इशांत शर्मा ने रिकी पोंटिंग के खिलाफ गेंदबाजी से बदले करियर की कहानी बताई

वेस्टइंडीज के खिलाफ वन-डे और एकमात्र टी20 की सीरीज के बाद टीम इंडिया एक बार फिर विदेश दौरे के लिए तैयार है। इस बार यह टीम श्रीलंका जाएगी, जहां टेस्ट और वन-डे के अलावा टी20 प्रारूप के लिए भी कार्यक्रम तैयार है। सबसे पहले इस दौरे पर तीन टेस्ट मैचों की सीरीज खेली जाएगी। इसको लेकर एक व्यक्ति काफी इन्तजार में होगा, वह इशांत शर्मा हैं। पिछली बार इस देश के दौरे की यादों के साथ इशांत जाना चाहेंगे और उनके साथ अन्य टेस्ट क्रिकेट चेतेश्वर पुजारा भी होंगे। पिछले श्रीलंका दौरे पर इशांत ने जहां ने अंतिम मैच में 8 विकेट लेकर टीम को सीरीज जिताने में अहम भूमिका निभाई, वहीँ पुजारा ने भी मैच जिताऊ शतक जड़ते हुए खुद को टीम में स्थायी बल्लेबाज के रूप में स्थापित कर लिया। दोनों की ही नजरें एक बार फिर इस दौरे पर लगी है और उन्हें इसका बेसब्री से इन्तजार भी होगा। इशांत शर्मा अपने टेस्ट डेब्यू के बाद लम्बे समय तक टीम में बने हुए हैं। उन्होंने 2007/08 में भारत के ऑस्ट्रेलिया दौरे पर गई टीम में शानदार गेंदबाजी का प्रदर्शन कर सभी को आश्चर्य में डालने का कार्य किया है। इस दौरान इशांत ने ऑस्ट्रेलिया के तत्कालीन कप्तान रिकी पोंटिंग को अपनी गेंदों से काफी बार परेशान करते हुए आउट करने में सफलता अर्जित की। इशात के स्पैल के लगभग ओवर समाप्त होने के बाद उस समय के कप्तान अनिल कुंबले ने सोचा कि वे थक चुके होंगे इसलिए हटाने का फैसला किया लेकिन वीरेंदर सहवाग ने उन्हें एक ओवर और देने के लिए कुंबले से आग्रह किया। सहवाग जानते थे कि इशांत रणजी में लम्बे स्पैल करते हैं। इशांत ने कहा "मैंने 8 ओवर की गेंदबाजी कर ली थे। इसलिए अनिल कुंबले ने सोचा कि अगर मैं चोटिल हो जाता हूं, तो बैकअप के लिए कोई गेंदबाज नहीं होगा। वीरू भाई ने उन्हें बताया कि मैं गेंदबाजी करता हूं और इसे करने दो।" वीरेंदर सहवाग के कहने पर कुंबले ने इशांत को ओवर थमा दिया और भारत को विकेट मिला। इसके अलावा इशांत ने यह भी बताया कि सहवाग ने उन्हें अधिक कोशिश नहीं करने के बारे में कहा और जो मैं पहले कर रहा था वही करने की सलाह दी।

इसके अलावा इशांत ने मोहाली टेस्ट में लक्ष्मण के साथ मिलकर मैच बचाने वाली घटना पर कहा कि मैं गेंदबाजी के लिए एक दिन पहले तैयार हो रहा था लेकिन कोच गैरी कर्स्टन ने मुझे बल्लेबाजी के लिए कहा गया। गौरतलब है कि उस टेस्ट में इशांत ने लक्ष्मण का बखूबी साथ देते हुए मैच बचाया था।