंग स्कैंडल के कारण चेन्नई सुपर किंग्स और राजस्थान रॉयल्स को दो वर्ष के लिए निलंबित कर दिया गया। दोनों ही टीमों के जबर्दस्त समर्थक है और इससे भारतीय टीवी मार्केट पर भी असर पड़ा है। हालांकि बीसीसीआई को उम्मीद है कि सोनी के साथ 2008 में 10 साल की डील का उसे भारी मुनाफा हुआ है, जिसका अंत आईपीएल के 2017 संस्करण में होगा। बीसीसीआई को नए आईपीएल टीवी अधिकार डील से बड़े मुनाफे की उम्मीद है और इसमें लोढ़ा समिति की प्रमुख सिफारिश भी शामिल रहेगी, जिसमें टेंडर प्रक्रिया द्वारा सभी प्रसारण अधिकार बेचने की बात कही गई है। इसकी वजह से सोनी को बहुत बड़ा नुकसान हो सकता है। बीसीसीआई अधिकारी ने ईएसपीएनक्रिकइंफो से शनिवार को बातचीत में कहा, 'हमें उन्हें निर्णायक ऑफर देना है। यह अनुबंध में बताया गया था। हम कई बार मिल चुके हैं और हमने कहा है कि आज के जमाने में यह सबसे बड़ा खेल करार है और अब यह ओपन टेंडर द्वारा होगा। इसका कोई और रास्ता नहीं है।' 'ओपन टेंडर द्वारा पारदर्शिता प्रक्रिया सही जरिया होगा और यही इस संपत्ति के सही रकम का तरीका होगा। 18 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट के फैसले में स्पष्ट रूप से बताया गया है कि भविष्य में होने वाली सभी डीलों को टेंडर द्वारा होना चाहिए। इसलिए अगर हम कुछ भी अतिरिक्त करेंगे तो वह निर्देश को नहीं मानना कहलाएगा।' सूत्रों ने दावा किया है कि सोनी हार नहीं मानेगा और टेंडर प्रक्रिया में भी हिस्सा लेगा। बीसीसीआई और एसपीएनआई के बीच चल रहे करार के मुताबिक दोनों पार्टियों के बीच नए करार को लेकर बात हुई थी। 2016 आईपीएल फाइनल के बाद दोनों के बीच 60 दिन की विंडो को लेकर बातचीत हुई जिसमें उम्मीद जताई गई कि सोनी के करार को दोहराया जा सकता है। एसपीएनआई के सीईओ एनपी सिंह के मुताबिक, 'जब बीसीसीआई ने आईपीएल की कल्पना की थी, तब हमने उसे गेम-चेंजिंग संपत्ति समझा था। इसके बाद से बीसीसीआई के साथ मिलकर लीग को बहुत बढ़ावा दिया। हमारा समझौता 10 वर्ष पुराना हो चुका है और दोनों ही पार्टियों ने हमेशा इसका पत्र और भावना के साथ पालन किया है। जहां मैं किसी एक क्लॉज़ पर टिपण्णी नहीं कर सकता, मैं यह कह सकता हूं कि हम सही करार को लेकर आश्वस्त हैं।' उन्होंने आगे कहा, 'आईपीएल आज जहां है उसके लिए हमने बीसीसीआई और फ्रेंचाइजियो के साथ मिलकर बहुत मेहनत की है। हम इसे भविष्य में भी आगे बढ़ाना चाहते हैं।' बातचीत में शामिल बीसीसीआई के सूत्र ने बताया कि सोनी शायद बीसीसीआई को कोर्ट में भी घसीट सकता है क्योंकि दोनों पार्टियों के बीच सही फैसला नहीं निकला। ईएसपीएन क्रिकइंफो ने सूत्र के हवाले से लिखा, 'एसपीएनआई ने इसे स्वीकार नहीं किया। कानूनी विकल्प और सभी को मिलाकर काफी चीजे बची है। एसपीएनआई का मानना है कि बीसीसीआई ने इस करार की इज्जत नहीं की। सोनी ने बीसीसीआई से कहा कि आईपीएल गैर-मौजूदा संपत्ति थी। उन्होंने उसमें निवेश किया और आज आईपीएल को उस मुकाम तक पहुंचाया।' ऐसा प्रतीत हो रहा है कि सिंह के शब्दों से बीसीसीआई अपना फैसला नहीं बदलेगी और वह टेंडर प्रक्रिया पर ही कायम रहेगी। सोनी नीलामी प्रक्रिया में हिस्सा ले सकता हैं जहां उसे स्टार इंडिया ग्रुप से कड़ी टक्कर मिल सकती है। स्टार इंडिया ग्रुप ने कभी भी आईपीएल टीवी अधिकार खरीदने में रूचि दिखाने का कोई राज नहीं रखा।

Edited by Staff Editor
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