28 वनडे, 30 अतंर्राष्ट्रीय टी20 और 26 प्रथम श्रेणी मुक़ाबले खेलने वाले दाएं हाथ के तेज़ गेंदबाज़ जसप्रीत बुमराह को भारतीय टेस्ट टीम में भी शामिल कर लिया गया है। अगले महीने की 5 तारीख़ से केपटाउन से शुरू हो रही दक्षिण अफ़्रीका के ख़िलाफ़ 3 टेस्ट मैचों की सीरीज़ के लिए बुमराह को 17 सदस्यीय दल का हिस्सा बनाया गया है। हालांकि पांचवें तेज़ गेंदबाज़ के तौर पर शामिल किए गए गुजरात के इस गेंदबाज़ को अंतिम-11 में मौक़ा मिलता है या नहीं ये देखना दिलचस्प रहेगा। पिछले 18 महीनों में भारतीय क्रिकेट की दो सबसे बड़ी खोज (हार्दिक पांड्या और जसप्रीत बुमराह) में से एक इस दाएं हाथ के तेज़ गेंदबाज़ के आने से नि:संदेह टीम इंडिया का गेंदबाज़ी आक्रमण मज़बूत हुआ है। बुमराह ने 2017 में अब तक वनडे क्रिकेट में 35 विकेट हासिल किए हैं, और वह फ़िलहाल इस प्रारुप में सबसे ज़्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज़ों की सूची में इस वर्ष चौथे नंबर पर हैं। बुमराह की ख़ासियत है उनकी रफ़्तार के साथ दाएं हाथ के बल्लेबाज़ के लिए इनस्वींग गेंद और स्लिंगिग एक्शन से फेंकी गई तेज़ यॉर्कर। नई गेंद के साथ साथ बुमराह पुरानी गेंद से अच्छी रिवर्स स्वींग भी कराने में माहिर हैं, लिहाज़ा टेस्ट क्रिकेट में भी वह पेस बैट्री में एक शानदार विकल्प हो सकते हैं। मज़ेदार बात ये है कि दक्षिण अफ़्रीकी टीम में कई बाएं हाथ के बल्लेबाज़ के हैं जिनमें इस साल टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज़्यादा रन बनाने के मामले में दूसरे नंबर पर काबिज़ डीन एल्गर (1097 रन), मध्यक्रम की रीढ़ जेपी डुमिनी और विस्फोटक विकेटकीपर बल्लेबाज़ क्विंटन डी कॉक शामिल हैं। बुमराह की इनस्वींग गेंदे बाएं हाथ के बल्लेबाज़ों के लिए आउटस्वींग होगी, जिसका फ़ायदा बुमराह को मिल सकता है। दक्षिण अफ़्रीका की पिच और उछाल भी बुमराह के लिए मददगार साबित होगी, किसी भी तेज़ गेंदबाज़ के लिए प्रोटियाज़, इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया और न्यूज़ीलैंड दौरे पर क्रिकेट जीवन की शुरुआत करना सपने से कम नहीं होता। इन सबके बावजूद बुमराह के लिए अंतिम-11 में सीधे प्रवेश करना आसान नहीं होगा, क्योंकि टीम इंडिया की गेंदबाज़ी अभी बिल्कुल सटीक नज़र आ रही है। भुवनेश्वर कुमार और मोहम्मद शमी के साथ साथ इशांत शर्मा ने श्रीलंका के ख़िलाफ़ शानदार प्रदर्शन किया है। लिहाज़ा टीम मैनेजमेंट इस तिकड़ी को ही केपटाउन टेस्ट में उतारने पर विचार कर सकता है, और फिर टीम में तेज़ गेंदबाज़ उमेश यादव भी मौजूद हैं। वहीं ऑलराउंडर और आईपीएल में बुमराह की ही टीम मुंबई इंडियंस के उनके जोड़ीदार हार्दिक पांड्या भी हैं, जो कोहली के लिए तीसरे या चौथे तेज़ गेंदबाज़ की भूमिका निभाएंगे। ऐसे में अंतिम-11 में जगह बनाना बुमराह के लिए मुश्किल नज़र आ रहा है। लेकिन कैप्टेन कूल एम एस धोनी की ही तरह टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली भी अपने कुछ फ़ैसलों पर सभी को हैरान कर देते हैं। हो सकता है प्रोटियाज़ टीम को भी हैरत में डालने के लिए वह जसप्रीत बुमराह का टेस्ट डेब्यू केपटाउन में ही करा दें। भारतीय टीम अफ़्रीका के लिए 27 दिसंबर को ही यहां से रवाना होगी, और पहला टेस्ट मैच 5 जनवरी को खेला जाना है। लिहाज़ा तैयारियों का भारतीय बल्लेबाज़ों के पास कम ही मौक़ा होगा जिसकी चिंता विराट कोहली ज़ाहिर कर चुके हैं। हालांकि केपटाउन टेस्ट से पहले टीम इंडिया एक दो दिवसीय अभ्यास मैच ज़रूर खेलेगी। लिहाज़ा प्रोटियाज़ ये ज़रूर चाहेंगे कि भारत को केपटाउन में हरी पिच देकर परेशान किया जाए, जो मेज़बान टीम के इस दांव को अगर कोई उल्टा कर सकता है तो वह बुमराह ही हैं। अफ़्रीकी बल्लेबाज़ों ने जसप्रीत बुमराह को ज़्यादा नहीं खेला है, बुमराह ने दक्षिण अफ़्रीका के ख़िलाफ़ सिर्फ एक अंतर्राष्ट्रीय मुक़ाबला खेला है जो इसी साल चैंपियंस ट्रॉफ़ी के दौरान ओवल में हुआ था। उस मैच में बुमराह का प्रदर्शन शानदार रहा था और उन्होंने 8 ओवर में सिर्फ़ 28 रन देकर 2 विकेट हासिल किए थे। लिहाज़ा कोहली चाहेंगे कि बुमराह के असामान्य गेंदबाज़ी एक्शन का फ़ायदा उठाते हुए प्रोटियाज़ बल्लेबाज़ों को छकाया जाए। हालांकि कुछ क्रिकेट पंडित और क्रिकेट एक्सपर्ट जसप्रीत बुमराह को टेस्ट में शामिल किए जाने के इस फ़ैसले को जल्दबाज़ी क़रार दे रहे हैं। उनका मानना है कि बुमराह ने सफ़ेद गेंदों से तो कमाल का प्रदर्शन किया है लेकिन लाल गेंदों का इस्तेमाल उन्होंने अर्से से नहीं किया है। रणजी के इस सीज़न में भी अब तक जसप्रीत बुमराह गुजरात के लिए किसी मैच में नहीं खेले हैं। सफ़ेद पोशाक और लाल गेंद से बुमराह ने अपना आख़िरी प्रथम श्रेणी मुक़ाबला इस साल की शुरुआत यानी जनवरी में झारखंड के ख़िलाफ़ खेला था, जहां उनहोंने रणजी सेमीफ़ाइनल में क़हर बरपाती गेंदबाज़ी की थी और दूसरी पारी में 29 रन देकर 6 विकेट झटकते हुए गुजरात को जीत दिलाई थी और मैन ऑफ़ द मैच भी रहे थे। अगर उनके प्रथम श्रेणी के आंकड़ों पर नज़र डालें तो वह काफ़ी प्रभावित करने वाले हैं, बुमराह ने अब तक 26 मैचों में 25.33 की बेहतरीन गेंदबाज़ी औसत से 89 विकेट हासिल किए हैं, जिनमें 6 बार पारी में 5 विकेट शामिल हैं। भारतीय परिस्थिति में किसी भी तेज़ गेंदबाज़ के लिए ऐसा प्रदर्शन उसकी प्रतिभा की झलक दर्शाता है। लिहाज़ा मेरी नज़र में बुमराह को टेस्ट डेब्यू कराने के लिए कोहली को इंतज़ार नहीं कराना चाहिए, बल्कि पहले ही टेस्ट में एक सरप्राइज़ वीपन के तौर पर उनका इस्तेमाल भारत को प्रोटियाज़ पर बढ़त दिला सकता है। वैसे भी जसप्रीत बुमराह जैसे इनफ़ॉर्म गेंदबाज़ को अंतिम-11 की जगह बेंच पर बैठाना कहीं से तर्कसंगत नहीं लगता।