भारतीय बल्लेबाज करुण नायर हमेशा फोर्ड मस्टैंग कार खरीदने का सपना देखते थे, लेकिन नायर के पिता ने कार खरीदने के लिए उनके सामने कई शर्तें रखी थी जिसके पूरा होने के बाद ही वो कार खरीद पाए। द हिन्दू से बात करते हुए नायर ने कहा "मस्टैंग खरीदना मेरे लिए इतना आसान नहीं था। मेरे पिता ने इसके लिए शर्ते रखी थी। उन्होंने पहले कहा कि देश के लिए खेलो जब मुझे मौका मिल गया तो उन्होंने कहा टीम में अपनी जगह पक्की करो। फिर जब मैं घर गया और कार खरीदने की बात की तो उन्होंने कहा पहले शतक बनाओ। अंत में जब मैंने तिहरा शतक बना दिया तो उनके पास कोई बहाना नहीं बचा।" करुण नायर ने पिछले साल इंग्लैंड के खिलाफ खेलते हुए चेन्नई में 303 रनों की नाबाद पारी खेली थी। यह पहला मौका था जब उन्होंने 50 से ज्यादा का स्कोर बनाया था और अंत तक आउट नहीं हुए। उन्होंने खुलासा किया कि जब मैं युवा था तभी से कुछ ऐसा चाहता था जो तेज़ और अनोखा हो और रेड फोर्ड मस्टैंग कार किसी के पास नहीं थी। बेंगलुरु में इसे आने में थोड़ा समय लगा लेकिन जब आया तो मैंने इसे खरीद लिया। इसे आने में करीब 3 महीने का समय लग गया था। नायर ने भारत के लिए 6 टेस्ट मैच खेले हैं लेकिन अगर तिहरे शतक को छोड़ दे तो वो कुछ खास नहीं कर पाने में असफल ही रहे हैं। अब वह इंडिया 'ए' के कप्तान हैं जो दक्षिण अफ्रीका में चार दिवसीय मैच खेलने जा रही है। करुण नायर खिलाड़ी के रूप में लगातार अच्छा प्रदर्शन कर अपना सपना पूरा करना चाहते हैं। अब वो राहुल द्रविड़ की कोचिंग में दक्षिण अफ्रीका जा रहे हैं और उम्मीद कर रहे हैं कि अच्छा प्रदर्शन करें जिससे इंग्लैंड में होने वाले 2019 विश्वकप में भारतीय टीम में जगह के लिए वो दावेदारी पेश करें।