करुण नायर को भारतीय टीम से बाहर होने का अफ़सोस

करुण नायर का टेस्ट जिस तेज़ी से शुरू हुआ था उतनी ही तेज़ी से नीच जाता दिख रहा है। अपनी पहले ही टेस्ट सीरीज में इंग्लैंड के खिलाफ चेन्नई टेस्ट में नायर ने 303 रनों की पारी खेली थी, इसके साथ ही टेस्ट क्रिकेट में वीरेंद्र सहवाग के बाद तिहरा शतक बनाने वाले दूसरे बल्लेबाज बने थे लेकिन जल्द ही उन्होंने अपना फॉर्म खो दिया और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ कुछ खास करने में असफल रहे। करुण नायर ने क्रिइन्फो से बातचीत में कहा "मुझे टीम प्रबंधन और चयनकर्ताओं के निर्णय का सम्मान करना पड़ेगा। अगर मैं पीछे मुड़ कर देखूं, तो लगता है कि कुछ पारियों में मुझे अच्छी शुरुआत मिली थी, जिसे मैं बड़ी पारी में तब्दील नहीं कर पाया लेकिन बल्लेबाजों के साथ ऐसा होता है कि वो कई बार अच्छी शुरुआत को बड़ी पारी में नहीं बदल पाते। चेन्नई में खेली अपनी अद्भुत पारी के बाद नायर का फॉर्म लगातार नीचे की तरफ ही गया है। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चार पारियों ने उनका स्कोर 26, 0, 23 और 5 रहा था। आईपीएल में भी फॉर्म ने नायर का साथ नहीं दिया और ज़हीर खान की गैरमौजूदगी में टीम के कप्तान रहे नायर ने पूरे आईपीएल में 21.61 की औसत से मात्र 281 रन बनाये। नायर की बातों से टेस्ट टीम में जगह न मिलने का अफ़सोस भी दिखा, उन्होंने कहा कि अगर मौका मिलता तो कुछ और अच्छी पारियां खेल सकते थे लेकिन वो खुद को सौभाग्यशाली मानते हैं कि उन्हें टीम में खेलने का मौका मिला। इस महीने के अंत में श्रीलंका में होने वाली टेस्ट सीरीज की टीम में नायर को जगह नहीं मिली है लेकिन दक्षिण अफ्रीका 'ए' के खिलाफ होने वाले चार दिवसीय मैचों के लिए उन्हें इंडिया 'ए' का कप्तान बनाया गया है। इस बारे में नायर ने कहा कि मैं अपना पूरा ध्यान इस नई चुनौती पर लगाना चाहता हूं। नायर इससे पहले कभी दक्षिण अफ्रीका की सरजमीं पर नहीं खेले हैं इसलिए उनके लिए वहां के माहौल को समझने की भी चुनौती होगी।

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