टेस्ट क्रिकेट के लिए उपयुक्त नहीं हैं जयंत यादव : इरापल्ली प्रसन्ना

पूर्व भारतीय स्पिनर इरापल्ली प्रसन्ना ने कहा है कि जयंत यादव के टेस्ट स्तर के खिलाड़ी नहीं हैं। महान स्पिनर का मानना है कि 26 वर्षीय क्रिकेटर की गेंदबाजी खेल के पारंपरिक रूप में फिट नहीं बैठती है। टेस्ट में गुणी गेंदबाज का महत्व इससे समझ आता है कि गेंदबाज में लगातार लंबे स्पेल्स करने की क्षमता हो। प्रसन्ना के मुताबिक जयंत की गेंदबाजी का संबंध क्रिकेट के सीमित ओवरों के प्रारूप के लिए उपयुक्त है। प्रसन्ना ने कहा, 'अगर आप मुझसे जयंत यादव के बारे में पूछ रहे हैं तो बता दूं कि मुझे नहीं लगता कि वो लंबे स्पेल्स डाल सकते हैं। वह टी20 और वन-डे मैचों में उपयोगी बल्लेबाज हो सकते हैं तथा इन प्रारूपों में वह अपने चार ओवरों का कोटा पूरा अच्छे से कर सकते हैं। वह खुद ही साबित कर चुके हैं कि लंबे प्रारूप में वह प्रमुख गेंदबाज नहीं रहे। उन्हें स्ट्राइक गेंदबाज के रूप में नहीं खिलाया गया।' प्रसन्ना को बल्लेबाज को फ्लाइट में चकमा देने के लिए जाना जाता था और उन्होंने अपने दिनों में भारत को कई यादगार जीत दिलाई। उनके टीम के कुछ साथी कहते थे कि जब प्रसन्ना गेंद हवा में आवाज़ करती हुई जाती थी। हालांकि भारत के मौजूदा दो स्पिनर रविचंद्रन अश्विन और रविंद्र जडेजा के बारे में प्रसन्ना ने तारीफ की। उन्होंने कहा, 'इसमें कोई शक नहीं कि अश्विन इस समय सबसे बेहतरीन गेंदबाज हैं। वह विश्व में सबसे बेहतर है। हमें सफलता के लिए रविंद्र जडेजा को भी बराबर का श्रेय देना चाहिए। इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज जीत के लिए इन दोनों ने काफी योगदान दिया।' बता दें कि जयंत यादव ने न्यूजीलैंड के खिलाफ पांचवें वन-डे में डेब्यू किया था। उन्हें घरेलू क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन के लिए टीम में चुना गया था। इसके बाद उन्हें इंग्लैंड के खिलाफ पांच मैचों की टेस्ट सीरीज के लिए भारतीय टीम में चुना गया। राजकोट में खेले गए पहले टेस्ट में अमित मिश्रा के साधारण प्रदर्शन के कारण जयंत को विशाखापट्टनम टेस्ट के लिए अंतिम एकादश में चुना गया। जयंत ने खेल के तीनों विभागों में शानदार प्रदर्शन करके सभी को प्रभावित किया। उन्होंने शानदार फील्डिंग करके हसीब हमीद को रनआउट किया और बढ़िया गेंदबाजी व बल्लेबाजी की। जयंत ने तीन टेस्ट में करीब 30 की औसत से 9 विकेट लिए और 74 की औसत से 221 रन बनाए। उन्होंने अपने टेस्ट करियर का पहला शतक मुंबई में लगाया और भारत की 4-0 से जीत में उल्लेखनीय योगदान दिया।