पूर्व भारतीय गेंदबाज जवागल श्रीनाथ ने अपने करियर के पुराने समय को याद किया और एक खुलासा किया। सौरव गांगुली की कप्तानी का जिक्र करते हुए जवागल श्रीनाथ ने 2002 के इंग्लैंड दौरे को लेकर एक अहम प्रतिक्रिया दी। जवागल श्रीनाथ ने कहा कि उस समय इंग्लैंड दौरे पर सौरव गांगुली मुझे लेकर जाना चाहते थे लेकिन मैंने मना कर दिया।
स्पोर्ट्सकीड़ा से बातचीत करते हुए जवागल श्रीनाथ ने कहा कि वर्ल्ड कप से पहले वेस्टइंडीज दौरे पर टीम मेरे बिना गई। चयनकर्ताओं ने मुझसे कहा कि आपको ब्रेक लेना होगा। सामान्यतः ऐसा होता है कि हम बातचीत करके आपसी समझ से ब्रेक लेने के बारे में कहते हैं। इस बार उन्होंने कहा कि हम तुम्हे ब्रेक दे रहे हैं। मैं निराश था और नहीं चाहता था कि कोई मेरे करियर के साथ खेले।
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जवागल श्रीनाथ से सौरव गांगुली ने की बात
इंग्लैंड दौरे के बारे में जवागल श्रीनाथ ने कहा कि सौरव गांगुली ने मुझे आकर कहा कि इंग्लैंड दौरे पर चलना बेहतर होगा। मैं नाराज था और मैंने बोल दिया कि मैं नहीं जाऊँगा। मुझे भारत के लिए खेलने के बाद काउंटी खेलना चाहिए था। बाद में चीजें ठीक हुई और मैं वापस टीम में आया क्योंकि मुझे वर्ल्ड कप खेलना था और यह एक जनरेशन की तरह होता है।
जवागल श्रीनाथ ने कहा कि भारत में तेज गेंदबाजी के लिए कई खिलाड़ियों में काफी भूख थी और मैं उनका रास्ता नहीं रोकना चाहता था। मैंने जो किया उसके लिए रिग्रेट नहीं है। डिग्निटी के साथ चले जाना हमेशा अच्छा होता है।
गौरतलब है कि सौरव गांगुली की कप्तानी में जवागल श्रीनाथ ने टेस्ट और वनडे दोनों तरह का क्रिकेट खेला है। वर्ल्ड कप 2003 के बाद श्रीनाथ अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह गए। उस टूर्नामेंट में उन्होंने शानदार खेल दिखाया था।
सुपर सिक्स मैच में श्रीलंका के खिलाफ उनके चार विकेट का स्पैल कौन भूल सकता है। एक समय ऐसा था जब श्रीनाथ 140 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से गेंद फेंकते थे। वर्ल्ड क्रिकेट में चर्चा होती थी कि भारत में भी कोई अच्छा तेज गेंदबाज आया है।