क्या महेंद्र सिंह धोनी के लिए अब टेस्ट के बाद टी20 को भी अलविदा कहने का समय आ गया है ?

MSD_T20_WC

सचिन तेंदुलकर के बाद भारतीय क्रिकेट इतिहास के सबसे लोकप्रिय और चर्चित महेंद्र सिंह धोनी के लिए क्रिकेट का सबसे छोटा फ़ॉर्मेट बेहद लंबा और मुश्किल भरा होता दिख रहा है। सबसे सफलतम कप्तानों में शुमार, टीम इंडिया को 2 वर्ल्डकप और 1 आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफ़ी जिताने वाले धोनी और उनके टी20 के प्रदर्शन को लेकर लगातार आवाज़ें बुलंद हैं। भले ही धोनी के फ़ैंस बिना माही के टी20 देखने की कल्पना भी न कर सकते हों, लेकिन क्रिकेट पंडितों की नज़र में धोनी अब इस फ़ॉर्मेट को सूट नहीं करते। जी हां, सही पढ़ा आपने उस फ़ॉर्मेट के बारे में ऐसा कहा जा रहा जो कभी धोनी के लिए ही मानो बना था। टी20 से ही धोनी सुर्ख़ियों में आए थे, जब टीम इंडिया के कई बड़े सितारों ने क्रिकेट के इस फ़टाफ़ट फ़ॉर्मेट से अपना नाम वापस ले लिया था तो बस एक ही नाम सभी के ज़ेहन में था और वह थे महेंद्र सिंह धोनी। धोनी पर चयनकर्ताओं का विश्वास तब और भी खरा उतरा जब 2007 टी20 वर्ल्डकप में रांची के इस राजकुमार ने देश के सिर चैंपियन का ताज पहना दिया। ये तो बस शुरुआत थी, इसके बाद जो हुआ वह इतिहास के सुनहरे अक्षरों में दर्ज हो गया। लेकिन ज़रा देखिए इसे ही कहते हैं क़िस्मत का खेल, आज उसी धोनी को टी20 में फ़िट नहीं माना जा रहा, क्रिकेट पंडितों का मानना है कि 36 वर्षीय इस विकेटकीपर बल्लेबाज़ पर अब उम्र इस फ़ॉर्मेट में हावी हो रही है। टीम इंडिया के पूर्व टेस्ट बल्लेबाज़ संजय मांजरेकर ने तो यहां तक कह दिया कि ‘’धोनी पहले 1 ओवर में 4 छक्के मार लिया करते थे, लेकिन अब उनसे 1 ही लगता है’’। हालांकि मांजरेकर शायद अपने आंकड़ों को भूल गए जब अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में उन्हें एक छक्का लगाने के लिए क़रीब 127 ओवर बल्लेबाज़ी करनी होती थी। मुख्य चयनकर्ता एम एस के प्रसाद ने भी ये कहकर और भी इन बातों को बल दे दिया था कि धोनी को टीम में बने रहने के लिए प्रदर्शन करना ज़रूरी है। हालांकि वनडे क्रिकेट में आज भी धोनी फ़िनिशर के साथ साथ एक संकटोचक की भूमिका में भी मौजूद हैं। जिसका उदाहरण वेस्टइंडीज़ में भी देखने को मिला और हाल ही में श्रीलंका के ख़िलाफ़ उन्हीं के घर में हारी हुई बाज़ी धोनी ने टीम इंडिया की झोली में डाल दी। विकेट के पीछे तो धोनी की चपलता अंडर-19 के विकेटकीपरों के लिए भी हैरान करने वाली है, सेकंड के भी छोटे भाग में पलक झपकते ही धोनी बल्लेबाज़ों को पैवेलियन का रास्ता दिखाने में माहिर हैं। MSD_STUMPING इन सबके अलावा मैदान पर जब भी भारत पर संकट आता है, और विराट कोहली परेशान दिखते हैं तो धोनी का कैप्टेन कूल वाला पुराना अंदाज़ आज भी भारत को हार के संकट से निकालते हुए जीत की मंज़िल तक पहुंचा देता है। यही वजह है कि हार्दिक पांड्या से लेकर भुवनेश्वर कुमार और जसप्रीत बुमराह जैसे नए सुपर स्टार धोनी को ही इसका श्रेय देते हैं। विराट कोहली भी धोनी के क़ायल हैं और उनकी नज़र में वह 2019 वर्ल्डकप में टीम इंडिया को चैंपियन बनाने में एक बड़ा किरदार निभाएंगे। files-cricket-ind-eng_be5f9ea0-d977-11e6-a260-7aa04c68bc63 यानी इसमें कोई शक नहीं है कि विकेट के पीछे से लेकर सामने तक वनडे में धोनी का कोई सानी नहीं। लेकिन टी20 में उनका प्रदर्शन आलोचकों को मौक़ा ज़रूर दे रहा है, इसकी वजह है कभी शुरुआत से नंबर-5 गियर पर पारी शुरू करने वाले धोनी आज धीरे धीरे पारी तेज़ करते हैं। वनडे में तो धोनी का ये अंदाज़ फ़िट नहीं बल्कि पर्फ़ेक्ट है, पर फ़टाफ़ट क्रिकेट में शायद वह रनों की रफ़्तार से पीछे रह जा रहे हैं। धोनी के लिए दबाव की स्थिति तब और भी बनती जा रही है जब ऋषभ पंत और संजू सैसमन जैसे विस्फोटक विकेटकीपर बल्लेबाज़ घरेलू क्रिकेट में लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। क्रिकेट पंडित भी मानते हैं कि धोनी को टी20 में इन युवाओं के लिए जगह छोड़ देनी चाहिए। हालांकि क्रिकेट और ख़ुद को धोनी से बेहतर कोई और नहीं समझ सकता, टेस्ट क्रिकेट में भी माही ने अचानक संन्यास लेकर सभी को चौंका दिया था। सीमित ओवर की कप्तानी छोड़ने का फ़ैसला भी उन्होंने एक झटके में कर डाला था, ऐसे में अगर टी20 से भी धोनी जल्द ही संन्यास ले लें तो किसी को हैरानी नहीं होगी। बल्कि कई क्रिकेट पंडितों की नज़र तो नागपुर टेस्ट के दौरान टीम इंडिया के श्रीलंका के ख़िलाफ़ होने वाले सीमित ओवर सीरीज़ के चयन पर लगी थी। जहां चयनकर्ताओं को वनडे के साथ साथ टी20 और दक्षिण अफ़्रीका दौरे के लिए टेस्ट टीम का एलान करना था। लेकिन किसी कारणवश चयनकर्ताओं ने वनडे टीम का ही एलान किया, जबकि टी20 और प्रोटियाज़ दौरे के लिए टेस्ट टीम का चयन अब दिल्ली टेस्ट के दौरान किया जाएगा। इस विलंब की वजह को लेकर तो बीसीसीआई ने कुछ नहीं कहा, लेकिन इसकी टाइमिंग भारतीय क्रिकेट के एक नए दौर की तरफ़ इशारा कर रही है। और इसे माही से बेहतर कोई नहीं समझ सकता, जिस तरह मैदान पर उनकी छठी इंद्रियां काम करती हैं वैसे ही मैदान से बाहर भी माही का दिमाग़ हर चीज़ के लिए एक या दो नहीं तीन-तीन प्लानिंग तैयार रखता है। तो बस हम और आप दिल्ली टेस्ट का इंतज़ार करते हैं, जहां इस बात पर मुहर लग जाएगी कि क्रिकेट के सबसे छोटे फ़ॉर्मेट में माही का हैलिकॉप्टर शॉट फिर दिखेगा या नहीं ? हो तो ये भी सकता है कि हैलिकॉप्टर की तरह धोनी भी मैदान में उतरे बग़ैर क्रिकेट के इस सबसे छोटे फ़ॉर्मेट से दूर चले जाएं, जैसे उन्होंने क्रिकेट के सबसे बड़े प्रारुप के साथ किया था। हम और आप बस इंतज़ार और अंदाज़ा ही लगा सकते हैं क्योंकि जो होनी को अनहोनी और अनहोनी को होनी कर दें, वही हैं महेंद्र सिंह धोनी।