भारत और वेस्टइंडीज के बीच शनिवार से सबीना पार्क में शुरू होने वाले दूसरे टेस्ट से पहले पिच पर काफी घास नजर आ रही है, लेकिन यह देखने वाली बात होगी कि पहले टेस्ट के समान इस टेस्ट में भी पहले दिन की समाप्ति के बाद पिच कैसा बर्ताव करेगी। ईशांत ने कहा, "एंटीगुआ में तेज गेंदबाजों के लिए पिच पर ज्यादा मदद नहीं थी। इसलिए हमने बल्लेबाजों को शॉर्ट गेंदों से परेशान करने की ठानी और फुल लेंथ के साथ उसका मिश्रण करना सही समझा। विंडीज बल्लेबाज शॉर्ट गेंद पर असहज महसूस कर रहे थे जिसका हमें लाभ मिला। यह रणनीति अगले टेस्ट में भी जारी रहेगी।" भारतीय गेंदबाजों को वेस्टइंडीज को दो बार ऑलआउट करने के लिए 168 ओवर की जरुरत लगी थी वो भी उस पिच पर जहां उन्हें मदद नहीं मिल रही थी। जमैका में भी बल्लेबाजों के लिए मददगार पिच मिलने की उम्मीद है और गेंदबाजों को एक बार फिर ज्यादा मेहनत करना होगी। तेज गेंदबाज ने कहा, 'हमने एंटीगुआ में अच्छी जगहों पर गेंदबाजी की जो टेस्ट क्रिकेट में एक गेंदबाज के लिए बहुत महत्वपूर्ण पहलू है। हमने टीम मीटिंग में भी यही बात की थी कि हमें अपनी लाइन और लेंथ को निरंतर एक जैसा रखना होगा। हमने अपनी योजना के मुताबिक गेंदबाजी की जिससे विकेट मिले।' दो एकतरफा मैच उसी समय खेले गए, जिसमें दो कप्तानों की रणनीति बिलकुल अलग-अलग देखने को मिली। इंग्लैंड के कप्तान एलिस्टर कुक और भारतीय कप्तान विराट कोहली ने टेस्ट जीता, लेकिन दोनों की रणनीति बिलकुल अलग रही। जहां कुक ने 391 रन की विशाल बढ़त लेने के बावजूद पाकिस्तान को फॉलोऑन नहीं दिया वहीं विराट कोहली ने वेस्टइंडीज को फॉलोऑन देने में जरा भी हिचकिचाहट नहीं दिखाई। हालांकि दोनों ही कप्तानों की रणनीति कामयाब रही, लेकिन कुक पर सवाल जरुर उठाए गए। इंग्लैंड के कोच पॉल फार्ब्रस ने कहा कि इंग्लैंड के गेंदबाजों को आराम की जरुरत थी और खिलाड़ियों का इतना स्टैमिना नहीं है कि वह लगातार दो पारियों में गेंदबाजी कर सके। भारतीय गेंदबाजों को ऐसी सुविधा नहीं मिली, लेकिन ईशांत शर्मा ने कहा की अतिरिक्त जिम्मेदारी को लेकर किसी को कोई शिकायत नहीं थी। उन्होंने कहा, 'यह सब आपकी फिटनेस पर निर्भर करता है, भले ही आपने फॉलोऑन दिया है या नहीं। जब यह फैसला लिया गया (फॉलोऑन देने का) तब हम सभी तैयार थे और मानसिक रूप से दोबारा गेंदबाजी करने के लिए तैयार थे। हमें उस समय कोई परेशानी नहीं थी। हमने बहाना नहीं बनाया कि हम थके हुए हैं या और कुछ।'