दक्षिण अफ्रीका के दिग्गज खिलाड़ी जेपी डुमिनी ने टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले लिया है। उन्होंने प्रथम श्रेणी क्रिकेट से भी संन्यास ले लिया है। जेपी डुमिनी ने साल 2008 में दक्षिण अफ्रीका के लिए टेस्ट क्रिकेट में डेब्यू किया था। अक्सर कहा जाता था कि डुमिनी टेस्ट क्रिकेट के लिए नहीं बने हैं। मीडिया से बातचीत में डुमिनी ने कहा कि मैं अच्छी तरह जानता हूं कि मेरा क्रिकेट करियर अभी खत्म नहीं हुआ है। आपको बता दें लॉर्ड्स में खेले गए इंग्लैंड के खिलाफ पहले टेस्ट मैच के बाद जेपी डुमिनी को टीम से बाहर कर दिया गया था। उन्होंने कहा कि ' काफी पशोपेश के बाद मैंने प्रथम श्रेणी मैच और टेस्ट मैच से तुरंत संन्यास लेने का फैसला किया है। मैंने अपने करियर में अपने देश के लिए खेलते हुए काफी लुत्फ उठाया। केब कोपराज के लिए मैंने 108 प्रथम श्रेणी मैच खेले, लगभग 16 साल तक मैंने केप कोबराज के लिए खेला। मुझे टीम के साथ खेलकर काफी अच्छा लगा"।
(मैंने टेस्ट क्रिकेट और प्रथम श्रेणी मैच से तुरंत संन्यास लेने का फैसला किया है) जेपी डुमिनी ने साल 2008 में दक्षिण अफ्रीका के लिए टेस्ट क्रिकेट में पर्दापण किया था। उन्होंने अपने करियर में कुल मिलाकर 46 टेस्ट मैच खेले, जिसमें उन्होंने कुल मिलाकर 32.85 की औसत से 2103 रन बनाए। अपने 9 साल के टेस्ट करियर में डुमिनी ने 6 शतक और 8 अर्धशतक लगाए। पर्थ में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपने पहले मैच में डुमिनी ने अर्धशतक लगाया था। एमसीजी क्रिकेट ग्राउंड पर खेले गए दूसरे टेस्ट मैच में उन्होंने शानदार शतक लगाया था। उन्होंने उस मैच में 166 रनों की पारी खेली थी, जो कि उनका टेस्ट क्रिकेट का सर्वाधिक उच्चतम स्कोर है। इसी साल जनवरी में जेपी डुमिनी ने श्रीलंका के खिलाफ 155 रनों की पारी खेलकर बता दिया था कि उनके अंदर टेस्ट क्रिकेट में रनों की भूख अभी कम नहीं हुई है। हालांकि उसके बाद डुमिनी लगातार रन नहीं बना पाए। डुमिनी ने टेस्ट क्रिकेट से भले ही संन्यास ले लिया हो लेकिन वो एकदिवसीय और टी20 मैच खेलते रहेंगे