टेस्ट में चेतेश्वर पुजारा की बल्लेबाजी के बचाव में उतरे किरण मोरे

भारतीय टीम को न्यूजीलैंड के खिलाफ तीन मैचों की टेस्ट सीरीज में बहुत सकारात्मक पहलू मिले हैं, लेकिन मेजबान टीम के लिए सबसे बड़ा मुनाफा चेतेश्वर पुजारा का फॉर्म में आना रहा। पुजारा ने कीवी टीम के खिलाफ 6 पारियों में 373 रन बनाए और टीम को वाइटवॉश करने में मदद की। 28 वर्षीय बल्लेबाज को धीमी बल्लेबाजी करने के लिए काफी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा है, लेकिन कीवी टीम के खिलाफ तीन मैचों की टेस्ट सीरीज में उन्होंने दर्शाया कि वह न सिर्फ समय-समय पर बाउंड्री निकाल सकते हैं बल्कि वह स्ट्राइक भी जल्दी-जल्दी रोटेट कर सकते हैं। इंदौर में खेले गए सीरीज के तीसरे व अंतिम टेस्ट में पुजारा ने दूसरी पारी में तेजी से रन बनाते हुए अपने करियर का 8वां टेस्ट शतक जड़ा। भारतीय टीम के पूर्व विकेटकीपर और एक समय चयनकर्ता समिति के चेयरमैन रहे किरण मोरे का मानना है कि सौराष्ट्र के बल्लेबाज की धीमी बल्लेबाजी करने के लिए आलोचना करना सही नहीं है और साथ ही स्वीकार किया कि नई गेंद का सामना करना आसान नहीं है। मोरे ने कहा, 'पुजारा की बल्लेबाजी को लेकर गैरजरुरी आलोचनाएं होती हैं। नई गेंद का सामना करना आसान नहीं होता। पुजारा अधिकांश तीसरे क्रम पर बल्लेबाजी करने उतरते हैं और अगर वह जल्दी बल्लेबाजी करने उतरे तो नई गेंद बहुत स्विंग हो रही होती है, जिसे खेलना आसान नहीं। सिर्फ पुजारा की ही आलोचना क्यों की जाती है? ऐसे समय कोई भी बल्लेबाज अपने विकेट को लेकर चिंतित रह सकता है। वह बहुत अच्छा बल्लेबाज है लेकिन धीमी बल्लेबाजी के कारण उसकी आलोचना होती है, यह सही नहीं है।' भारतीय टीम को हाल के समय में टेस्ट मैचों में काफी संघर्ष करना पड़ा था क्योंकि उनके ओपनर्स बड़ी पारी नहीं खेल पा रहे थे। तब पुजारा को जल्दी क्रीज पर उतरना पड़ रहा था और नई गेंद का सामना करना पड़ रहा था। मोरे ने साथ ही कहा कि सचिन तेंदुलकर जैसे गुणी बल्लेबाज को भी अनुभव हासिल करने के साथ-साथ अपने खेल में बदलाव करना पड़ा था। पुजारा अभी युवा हैं और वह हमेशा टीम के जरुरत के मुताबिक अपने खेल में तब्दीली करते हैं। उन्होंने कहा, 'इतने वर्षों में सचिन तेंदुलकर के बल्लेबाजी की तकनीक में काफी बदलाव आ गया। जब पहले वह क्रिकेट खेलते थे, तो वह आक्रमक रूप अख्तियार करके रखते थे। मगर उन्होंने अपने खेल में समय के साथ सुधार किया और भारत के लिए कई शानदार पारियां खेली। मैंने पुजारा की उम्र के कई क्रिकेटरों को देखा हैं और मैं सिर्फ इतना कह सकता हूं कि वह हमेशा परिस्थिति को ध्यान में रखकर बल्लेबाजी करता है।' पुजारा की न्यूजीलैंड के खिलाफ शानदार बल्लेबाजी से भारतीय टीम को बड़ा फायदा मिला है। भारतीय टीम को इस सत्र में 10 टेस्ट मैच खेलना है और पुजारा के फॉर्म में लौटने से टीम की बल्लेबाजी इकाई को ताकत मिलेगी। भारत को अब इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज खेलना है।