"मेरे लिए अच्छे टेस्ट गेंदबाजी स्पेल देखना मुश्किल है", जयदेव उनादकट ने टेस्ट क्रिकेट खेलने की इच्छा जताते हुए दी प्रतिक्रिया 

जयदेव उनादकट घरेलू क्रिकेट में जबरदस्त प्रदर्शन करते आये हैं
जयदेव उनादकट घरेलू क्रिकेट में जबरदस्त प्रदर्शन करते आये हैं

बाएं हाथ के तेज गेंदबाज जयदेव उनादकट (Jaydev Unadkat) ने कहा कि उनके लिए टेस्ट क्रिकेट में अच्छे तेज गेंदबाजी स्पेल देखना काफी कठिन है क्योंकि वह खुद भी ऐसा ही भारत के लिए करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे ही लम्हों के लिए हर कोई क्रिकेट खेलता है।

2019-20 के रणजी सीजन में जयदेव उनादकट सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज थे। उन्होंने 10 मैचों की 16 पारियों में 67 विकेट अपने नाम किए। इस दौरान सात बार पारी में 5 विकेट तथा तीन बार 10 विकेट हासिल किए। उनादकट ने 2010 में भारत के लिए एकमात्र टेस्ट दक्षिण अफ्रीका में खेला था और इसके बाद उन्हें लाल गेंद के प्रारूप में मौका नहीं मिला।

ईएसपीएन क्रिकइंफो के साथ इंटरव्यू, जयदेव उनादकट ने बताया कि उन्हें अच्छे तेज गेंदबाजी स्पेल पसंद हैं लेकिन उन्हें अंदर से खुद के लिए बुरा लगता है। बाएं हाथ के तेज गेंदबाज ने कहा,

“सबसे कठिन समय [मेरे लिए] टेस्ट क्रिकेट में तेज गेंदबाजी के अच्छे, इंटेंस स्पेल को देखना है। मैं न्यूलैंड्स टेस्ट में [जसप्रीत] बुमराह के स्पेल को बहुत ही उत्साह से देख रहा था और जिस तरह से [पैट] कमिंस, [जोश] हेज़लवुड और [मिशेल] स्टार्क ने पहले एशेज टेस्ट में गेंदबाजी की थी, उसे देख रहा था।

सौराष्ट्र के तेज गेंदबाज ने आगे कहा,

मैं टीवी के सामने घूमता हूं और जो भी आसपास है उसके साथ स्पेल के बारे में बात करना शुरू कर देता हूं। ज्यादातर मेरी पत्नी रिनी ही होती हैं। मेरी इच्छा है कि मैं ऐसी चीजें [खुद] कर सकता हूं, क्योंकि आप इसी के लिए खेलते हैं, इसी के लिए आप अभ्यास करते हैं।

मेरा लक्ष्य अभी भी भारत के लिए खेलना है - जयदेव उनादकट

घरेलू क्रिकेट में अच्छे प्रदर्शन के बावजूद चयनकर्तओं ने उन्हें टेस्ट टीम के लिए अभी तक मौका नहीं दिया है। उन्होंने स्वीकार किया कि वह अभी भी भारत के लिए खेलना चाहते हैं लेकिन अनुभव की वजह से अब उन्हें परिपक्वता के साथ खेलने का एप्रोच आ गया है। उन्होंने कहा,

मेरा लक्ष्य अभी भी भारत के लिए खेलना है, लेकिन मैं इससे उतना प्रभावित नहीं हुआ जितना अपने करियर की शुरुआत में था। मुझे उस समय रणजी मैच जीतने में बहुत मजा नहीं आया था, जितना अब आता है। वह टर्निंग पॉइंट था, मैंने अपने द्वारा खेले जाने वाले हर गेम का आनंद लेना शुरू कर दिया। मैंने अधिक तात्कालिक लक्ष्य निर्धारित करने की कोशिश की, जिससे यह थोड़ा और वास्तविक हो गया और मैं स्थिति पर नियंत्रण कर सकता था। चयन आपके हाथ में नहीं है।

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