इंडियन प्रीमियर लीग के 11वें सीजन के मैच जयपुर के सवाई मान सिंह स्टेडियम में होने पर संशय है। राजस्थान हाईकोर्ट में सुनवाई में देरी के चलते ऐसा हो सकता है। राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन को अभी भी बीसीसीआई से जुड़ने का इंतजार है और इसके लिए सुनवाई में देरी हो रही है। तालमेल नहीं होने की वजह से एक बार फिर से एसएमएस स्टेडियम के हाथ से मेजबानी छिन सकती है। अदालत में अगली सुनवाई की तारीख 12 जनवरी है और संभव है कि तब तक 11वें सीजन के लिए सभी मेजबान स्टेडियम के नामों का ऐलान हो जाएगा। राजस्थान रॉयल्स के लिए जयपुर 2013 से घरेलू मैदान रहा है, इसके बाद बीसीसीआई ने राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन को निलंबित कर दिया था। राज्य बोडी द्वारा ललित मोदी को अध्यक्ष चुने जाने के बाद बोर्ड ने यह कदम उठाया था। इसके बाद रॉयल्स के मैचों को अहमदाबाद स्थानांतरित कर दिया गया था। 2015 तक उन्होंने अपने घरेलू मुकाबले गुजरात के इस शहर में खेले थे। इससे पहले खबर आई थी कि राजस्थान रॉयल्स के घरेलू मैच जयपुर में कराए जा सकते हैं। पिछले हफ्ते राजस्थान रॉयल्स के दो अधिकारियों ने एसएमएस स्टेडियम का दौरा कर स्थितियों का जायजा लिया था। 2014 के बाद से इस मैदान पर आईपीएल का कोई मैच नहीं हुआ है। इसे भी पढ़ें: चेन्नई सुपरकिंग्स के 5 खिलाड़ी जिन्हें रिटेन किए जाने की संभावना है बेहद कम गौरतलब है स्पॉट फिक्सिंग को लेकर राजस्थान रॉयल्स और चेन्नई सुपर किंग्स पर 2015 में दो साल के लिए बैन लगा दिया गया था। इसके बाद ये दोनों टीमें 9वें और 10वें सीजन में आईपीएल का हिस्सा नहीं थीं। इनकी जगह पर गुजरात लॉयंस और राइजिंग पुणे सुपरजायंट ने हिस्सा लिया था। राजस्थान रॉयल्स के सह मालिक राज कुंद्रा और चेन्नई सुपर किंग्स के पूर्व टीम प्रिंसिपल गुरुनाथ मय्यपन को सट्टेबाजी का दोषी पाते हुए क्रिकेट की किसी भी गतिविधि में भाग लेने के लिए आजीवन प्रतिबंध लगा दिया गया था। 2 साल का बैन हटने के बाद अब 11वें सीजन से राजस्थान रॉयल्स और चेन्नई सुपर किंग्स की टीमें आईपीएल में वापसी कर रही हैं।