कोरोना वायरस ने आईपीएल सहित तमाम क्रिकेट टूर्नामेंट वर्ल्ड क्रिकेट में बंद करा दिए। भारतीय क्रिकेटरों ने सोशल मीडिया का इतना उपयोग शायद कभी नहीं किया होगा। कोरोना वायरस नहीं आता तो आईपीएल सहित तमाम आयोजन सुचारू रूप से चल रहे होते। दर्शक और विदेशी खिलाड़ी भी आईपीएल का लुत्फ़ इस साल अब तक उठा चुके होते। टूर्नामेंट धमाकेदार अंदाज में समाप्त होता। हालांकि सभी बातें काल्पनिक हो गई हैं और सुनसान स्टेडियम इंतजार में हैं कि कब यहाँ लोगों की गूंज सुनाई देगी।
बीसीसीआई फ़िलहाल इस उम्मीद में है कि साल के अंत तक कोई भी एक विंडो मिल जाए जिसमें आईपीएल का आयोजन कराया जा सके। बोर्ड को भी करोड़ों रूपये का नुकसान होगा तथा खिलाड़ी भी इसकी जद में हैं। बड़ी रकम से लेकर छोटी रकम तक के खिलाड़ी टीमों में शामिल किये गए हैं और सभी का नुकसान होना है। एक बहस यह है कि सबसे ज्यादा नुकसान आईपीएल नहीं होने से किसका होगा। इसमें यही कहा जा सकता है कि नए और जूनियर स्तर के खिलाड़ी ज्यादा घाटे में रहेंगे।
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आईपीएल नहीं होने से जूनियर खिलाड़ियों का नुकसान
भारतीय टीम में जसप्रीत बुमराह, हार्दिक पांड्या जैसे कई खिलाड़ी आईपीएल के बाद राष्ट्रीय टीम में खेल गए। आईपीएल नहीं होता तो शायद उन्हें टीम में आने के लिए समय लग सकता था। कई जूनियर खिलाड़ी ऐसे हैं जिन्हें आईपीएल में बड़े खिलाड़ियों के साथ खेलने से अनुभव प्राप्त होता है। वह अनुभव इस साल आईपीएल नहीं होने से खिलाड़ी की पहुँच से दूर चला जाएगा। जितनी भी कम रकम में उसे खरीदा गया है, वह भी नहीं मिलेगी और टीम इंडिया में आने का सपना पूरा होने में भी ज्यादा समय लगेगा।
बड़े खिलाड़ी पहले से ही जमे हुए हैं। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काफी क्रिकेट खेली है। आईपीएल में खेलकर उन्हें खुद को साबित करने की जरूरत नहीं है। पैसे की बात करें तो ब्रांड्स और केन्द्रीय अनुबंध से उन्हें अच्छा पैसा मिलता है इसलिए इस साल आईपीएल से कमाई नहीं होगी तब भी उन्हें फर्क नहीं पड़ेगा। कोरोना की वजह से दिहाड़ी मजदूरों पर असर पड़ा है, तो आईपीइल रद्द होने पर जूनियर खिलाड़ियों का भी नुकसान होगा।