दिग्गज तेज गेंदबाज जयदेव उनादकट (Jaydev Unadkat) ने बांग्लादेश के खिलाफ दूसरे टेस्ट मैच में कुलदीप यादव (Kuldeep Yadav) की बजाय खुद को मौका मिलने को लेकर बड़ी प्रतिक्रिया दी है। उनादकट के मुताबिक वो बिल्कुल भी दबाव में नहीं थे और अपना अच्छा प्रदर्शन देने के लिए पूरी तरह से तैयार थे।
जयदेव उनादकट ने अपना पहला यानी डेब्यू टेस्ट मैच 16 दिसंबर 2010 को सेंचुरियन में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ खेला था। उसके बाद उन्हें टेस्ट मैच खेलने के लिए 12 सालों का इंतजार करना पड़ा। उनादकट ने पिछले कुछ सालों से घरेलू क्रिकेट में लगातार बेहतरीन प्रदर्शन किया था और इसी वजह से बांग्लादेश सीरीज के लिए उन्हें टीम में चुन लिया गया।
मैनेजमेंट को लगा कि ये पिच मेरे लिए ज्यादा सही है - जयदेव उनादकट
पहले टेस्ट मैच में उनादकट को मौका नहीं मिला था लेकिन दूसरे टेस्ट मैच में जब मौका मिला तो लोगों को ये चीज पसंद नहीं आई कि कुलदीप को ड्रॉप करके उनादकट को खिलाया गया। कुलदीप यादव ने पहले टेस्ट मैच में कुल 8 विकेट लेकर इंडियन टीम की जीत में अपना अहम योगदान दिया था लेकिन इसके बावजूद दूसरे मुकाबले से उन्हें ड्रॉप कर दिया गया। जयदेव उनादकट से जब इस बारे में सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा,
मैं बिल्कुल भी दबाव में नहीं था। जब आप उम्मीद नहीं करते हैं और वो चीज हो जाती है तो फिर काफी अच्छा लगता है। मैं केवल अपना योगदान देना चाहता था। अगर विकेट ना ले सकूं तो दूसरे छोर से दबाव तो बनाए रखूं। मेरी सोच यही थी। मुझे इसलिए मौका मिला क्योंकि मैनेजमेंट को लगा कि ये पिच मेरे लिए सही है। वहां की परिस्थितियां राजकोट जैसी ही थीं। विकेट पर ज्यादा पेस नहीं थी। मुझे पता था कि अगर मैंने अपनी स्ट्रेंथ से गेंदबाजी की तो फिर सफल रहूंगा।'