Juned Khan life journey: मुंबई की टीम ने 27 साल के बाद ईरानी कप अपने नाम किया। फाइनल में रेस्ट ऑफ इंडिया को हराकर मुंबई ने 15वीं बार ईरानी कप जीता। मुंबई की टीम में कई जबरदस्त खिलाड़ी शामिल थे लेकिन जुनैद खान का नाम सबसे ज्यादा चर्चा में है। इस मुकाबले से जुनैद ने अपने घरेलू क्रिकेट करियर की शुरुआत की और पहला फर्स्ट क्लास मुकाबला खेला। जुनैद ने रेस्ट ऑफ इंडिया के कप्तान रुतुराज गायकवाड़ को आउट किया था।
जुनैद का यहां तक पहुंचने का सफर आसान नहीं रहा है और उन्होंने इस सफर को तय करने के लिए बहुत संघर्ष किया है। इसी कड़ी में हम आपको जुनैद के जीवन के कुछ किस्सों के बारे में बताएंगे, जिन्हें जानकार आपको काफी प्रेरणा मिलेगी।
जुनैद ने जरूरत पड़ने पर चलाया ऑटो रिक्शा
जुनैद खान उत्तर प्रदेश के कन्नौज के रहने वाले हैं और बचपन से ही उनका सपना था कि वह क्रिकेटर बनें। इसके लिए उन्होंने बहुत मेहनत भी की। सभी की तरह जुनैद भी अपना सपना साकार करने के लिए मुंबई पंहुच गए लेकिन उनके लिए क्रिकेट के मैदान पर जाकर खेलना आसान नहीं था। मुंबई में अपने शुरूआती दिनों के दौरान अपना गुजारा करने के लिए जुनैद ने ऑटो रिक्शा चलाना शुरू किया। मीडिया रिपोर्टस के अनुसार जुनैद जब मुंबई आए थे तो उनकी उम्र 13-14 साल थी।
संजीवनी क्रिकेट अकादमी में शुरू की थी प्रैक्टिस
ऑटो रिक्शा चलाने के दौरान जुनैद एक बार संजीवनी क्रिकेट अकादमी में खेलने पहुंचे थे। इस संजीवनी क्रिकेट को मुंबई के पूर्व विकेटकीपर मनीष बंगेरा चलाते हैं। जुनैद कन्नौज में टेनिस-बॉल क्रिकेट खेलते थे। संजीवनी अकादमी में बंगेरा ने उन्हें गेंदबाजी करते देखा था। बंगेरा को उनका गेंदबाजी करना अच्छा लगा तो उन्होंने जुनैद को रोज आकर गेंदबाजी की प्रैक्टिस करने के लिए कहा। जुनैद रोज अकादमी जाकर गेंदबाजी की प्रैक्टिस किया करते थे।
आज मैं जो कुछ हूं अभिषेक नायर की वजह से हूं - जुनैद
कोविड के आसपास की बात है जुनैद पुलिस शील्ड में पीजे हिंदू जिमखाना के लिए खेल रहे थे। तभी भारत के सहायक कोच अभिषेक नायर (जो उस समय कोलकाता नाइट राइडर्स के सहायक कोच थे) की नजर जुनैद पर पड़ी और उन्होंने जुनैद की प्रतिभा को पहचाना। जुनैद ने एक इंटरव्यू के दौरान नायर को अपने खेल का श्रेय देते हुए कहा था कि अभिषेक नायर ने मेरी काफी मदद की। आज मैं जो कुछ भी हूं, उनकी ही वजह से हूं। अगर वे नहीं होते, तो मैं आज जिस मुकाम पर हूं, नहीं होता।
उन्होंने ही मुझे ऑटो रिक्शा चलाना बंद करने और अपना सारा समय क्रिकेट की प्रैक्टिस में लगाने को कहा था। फिर मैंने उनकी अकादमी में ट्रेनिंग लेनी शुरू की थी। उन्होंने मुझे पिछले आईपीएल सीजन के लिए केकेआर का नेट बॉलर बनाया था। जुनैद को संजय पाटिल की अध्यक्षता वाली चयन समिति ने बुची बाबू और केएससीए टूर्नामेंट के लिए चुना। इन टूर्नामेंट में जुनैद ने अपनी गेंदबाजी से प्रभावित किया था। इन टूर्नामेंट में अच्छा में अच्छा प्रदर्शन करने की वजह से जुनैद को ईरानी कप में मुंबई के लिए डेब्यू करने का मौका मिला।