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लोकेश राहुल अगली पारी में करुण नायर या वीरेंदर सहवाग का रिकॉर्ड तोड़ना चाहते हैं

इंग्लैंड के खिलाफ चेन्नई टेस्ट में दोहरे शतक के बेहद करीब पहुंचे लोकेश राहुल ने ख़राब शॉट खेलकर अपना विकेट गंवा दिया था। 199 रन पर आउट होने के बाद राहुल के भाव सारी कहानी दर्शा रहे थे। हालांकि राहुल ने सकारात्मक पक्ष अपनाते हुए इसे उम्दा योगदान करार दिया, जिसकी मदद से भारत ने टेस्ट एक पारी और 75 रन से जीतकर पांच मैचों की सीरीज 4-0 से जीती। इंडिया टुडे के साथ बातचीत में 24 वर्षीय अपने करियर के सर्वश्रेष्ठ स्कोर और आउट होने पर खुलकर विचार व्यक्त किये। उन्होंने साथ ही कहा कि अगली बार जब वह बल्लेबाजी करने आएंगे तो रिकॉर्ड तोड़ने की पूरी कोशिश करेंगे। राहुल ने कहा, 'क्रिकेट एक मजेदार खेल है। मैं चोट से उबरकर टेस्ट क्रिकेट खेलने लौटा और शून्य पर आउट हो गया। लोगों ने सोचा कि मैं पहले जैसा राहुल नहीं हूं। वह मेरे लिए कड़ा समय था। मुझे ख़ुशी है कि मेरे खाते में रन जुड़े। मेरे पास मुस्कुराने के 199 कारण हैं। मैं दोहरा शतक बनाने से केवल एक रन से चूक गया। इसी तरह खेल चलता है। आप हर बार वो नहीं पा सकते जो चाहते हैं।' यह पूछने पर कि 200 रन के करीब पहुंचने पर दिमाग रुक सा गया था तो दाएं हाथ के बल्लेबाज ने कहा, 'आप ऐसा कह सकते हैं। बल्लेबाज की जिंदगी में कुछ ही पल होते हैं जब वह बहुत उत्सुक या घबराया हुआ होता है। जब बल्लेबाज को खाता खोलना होता है और जब वह शतक या दोहरा शतक बनाने के करीब हो।' राहुल ने कहा, 'मैं उम्मीद कर रहा था कि गेंद मिडिल या ऑफ़स्टंप की तरफ आएगी। यह बिलकुल नहीं सोचा था कि गेंद इतनी बाहर की और आएगी। मैं आधा शॉट खेलने पहुंच गया था और फिर पीछे हटने का फैसला किया। तब तक काफी देर हो चुकी थी।' उन्होंने साथ ही कहा, 'आप गलतियों से काफी सीखते हो। मैं सीखकर खुश हूं। जब अगली बार बल्लेबाजी करने उतरूंगा तो करुण या फिर सहवाग का रिकॉर्ड तोड़ने की कोशिश करूंगा। करुण ने तिहरा शतक लगाकर हम सबके सामने पैमाना स्थापित कर दिया है। यह अच्छा है कि टीम में इस प्रकार की प्रतिस्पर्धा है।' भारतीय टीम को अगला टेस्ट बांग्लादेश के खिलाफ विशाखापट्टनम में 8 फरवरी को खेलना है। इसके बाद वह ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चार मैचों की टेस्ट सीरीज खेलेगी।

Edited by Staff Editor
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