'भारत को छोड़ अमेरिका में किकेट खेलने का फैसला दर्दनाक है, पॉलिटिक्स के कारण लेना पड़ा'

भारतीय टीम (Indian Team) को अंडर 19 वर्ल्ड कप में जीत दिलाने वाले उन्मुक्त चंद (Unmukt Chand) ने अचानक संन्यास लेकर चौंकाने वाला निर्णय लिया। उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल से इस बारे में जानकारी देते हुए कहा कि अब कुछ अन्य अवसर तलाशे जाएंगे, बीसीसीआई को अलविदा कहने का समय आ गया है। हालांकि उनका नया बयान भी आया है जिसमें उन्होंने कहा कि मेरे लिए यह मुश्किल निर्णय रहा है।

क्रिकबज को दिए इंटरव्यू में उन्मुक्त चंद ने कहा कि मेरे जैसे खिलाड़ी के लिए यह कठिन है, जिसने हमेशा देश के लिए खेलने का सपना देखा है। यह भावनात्मक भी है क्योंकि सीनियर टीम के अलावा हर तरह का अन्य क्रिकेट खेलने के बाद ऐसा फैसला लेना दर्दनाक है।पिछले कुछ वर्षों में एसोसिएशन पॉलिटिक्स का सामना भी मुझे करना पड़ा है। मैं इस तरह की चीजों के कारण बहुत अधिक क्रिकेट नहीं खेल पाया और अमेरिका में खेलें के लिए इस निर्णय पर पहुंचा। मैं आज क्रिकेटर के रूप में जहाँ हूँ, उसे बनाने के लिए वर्षों तक समर्थन देने के लिए बीसीसीआई का धन्यवाद देता हूँ।

उन्मुक्त चंद का मानना है कि जिस ट्रिगर पॉइंट से भारतीय क्रिकेट से उन्होंने मोड़ लिया, वह यह था जब उन्हें इस साल दिल्ली द्वारा एक भी गेम नहीं दिया गया था। उन्होंने कहा कि इस तरह की चीजें आपको एक खिलाड़ी के रूप में आहत करती हैं। जब कुछ खिलाड़ी प्रभावशाली नहीं होते हुए भी आपसे आगे खेलता है, तो चेहरे पर थप्पड़ जैसा लगता है। इतने सालों में डीडीसीए से समर्थन नहीं मिला और बिना किसी गलती के कई बार टीम से बाहर किया जा चुका हूँ।

गौरतलब है कि उन्मुक्त चंद ने 2012 अंडर 19 वर्ल्ड कप के फाइनल मैच में खेलते हुए शतक जड़ा था। उनके नाबाद 111 रनों के कारण भारतीय टीम ने ऑस्ट्रेलिया को हराकर ख़िताब हासिल किया था। वह आईपीएल में भी खेले लेकिन सफल नहीं हुए। कुछ समय पहले जब वह अमेरिका गए थे, तबी कयास लगाए जा रहे थे कि वह वहां खेल सकते हैं।

उन्मुक्त चंद ने आज अचानक अपने ट्विटर हैंडल से एक ट्वीट कर अपने निर्णय के बारे में बताया।

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