अपने यादगार रणजी सीजन के प्रदर्शन को बरकरार रखना चाहते हैं इशान किशन

एम एस धोनी के राज्य झारखंड से ही आने वाले विकेटकीपर बल्लेबाज इशान किशन ने हरियाणा के खिलाफ 61 गेंद पर 86 रन बनाकर झारखंड को पहली बार रणजी ट्रॉफी के सेमीफाइनल में पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई। इशान के लिए मौजूदा रणजी सीजन शानदार रहा है। इस दौरान उन्होंने 719 रन बनाए है, गुजरात के खिलाफ मैच से पहले ईशान ने स्पोर्ट्सकीड़ा से बातचीत की। सवाल- इशान किशन और पूरी झारखंड टीम गुजरात के खिलाफ मैच से पहले क्या सोच रही है? जवाब- ये हमारा पहला सेमीफाइनल है, जो हमारे लिए काफी महत्वपूर्ण हैं. यहां तक पहुंचना बहुत बड़ी बात है। हमारा पूरा ध्यान अच्छी क्रिकेट खेलने पर है। हम अपनी मानसिकता नहीं बदलेंगे। हम कड़ी मेहनत कर रहे हैं। पूरी टीम किसी तरह की कोई कसर नहीं छोड़ना चाहते, जिससे हमें बात में पछतावा हो। सवाल- झारखंड की सफलता का राज आप क्या मानते हैं? जवाब- इसके पीछे पूरी टीम की मेहनत है. ये किसी एक खिलाड़ी के कारण नहीं हुआ है। हम सभी ने अपनी फिटनेस पर काम किया है और अच्छा प्रदर्शन किया है। हमें झारखंड क्रिकेट के अध्यक्ष अमिताभ चौधरी, टीम के कोच राजीव कुमार राजा और धोनी सर का भी सपोर्ट मिला है। इन सभी ने युवा खिलाड़ियों को लगातार सलाह दी। सवाल- आप गुजरात टीम के किसी खिलाड़ी को टारगेट कर रहे हैं? जवाब- गुजरात के लिए ये सीजन शानदार रहा है। खासकर प्रिंयक पंचाल का, हम उसका विकेट जल्द से जल्द लेना चाहेंगे। लेकिन उनकें विकेट के बाद भी हम ढील नहीं दे सकते. हमें लगातार दबाव बनाकर रखना होगा। सवाल- आपका बल्लेबाजी क्रम में लगातार फेरबदल होता रहता है, इस बारे में आप क्या कहेंगे? जवाब- पहले लगभग 120 ओवर विकेटकीपिंग करना और उसके बाद ओपनिंग करना आसान नहीं है, वह भी केवल 10 मिनट के ब्रेक के अंदर। इसलिए मैंने टीम मैनेजमेंट से बात कि मुझे निचले क्रम में बल्लेबाजी करने दी जाए. लेकिन जब भी टीम चाहेगी मैं ओपनिंग करने को तैयार हूं। मैंने हरियाणा के खिलाफ क्वार्टर फाइनल की दूसरी पारी में ऐसा किया था। विदर्भ के खिलाफ भी मैं ओपनिंग के लिए ही उतरा था, जब टीम को तेज गति से रन बनाने थे। उस मैच में पिच बल्लेबाजी के लिए आसान नहीं थी, इसलिए ये रणनीति सफल नहीं हो पाई। सवाल- लम्बे फॉर्मेट में आप अपने आप कहाँ बल्लेबाजी करते देखना चाहते हैं? जवाब- लंबे फॉर्मेट में मैं मध्यक्रम में बल्लेबाजी करना चाहूंगा, लेकिन सीमित ओवर की क्रिकेट में मैं विकेटकीपिंग के साथ ओपनिंग बल्लेबाजी के लिए तैयार हूं। सवाल- आपने अंडर 19 वर्ल्डकप में ऋषभ पंत के साथ ड्रेसिंग रूम शेयर किया है। आप दोनों का ही मौजूदा रणजी सीजन शानदार रहा है। आप उनकें साथ अपने रिश्तें पर क्या कहेंगे? जवाब- हम दोनों काफी अच्छे दोस्त हैं। हम मैच से पहले एक दूसरे से बात करते हैं और एक दूसरे की मदद करते हैं। हम दोनों ही युवा है। इसके साथ ही हम दोनों आक्रमक बल्लेबाज के विकेटकीपर भी है। सवाल- पिछले चार मैच में आपने दो बार ही विकेटकीपिंग की है, इसका क्या कारण है? जवाब- मुझे सौराष्ट्र के खिलाफ खेलते हुए तर्जनी अगुंली में चोट लगी थी। मैंने लंच तक विकेटकीपिंग की, लेकिन इसके बाद काफी दर्द होने लगा। मैंने टीम मैनेजमेंट से कहा कि सुमित कुमार ये जिम्मेदारी संभाले। जब तक मेरी चोट ठीक नहीं हो जाती तब तक मैं चोट के साथ जोखिम नहीं ले सकता। मैं चोट के बावजूद बल्लेबाजी कर सकता हूं। इसी कारण पिछले चार मैच में मैंने और सुमित विकेट के पीछे की जिम्मेदारी निभाई। सवाल- तटस्थ स्थानों पर खेलने के बारे में आप क्या कहना चाहेंगे? जवाब- व्यक्तिगत तौर पर मैं इस सिस्टम से खुश हूं। मैं इस अनुभव का पूरा फायदा उठा रहा हूं। इसका बड़ा कारण ये भी है कि पिच और कंडीशन किसी एक टीम को ध्यान में रख कर नहीं बनाई जाती है। हां, ट्रैवल के कारण थोड़ी परेशानी होती है, लेकिन फिर भी मैं इससे खुश हूं। सवाल- व्यक्तिगत तौर पर आपके लिए इस सीजन का सबसे यादगार लम्हा कौनसा रहा? जवाब- कर्नाटक के खिलाफ 211 गेंद में खेली 159 रन की पारी से मेरा आत्मविश्वास काफी बढ़ा। इस पारी से पहले मुझे एक बल्लेबाज के तौर पर कभी महत्व नहीं मिला। उसके बाद दिल्ली के खिलाफ 336 गेंद पर खेली 273 रन की पारी काफी स्पेशल थी, क्योंकि उस समय हम 80 रन पर 4 विकेट गंवा कर मुश्किल में थे। इस दौरान मेरी पारी से टीम दबाव से बाहर निकली। सवाल- आपको क्या लगता है कि आपको अपने खेल के किस पहलू पर मेहनत करने की जरुरत है? जवाब- मेरा अभी पूरा ध्यान टीम के लिए निरंतर रन बनाने पर है। अंडर 19 वर्ल्डकप के दौरान राहुल द्रविड़ सर से मिली सलाह के बाद मैं अपने फुटवर्क पर भी काम कर रहा हूं। खासकर जहां गेंद ज्यादा हिलती है। मैंने अपने कोच की सलाह पर स्टांस में भी कुछ बदलाव किया हैं, जिसका मुझे इस सीजन में फायदा भी हुआ है।