क्या रविचंद्रन अश्विन टीम इंडिया के ऐसे खिलाड़ी हैं जिनकी बल्लेबाजी को कम करके आंका गया ?

भारत और इंग्लैंड के बीच मोहाली में तीसरा टेस्ट मैच खेला जा रहा था । पहले बल्लेबाजी करते हुए भारत 256 रनों पर 6 विकेट गंवा चुका था । लेकिन भारतीय टीम का एक खिलाड़ी उस समय इंग्लिश गेंदबाजों का डटकर सामना कर रहा होता है । इंग्लैंड टीम के स्टार गेंदबाज जेम्स एंडरसन टीम का 82वां ओवर लेकर आते हैं, उस ओवर की दूसरी गेंद पर बल्लेबाज कवर की तरफ शानदार चौका लगाकर अपना अर्धशतक पूरा करता है । अगली गेंद पर स्टेट ड्राइव सीधा बाउंड्री के बाहर । चौंकिए मत, ये दो बेहतरीन शॉट किसी टॉप ऑर्डर के बल्लेबाज ने नहीं लगाया बल्कि निचले क्रम के एक बल्लेबाज ने ये शॉट लगाया और उनका नाम है रविचंद्र अश्विन । एक स्पिनर के रुप में तो अश्विन काफी मशहूर हैं, लेकिन एक बल्लेबाज के तौर पर उनको ज्यादा पहचान नहीं मिली है । टेस्ट मैचों में 200 विकेट लेने के बाद अश्विन की काबिलियत की सभी ने तारीफ की । टेस्ट मैचों में सबसे तेज 200 विकेट लेने वाले वो भारत के पहले और दूनिया के दूसरे बल्लेबाज बने । पिछले महीने न्यूजीलैंड के खिलाफ हुई सीरीज में अश्विन ने 27 विकेट झटककर मैन ऑफ द् सीरीज का खिताब जीता । सीरीज के आखिरी मैच में उन्होंने 59 रनों पर 7 विकेट चटकाए जो कि उनके करियर का सबसे अच्छा गेंदबाजी प्रदर्शन था । उन्होंने भारत की जीत में अहम भूमिका निभाई । अश्विन अभी दुनिया के नंबर एक टेस्ट गेंदबाज हैं और वो बहुत तेजी से भारत के सबसे सफल गेंदबाज बनने की तरफ बढ़ रहे हैं । लेकिन अश्विन की गेंदबाजी के आगे उनकी बल्लेबाजी दब कर रह गई । बल्लेबाजी करने की क्षमता भारतीय क्रिकेट में अश्विन को बल्लेबाजी में पहचान बनाने में कुछ समय लगा । उनके अच्छे प्रदर्शन की वजह से उनको अन्य ऑलराउंडरों से ऊपर बल्लेबाजी में नंबर 6 पर प्रमोट किया गया । सेंट लूसिया में वेस्टइंडीज के खिलाफ नंबर 6 पर शतक लगाने के बाद अश्विन ने कहा कि ' जब मैं नंबर 8 पर बल्लेबाजी करता था, तो उस समय गेंदबाज की तरह सोचता था और कुछ अतिरिक्त रन बनाने की कोशिश करता था । इसलिए मैं कुछ और शॉट खेलता था '। इस पोजिशन पर बल्लेबाजी करते हुए अश्विन ने 6 पारियों में 55.16 की औसत से 2 शतक लगाए हैं । ये उनके लिए भी एक टेस्ट था कि बैटिंग ऑर्डर में प्रमोट किए जाने के बाद कैसे वो उस जिम्मेदारी को संभालते हैं और टीम के लिए अच्छा प्रदर्शन करते हैं । हालांकि ये बात जरुर कहेंगे कि जब उनको और ऊपर बल्लेबाजी करने का मौका मिला तो उनके बैटिंग एप्रोच में काफी बदलाव आया । अब अश्विन का आत्मविश्वास इतना बढ़ गया है कि वो क्रीज पर टिकते हैं और लंबी साझेदारी करते हैं । लेकिन जब वो ज्यादा निचले क्रम में बल्लेबाजी करने आते थे तो उनके अंदर टेल एंडर वाली ही एप्रोच रहती थी जो उनकी बैटिंग स्किल को निखरने नहीं देती थी । आंकड़े बोलते हैं अगर आंकड़ों की बात करें तो इस साल अश्विन ने 45.41 की औसत से शानदार 545 रन बनाए हैं । वहीं 2016 में भारत की तरफ से सबसे ज्यादा रन बनाने वालों की सूची में वो चौथे नंबर पर हैं । पहले 3 बल्लेबाज कप्तान विराट कोहली, चेतेश्ववर पुजारा और अंजिक्य रहाणे हैं । बाकी के लोअर मिडिल ऑर्डर बल्लेबाज रन बनाने के मामले में उनके आस-पास भी नहीं हैं । रवींद्र जाडेजा ने जहां 299 रन तो रिद्धिमान साहा केवल 366 रन ही बना पाए हैं । अगर इन आंकड़ों पर गौर करें तो स्पिन गेंदबाजी की तरह बल्लेबाजी में भी अश्विन को उतनी ही पहचान मिलनी चाहिए । अश्विन की सबसे खास बात ये है कि वे परिस्थितियों के हिसाब से खुद को ढाल लेते हैं और टीम की जरुरत के हिसाब से खेलते हैं । सेंट लूसिया में वेस्टइंडीज के खिलाफ भारतीय टीम महज 87 रनों पर 4 विकेट गंवाकर संघर्ष कर रही थी । तब अश्विन क्रीज पर आकर भारतीय पारी को संभालते हैं और 297 गेंदों पर 118 रनों की संयम भरी पारी खेलकर टीम को संकट से निकालते हैं । उनकी ये पारी मैच जिताऊ पारी साबित हुई और भारत ने मैच जीतकर सीरीज में 2-0 की बढ़त ली । इंग्लैंड के खिलाफ मौजूदा सीरीज में भी अश्विन ने कई मौकों पर अपनी बेहतरीन बल्लेबाजी का नमूना पेश किया । राजकोट में खेले गए पहले टेस्ट मैच में इंग्लिश टीम ने पहली पारी में 537 रनों का विशाल स्कोर खड़ा किया । जवाब में भारतीय टीम ने 361 रनों पर 6 विकेट गंवा दिए, भारत अब भी इंग्लैंड की पहली पारी से 176 रन पीछे था । जिम्मेदारी पूरी निचले क्रम के बल्लेबाजों पर थी । लेकिन तभी अश्विन क्रीज पर आते हैं और 199 गेंदों पर 70 रन बनाकर टीम को काफी हद तक संकट से निकाल लाते हैं । अश्विन सबसे आखिर में आउट होते हैं । नतीजा, भारत ये मैच ड्रॉ कराने में सफल रहता है । अगर नाजुक मौके पर अश्विन ये पारी ना खेलते तो भारत की स्थिति और बुरी हो सकती थी । अश्विन का ये शानदार फॉर्म दूसरे टेस्ट में भी जारी रहता है, जहां वो पहली पारी में 58 रनों की अर्धशतकीय पारी खेलते हैं । वहीं मोहाली टेस्ट में भी 72 रन बनाकर भारत को अच्छी लीड दिलाते हैं । निश्चित ही ना केवल गेंदबाज बल्कि एक बल्लेबाज के तौर पर भी अश्विन भारतीय टीम में अहम योगदान दे रहे हैं । यहां तक कि भारत के सबसे सफल कप्तानों में से एक सौरव गांगुली ने भी एक इंटरव्यू में कहा कि ' भारत को अब टेस्ट मैचों में 5 गेंदबाजों के साथ ही उतरना चाहिए, क्योंकि छठें नंबर आपके पास अश्विन जैसा बेहतरीन खिलाड़ी है जो काफी अच्छी बल्लेबाजी करता है ' भारतीय टीम को भी अश्विन के टैलेंट का पूरा फायदा उठाना चाहिए और कठिन परिस्थितियों में अश्विन पर पूरा भरोसा जताना चाहिए । क्योंकि ऐसे परिस्थितियां अश्विन की बैटिंग स्टाइल को सूट करती हैं । जरुरत के हिसाब से उनके बल्लेबाजी क्रम में भी बदलाव किया जाए । लेकिनलेकिन किसी नियमित बल्लेबाज से पहले उनको बल्लेबाजी के लिए परिस्थितियों के हिसाब से ही भेजा जाए । इससे टीम कॉम्बिनेशन में थोड़ा लचीलापन भी आएगा और भारतीय टीम बहुत सारे युवा खिलाड़ियों को मौका देकर आजमा सकती है । जिससे आने वाले समय में भारतीय क्रिकेट को काफी फायदा होगा ।