पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (POK) में होने जा रही कश्मीर प्रीमियर लीग (Kashmir Premier League) को मान्यता नहीं देने का आग्रह बीसीसीआई (BCCI) ने आईसीसी से किया था। इस पर आईसीसी (ICC) की तरफ से कहा गया है कि यह हमारे अधिकार क्षेत्र में नहीं आता है। एसोशिएट देश की जमीन पर होने वाले टूर्नामेंट में आईसीसी हस्तक्षेप कर सकती है लेकिन यहाँ ऐसा नहीं है।
पाकिस्तान के जियो टीवी से आईसीसी के एक प्रवक्ता ने कहा कि टूर्नामेंट आईसीसी के अधिकार क्षेत्र में नहीं है क्योंकि यह एक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट टूर्नामेंट नहीं है। साथ ही क्रिकेट संस्था केवल तभी हस्तक्षेप कर सकती है जब मैच सहयोगी सदस्य के क्षेत्र में हों।
बीसीसीआई ने पहले ही मामले पर कहा है कि कई देशों के क्रिकेट बोर्ड से उनके खिलाड़ियों को कश्मीर लीग में भाग लेने की अनुमति नहीं देने के लिए कहते हुए सूचित किया है कि यदि वे ऐसा करते हैं, तो भारत में किसी भी क्रिकेट गतिविधि का हिस्सा नहीं हो सकते। हमने राष्ट्रहित को ध्यान में रखते हुए ऐसा किया है। हमें पाकिस्तान सुपर लीग (PSL) खेलने वालों से कोई समस्या नहीं है लेकिन यह पीओके में एक लीग है। हम अपनी सरकार की लाइन पर चल रहे हैं।
केपीएल का उद्घाटन संस्करण 6 अगस्त से शुरू होने वाला है, जिसमें शोएब मलिक, शाहिद अफरीदी जैसे पाकिस्तानी क्रिकेटर हिस्सा लेंगे। बीसीसीआई ने पहले भी टूर्नामेंट पर आपत्ति जताई थी क्योंकि यह मुजफ्फराबाद में खेला जाएगा, जो पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में विवादित भूमि पर है। केपीएल को मान्यता पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने दी है। बीसीसीआई ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई है क्योंकि कश्मीर का एक हिस्सा पाकिस्तान ने कब्जा किया हुआ है जिसे पीओके कहा जाता है और यह भारतीय क्षेत्र के अंतर्गत आता है।
भारतीय क्रिकेट बोर्ड ने विभिन्न देशों को केपीएल में खिलाड़ी नहीं भेजने का आग्रह किया। इस बीच इंग्लैंड के पूर्व खिलाड़ी मोंटी पनेसर ने वहां खेलने से मना कर दिया है। पनेसर ने कहा कि मुझे बीसीसीआई से किसी ने धमकाया नहीं और न ही कोई कॉल आया और मैं केपीएल में नहीं खेल रहा हूँ। मेरा करियर भारत में ही है।