टीम इंडिया में एक से बढ़कर एक क्रिकेटर भरे पड़े हैं। भारत के क्रिकेटर मैदान पर नीली जर्सी में भले ही एक तरह के दिखाई देते हैं, लेकिन प्रत्येक क्रिकेटर्स के क्रिकेटर बनने की कहानी कुछ अलग ही है। इसी क्रम में आज हम बात करेंगे भारत के एक ऐसे क्रिकेटर के बारे में, जो बचपन से तेज गेंदबाज बनना चाहते थे लेकिन मजबूरियों और हालातों ने उन्हें स्पिनर बना दिया। हम बात कर रहे हैं टीम इंडिया के एक ऐसे क्रिकेटर के बारे में जो अपने हाथ की चोट की वजह से स्पिन गेंदबाज बन गए और फिलहाल वह विश्व के दिग्गज स्पिन गेंदबाजों को कड़ी टक्कर दे रहे हैं।
हम बात कर रहे हैं भारतीय क्रिकेट टीम के एकमात्र चाइनामैन गेंदबाज कुलदीप यादव के बारे में, जिनके स्पिनर बनने की कहानी पर नजर डाले तो वह काफी फिल्मी है। उत्तर प्रदेश के कानपुर में जन्मे कुलदीप यादव के पिता राम सिंह यादव के मुताबिक, कुलदीप शुरूआत से तेज गेंदबाज बनना चाहते थे, जिसकी वजह से 8 वर्ष की छोटी सी आयु से कुलदीप ने तेज गेंदबाजी की प्रैक्टिस शुरू कर दी थी एवं लगभग 2 वर्ष की कड़ी मेहनत के बाद 10 वर्ष की आयु में कुलदीप यादव अच्छी तेज गेंदबाजी करने लगे थे, लेकिन कुछ ही दिन बाद वह सीढ़ीयो से गिर गए, जिसके बाद उनके हाथ-पैर मे काफी चोटें आई।
उस दौरान कुलदीप यादव के कोच कपिल पांडे ने उन्हे तेज गेंदबाजी करने से मना कर दिया। उस वक्त कुलदीप के पास ना तो दौड़ने की शक्ति थी, और ना ही बल्लेबाजी की कोई तकनीक थी। तभी उनके कोच ने उन्हें चाइनामैन स्पिन गेंदबाज बनने की सलाह दी और उन्हें यह सलाह पसंद आ गयी और वह तेज गेंदबाजी छोड़कर स्पिन गेंदबाजी की ओर रुख करने लगे। कुलदीप यादव की लगातार कोशिश उनके लिए बहुत बड़ी कामयाबी लेकर आई और उनका टीम इंडिया में डेब्यू हुआ। फिलहाल वह वनडे क्रिकेट तथा टी20 क्रिकेट की आईसीसी रैंकिंग में टॉप 3 क्रिकेटर्स में शामिल हैं।
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