टेस्ट क्रिकेट को बढ़ावा देने के लिए आईसीसी अपने एसोसिएट सदस्यों में टॉप दो टीमों, आयरलैंड और अफ़ग़ानिस्तान को जल्द ही टेस्ट दर्ज़ा देने के बारे में सोच सकती है। तीन साल के अन्दर ये दोनों देश टेस्ट दर्ज़ा हासिल करने के सभी शर्तों को पूरा कर लेंगी और इसी वजह से 2019 तक इन्हें टेस्ट देशों में शामिल किया जा सकता है। आईसीसी के एक सूत्र ने कहा," इन दोनों देशों को टेस्ट दर्ज़ा मिलने के बारे में इस साल के अंत तक पूरा फैसला लिया जा सकता है। देश को बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के लिए बुनियादी संरचना तैयार करनी होती है। इसीलिए जब तक ये चीज़ पूरी नहीं होती, कोई फैसला नहीं लिया जा सकता है। अभी नियम के मुताबिक टेस्ट खेलने वाले देशों की संख्या 12 करनी है और टॉप 2 एसोसिएट देशों को टेस्ट का दर्ज़ा मिलेगा।" अभी काहल रहे इंटरकॉन्टिनेंटल कप को अगर पैमाना बनाया जाएगा तो फिर आयरलैंड और अफ़ग़ानिस्तान आसानी से टेस्ट दर्ज़ा हासिल कर लेंगी। अगर दोनों देशों को टेस्ट का दर्ज़ा मिला तो 2000 में बांग्लादेश को टेस्ट दर्ज़ा मिलने के बाद उसे हासिल करने वाली ये दोनों पहली टीम होंगी। क्रिकेट आयरलैंड के एक सदस्य ने कहा कि हम 2007 से ही टेस्ट का दर्ज़ा हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं। आयरलैंड की टीम कई सालों से एसोसिएट देशों में टॉप पर मौजूद है। वहीँ पिछले कुछ सालों में एकदम से अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में उभरी अफ़ग़ानिस्तान के लिए ये बहुत बड़ी उपलब्धि होगी। हालांकि इस बात का फैसला लेने में काफी मुश्किल होगी कि अफ़ग़ानिस्तान अपने घरेलू मैच कहाँ खेलेगी। फ़िलहाल वो अपने घरेलू मैच भारत के ग्रेटर नॉएडा में खेलती है क्योंकि अफ़ग़ानिस्तान की हालत क्रिकेट खेलने के लिए सही नहीं है और वहां मैच करवाना खतरे से खाली नहीं हो सकता। अब देखना है कि किस्तनी जल्दी आईसीसी इस बात का फैसला लेगी और क्या अगले साल की शुरुआत में हमें ये पता चल जाएगा कि 2019 से 12 टीमें टेस्ट क्रिकेट खेलेंगी।