भारतीय विकेटकीपर पार्थिव पटेल ने कहा है कि टीम इंडिया में वर्तमान समय में विकेटकीपर को लेकर प्रतियोगी स्थिति बनना अच्छी बात है। उन्होंने यह भी कहा कि नए चेहरों को आने की बजाय 2 या तीन अनुभवी खिलाड़ियों को रोटेशन प्रणाली के तहत लाना ज्यादा सही है। उन्होंने इसे भारतीय टीम के लिए अच्छी चीज बताया। पार्थिव पटेल को इस वर्ष आईपीएल में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु की टीम में शामिल किया गया है। टीम के एक प्रमोशनल इवेंट पर शिरकत करने आए पटेल ने भारतीय विकेटकीपरों के लिए एक शानदार समय बताया। उन्होंने कहा कि एक समय था जब विकेटकीपरों को बाहर कर नए चेहरों को आजमाया जाता था लेकिन अब 2 या तीन खिलाड़ी इस दौड़ में रहते हैं और यह प्रतियोगिता टीम इंडिया के लिए अच्छा संकेत है। उल्लेखनीय है कि भारतीय टीम में इस वक्त पटेल के अलावा दिनेश कार्तिक और ऋद्धिमान साहा जैसे खिलाड़ी विकेटों के पीछे समय-समय पर देखे जाते रहे हैं। उम्र के मामले में ये दोनों खिलाड़ी पटेल से छोटे हैं लेकिन टीम में आने के लिए इन तीनों में प्रतियोगिता होती रहती है। पटेल हाल ही में दक्षिण अफ्रीका दौरे पर भारतीय टीम का हिस्सा बने थे। पार्थिव पटेल को 2003 में विश्वकप के दौरान टीम में चुना गया था लेकिन उस टूर्नामेंट में राहुल द्रविड़ ने विकेट के पीछे अच्छा काम किया था जिसके कारण उन्हें एक भी मैच में खेलने का मौका नहीं मिला। इसके बाद कुछ अवसरों पर पटेल ने भारत के लिए टेस्ट क्रिकेट में विदेशी दौरों पर खेला लेकिन सीमित ओवर क्रिकेट में धोनी के आने के बाद उनके लिए मौके कम हो गए। धोनी के लगातार टीम में बने रहने के बाद भारतीय टीम में विकेटकीपर के लिए जगह बनाना नामुमकिन की तरह हो गया। कार्तिक और पटेल दोनों 10 साल से भी ज्यादा समय पहले अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में कदम रख चुके हैं लेकिन स्थायी जगह बनाने के लिए अब भी संघर्षरत हैं।