Karun Nair offered himself to Kerala: कर्नाटक छोड़कर विदर्भ के लिए घरेलू क्रिकेट खेलना शुरू करते ही करुण नायर की किस्मत ही बदल गई। करुण ने इस टीम के लिए खेलते हुए घरेलू मैचों में इतने रन बना दिए कि वापस उन्हें भारतीय टीम में चुने जाने को लेकर चर्चा होने लगी। उनकी कप्तानी में विदर्भ की टीम का भी प्रदर्शन काफी शानदार रहा है। विजय हजारे ट्रॉफी का फाइनल खेलने के बाद अब विदर्भ की टीम रणजी ट्रॉफी का फाइनल खेल रही है। फाइनल में वह केरल का सामना कर रहे हैं। अब करुण ने एक ऐसा खुलासा किया है जिसको सुनने के बाद हर कोई चौंक गया है। करुण ने बताया है कि कर्नाटक छोड़ते वक्त उन्होंने केरल के लिए खेलने की इच्छा जताई थी, लेकिन वहां के एसोसिएशन से कुछ जवाब नहीं मिलने के बाद उन्होंने विदर्भ ज्वाइन किया था।
2023 में कर्नाटक छोड़ते वक्त करुण ने केरल क्रिकेट एसोसिएशन से बातचीत की थी और उनके लिए खेलने का ऑफर दिया था। हालांकि, जल्दी जवाब नहीं मिलने के कारण उन्होंने विदर्भ ज्वाइन कर लिया।
उन्होंने बताया, इस बारे में बातचीत हुई थी। जब मैं कर्नाटक छोड़ने का मन बना चुका था तो मैं अपने विकल्प देख रहा था। बातचीत तो हुई, लेकिन यह बहुत आगे नहीं बढ़ पाई। मैंने खुद को केरल के लिए ऑफर किया था, लेकिन यह बात आगे नहीं बढ़ी। इसी समय मुझे विदर्भ से ऑफर मिल गया। मैं अच्छी स्थिति में नहीं था। इसी वजह से इंतजार नहीं कर सकता था। मैं अपने दिमाग को दुरुस्त करना चाहता था और यह केवल किसी टीम को ज्वाइन करने से हो सकता था। तो मैंने विदर्भ ज्वाइन कर लिया।
विदर्भ ज्वाइन करने के बाद से करुण की बल्लेबाजी काफी शानदार रही है। विजय हजारे ट्रॉफी में उन्होंने लगभग 390 की औसत के साथ 779 रन बना दिए थे। इस अदभुत प्रदर्शन में उन्होंने विजय हजारे ट्रॉफी के एक सीजन में सबसे अधिक शतक लगाने के रिकॉर्ड की भी बराबरी की थी। रणजी ट्रॉफी के इस सीजन में भी करुण 700 से अधिक रन बना चुके हैं। केरल के खिलाफ चल रहे फाइनल की पहली पारी में भी उन्होंने 86 रनों का अहम योगदान दिया है। अपनी कप्तानी में वह विदर्भ को भी चैंपियन बनाने की पूरी कोशिश करेंगे।