SAvIND: बल्लेबाज़ों के लिए अनसुलझी पहेली है कुलदीप यादव और युज़वेंद्र चहल की जोड़ी

भारत ने दक्षिण अफ्रीकी दौरे पर खेली जा रही वन डे सीरीज़ में पांचवेंं वनडे मैच को जीतने के साथ ही सीरीज में 4-1 की निर्णायक बढ़त बना ली है। इस मैच को जीतने के साथ ही भारत ने वनडे सीरीज अपने नाम कर ली है। भारत ने अफ्रीकी जमीन पर पहली बार इस कारनामे को अंजाम दिया है। 25 बरस के इंतजार के बाद भारत को मिली इस ऐतिहासिक सफलता में यूं तो कई खिलाड़ियों ने अहम योगदान दिया है, लेकिन जिन्होंने इस विजय में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है वो है दो युवा स्पिनरों कुलदीप यादव और युजवेंद्र चहल की जोड़ी। दक्षिण अफ्रीका की जमीन स्पिनरों के लिए कभी भी मददगार नहीं रही है, इसलिए इस जोड़ी द्वारा इस दौरे पर किया गया शानदार प्रदर्शन और भी महत्वपूर्ण हो जाता है। इस दौरे पर मेजबान दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाज इस जोड़ी के बुने जाल में बुरी तरह फंसते नज़र आ रहे हैं। इस जोड़ी का जादू ऐसा छाया है कि दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाज बेबस और लाचार नज़र आये हैं। हालांकि सिर्फ अफ्रीकी बल्लेबाज ही इन दोनों की फिरकी के शिकार हुए हों ऐसा नहीं है बल्कि सच तो ये है कि जिस भी टीम का पिछले कुछ समय में टीम इंडिया से सामना हुआ है, उन सभी टीमों के बल्लेबाजों का इस जोड़ी के सामने कुछ यही हश्र हुआ है। सभी बल्लेबाजों को इस जोड़ी ने बुरी तरह से परेशान कर के रखा और भारत को सीमित ओवरों की इन सीरीजों में विजयी बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। भारत की इस नई सनसनी जोड़ी ने अपनी रिस्ट स्पिन से इस समय क्रिकेट जगत में तहलका मचाकर रख दिया है। अच्छे से अच्छे बल्लेबाज इस जोड़ी के आगे असहाय नज़र आ रहे हैं। चाइनामैन कुलदीप यादव और लेग स्पिनर युजवेंद्र चहल की जोड़ी की गेंदें एक अनसुलझी पहेली बनी हुई हैं। इस पहेली को हल करने में किसी भी टीम को अभी सफलता नहीं मिली है। लेफ्ट आर्म चाइनामैन गेंदबाजी करने वाले कुलदीप और राइट आर्म लेग स्पिन गेंदबाजी करने वाले चहल कहने को तो लेग स्पिन गेंदबाजी करते हैं लेकिन इनकी गेंदबाजी में बहुत विविधता है, जो बल्लेबाजों की परेशानी का सबब बनती है। इस जोड़ी के अब तक के करियर आंकड़ों पर भी नज़र डाल लेते हैं। जहां कुलदीप यादव ने 2 टेस्ट मैचों में 20.77 की औसत से 9 विकेट लिये हैं, 40/4 उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। तो वहं 19 वन डे में उन्होंने 19.21 की औसत से 38 विकेट लिए हैं, 23/4 उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। 8 टी-20 में कुलदीप ने 18.5 की औसत से 12 विकेट लिए हैं, 52/3 उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। वहीं दूसरी ओर युजवेंद्र चहल ने 22 वन डे में 21.97 की औसत से 41 विकेट लिए हैं, 22/5 उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। 14 टी-20 में 15.92 की औसत से 26 विकेट लिए हैं, 25/6 उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। बड़े ही कमाल की बात है कि जहाँ कुछ साल पहले तक रविचंद्रन अश्विन और रविन्द्र जडेजा के बिना टीम इंडिया के स्पिन विभाग की कल्पना करना भी सम्भव नहीं लगता था, लेकिन आज सीमित ओवरों के खेल में इन दोनों दिग्गजों की वापसी की राह बिल्कुल भी आसान दिखाई नहीं देती। अश्विन और जडेजा की जोड़ी के विश्व कप में खेल पाने की सम्भावनाओं पर भी बड़ा प्रश्न चिन्ह लगा हुआ है। अश्विन और जडेजा की जोड़ी के सीमित ओवरों के खेल से बाहर होने की जो वजह थी, वो थी कुछ मैचों में बीच के ओवरों में विकेट न निकाल पाने की नाकामी। इस जोड़ी के विकेट न ले पाने का खामियाजा टीम इंडिया को भी उठाना पड़ा। अंततः अश्विन और जडेजा की जगह कुलदीप यादव और चहल की जोड़ी को मौका दिया गया। कुलदीप और चहल की जोड़ी ने इस मौके का अभी तक पूरा लाभ उठाया है और चयनकर्ताओं को पीछे मुड़कर देखने का अवसर नहीं दिया है। अश्विन और जडेजा का नाम दुनिया के सर्वश्रेष्ठ आलराउंडर में शुमार किया जाता है, फिर भी ये चहल औऱ कुलदीप की जोड़ी का कमाल है कि उन्होंने सिर्फ अपनी गेंदबाजी के बूते पर ही अश्विन और जडेजा की बल्लेबाजी क्षमता और अनुभव को नजरअंदाज करने के लिए हर किसी को मजबूर किया है। कलाई से गेंद को स्पिन कराने वाले कुलदीप और युजवेंद्र की सफलता की बड़ी वजह ये है कि ये दोनों ही साहसी गेंदबाज हैं। ये जोड़ी विरोधी टीम के बल्लेबाजों से बिना डरे गेंदबाजी करती है, अगर कोई बल्लेबाज इन दोनों पर अटैक भी करता है तो भी ये जोड़ी गेंद को हवा में फ्लाइट देनें में हिचकती नहीं है। जिसका नतीजा ये होता है कि अंततः वो बल्लेबाज इनके बुने जाल में फंस ही जाता है। बेखौफ होकर गेंदबाजी करना ही इस जोड़ी की सफलता का राज है। इस जोड़ी द्वारा निरन्तरता के साथ किए जा रहे शानदार प्रदर्शन को देख कर उम्मीद तो यही लग रही है कि अनुभवी स्पिनरों रविंद्र जडेजा, रविचंद्रन अश्विन, अमित मिश्रा, हरभजन सिंह को पछाड़ कर अगले विश्व कप के लिए ये दोनों चयनकर्ताओं की पहली पसंद बनेंगे। हालांकि क्रुणाल पांडया और शहबाज नदीम जैसे युवा भी अपने दमदार प्रदर्शन के बल पर इनका रास्ता रोकने का प्रयास करेंगे। यही नहीं उम्मीद तो ये भी है कि शानदार प्रदर्शन के कारण पुरस्कार स्वरूप युजवेंद्र चहल को भी जसप्रीत बुमराह की तरह ही जल्द ही टेस्ट कैप पहनने का अवसर भी मिल सकता है।

Edited by Staff Editor
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