पूर्व महान ऑल राउंडर कपिल देव (Kapil Dev) ने भारतीय बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) को प्रतिभा और कड़ी मेहनत का आदर्श उदाहरण बताते हुए उनकी सराहना की है। 16 साल की छोटी उम्र में शुरुआत करने के बाद तेंदुलकर 24 साल के करियर के दौरान 34000 से अधिक रन और 100 अंतरराष्ट्रीय शतक बनाकर भारत के अब तक के सबसे महान बल्लेबाज बन गए। कपिल देव ने उनका जिक्र कर आज के खिलाड़ियों को बड़ी बात कही है।
एंटरटेनमेंट टाइम्स के अनुसार कपिल देव ने कहा कि कभी-कभी युवा दूसरों को प्रभावित करने के लिए कुछ न कुछ करते हैं। मेरा मानना है कि सबसे पहले खुद से प्यार करना और जो कुछ भी आपको पसंद है उसमें जुनून लाना जरूरी है। जुनून, कड़ी मेहनत और प्रतिबद्धता का कोई विकल्प नहीं है। सचिन तेंदुलकर प्रतिभा और कड़ी मेहनत का आदर्श उदाहरण हैं। यदि आप प्रतिभाशाली हैं लेकिन पर्याप्त मेहनती नहीं हैं, तो आप विनोद कांबली के रास्ते पर जा सकते हैं। अगर आपका भाग्य सुंदर है, तो आगे की राह की चिंता क्यों करें।
गौरतलब है कि सचिन तेंदुलकर और विनोद काम्बली साथ खेले थे लेकिन तेंदुलकर आगे बढ़ते गए और काम्बली पीछे रह गए। हालांकि काम्बली के अंदर प्रतिभा की कमी नहीं थी। टेस्ट क्रिकेट में उन्होंने दोहरा शतक जमाया और 54 से भी ज्यादा का औसत से रन बनाए। वनडे में काम्बली ने 104 मैच खेले और 2400 से ज्यादा रन बनाए। टैलेंट के बावजूद वह अपने करियर में लम्बा नहीं जा पाए और टीम से बाहर होने के बाद वापस नहीं आए।
वहीँ तेंदुलकर ने अपने टेस्ट करियर में 51 शतकीय पारियां खेली। एकदिवसीय क्रिकेट में भी सचिन ने 49 शतक जमाए। वनडे और टेस्ट दोनों में तेंदुलकर ने कई बड़ी उपलब्धियां हासिल की। इसके अलावा गेंदबाजी में भी सचिन ने 200 अंतरराष्ट्रीय विकेटों का आंकड़ा प्राप्त किया।