चयनकर्ताओं को लेकर की गई टिप्पणी करुण नायर और मुरली विजय के लिए महंगी पड़ सकती है। भारतीय क्रिकेट बोर्ड इसको लेकर इन दोनों खिलाड़ियों से जवाब-तलब कर सकता है। बीसीसीआई इसे केंद्रीय अनुबंधित क्रिकेटरों के लिए बने नियमों का उल्लंघन मान रही है।
बीसीसीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम नहीं बताने की शर्त पर कहा कि मुरली विजय और करूण नायर ने चयन नीति पर बोलकर अच्छा नहीं किया। यह सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट का उल्लघंन है। इसके तहत कोई भी खिलाड़ी हाल में समाप्त हुए दौरे के बारे में 30 दिन तक कुछ नहीं बोल सकता है। हैदराबाद में 11 अक्टूबर को प्रशासकों की समिति की बैठक है और वहां इस मुद्दे को उठाया जा सकता है।
हाल ही में करुण नायर और मुरली विजय ने चयनकर्ताओं को लेकर बड़ा बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि टेस्ट टीम से ड्रॉप किए जाने से पहले उनसे चयनकर्ताओ ने बात नहीं की थी और ना ही कोई वजह बताई थी। मुरली विजय ने कहा था कि ना तो मुख्य चयनकर्ता और ना ही किसी और शख्स ने इंग्लैंड के खिलाफ तीसरे टेस्ट मैच से ड्रॉप किए जाने के बाद मुझसे बात की थी। मुरली विजय ने आगे कहा कि मुझे लगता है कि अगर किसी खिलाड़ी को टीम से बाहर किया जाए तो उसे उसका कारण भी बताना चाहिए, जिससे ये पता चल सके कि उसने गलती कहां की और टीम मैनेजमेंट और चयनकर्ताओं की उस खिलाड़ी को लेकर क्या योजना है।
वहीं करुण नायर को इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज में एक भी मैच में मौका नहीं दिया गया था और वेस्टइंडीज के खिलाफ घरेलू टेस्ट सीरीज के लिए उन्हें टीम से ड्रॉप कर दिया गया था। इसके बाद मुख्य चयनकर्ता एमएसके प्रसाद ने बयान दिया था कि करुण नायर इस बारे में बात की गई है और उन्हें घरेलू क्रिकेट में अच्छा प्रदर्शन करने को कहा गया है। करुण नायर ने एमएसके प्रसाद की इस बात का खंडन किया था और कहा था कि उनसे इस तरह की कोई बात नहीं की गई है।