भारतीय टीम (Indian Cricket Team) के तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह (Jasprit Bumrah) अपनी टीम के लिए लगातार तीनों ही फॉर्मेट में खेलते हैं। उन्होंने बताया कि ऑल फॉर्मेट प्लेयर होने में क्या-क्या चुनौतियां सामने आती हैं। उन्होंने कहा कि लगातार खेलने के बीच आपके सामने पूरी तरह से फिट होने और मानसिक तौर पर तरोताजा रहने की चुनौती होती है।
जसप्रीत बुमराह ने इंग्लैंड के खिलाफ पहले वनडे मैच में घातक गेंदबाजी की। उन्होंने 7.2 ओवरों में सिर्फ 19 रन देते हुए 6 विकेट चटकाए। इस दौरान उन्होंने तीन ओवर मेडन डाले। इसके साथ ही उन्होंने एक पारी में सबसे बेहतरीन गेंदबाजी करने वाले भारतीयों में तीसरा स्थान हासिल कर लिया। बुमराह को उनकी घातक गेंदबाजी के लिए प्लेयर ऑफ द मैच चुना गया।
आपको देखना पड़ता है कि कौन-कौन से मुकाबले ज्यादा अहम हैं - जसप्रीत बुमराह
मैच के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उन्होंने बताया कि सभी फॉर्मेट में खेलने वाले खिलाड़ियों के सामने क्या-क्या चुनौतियां सामने आती हैं। उन्होंने कहा,
आपको ये देखना पड़ता है कि कौन-कौन से मुकाबले ज्यादा अहम हैं। अगर वर्ल्ड कप या फिर वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल है तो फिर आपको उसी हिसाब से प्राथमिकता देनी होगी। हम टीम मैनेजमेंट के साथ इस बारे में बात करते हैं और उसके हिसाब से फैसला लेते हैं। पांच दिन पहले (7 दिन) हम टेस्ट मैच खेल रहे थे। इसके बाद हम टी20 सीरीज खेल चुके हैं और अब वनडे सीरीज का हिस्सा हैं। मेंटल एडजेस्टमेंट और पूरी तरह से फ्रेश रहना काफी जरूरी होता है। कभी-कभी रिकवरी के लिए आपको 8-10 घंटे सोना पड़ता है क्योंकि तेज गेंदबाजी करना आसान काम नहीं है। हालांकि हम प्रोफेशनल प्लेयर हैं। जब हम बच्चे थे तो भारत की तरफ से खेलने का सपना देखा करते थे, इसलिए हमें इससे कोई शिकायत नहीं होनी चाहिए।