भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच जारी बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के चौथे व अंतिम टेस्ट से पूर्व भारतीय टीम प्रबंधन को बहुत हद तक अंदाजा था कि चोटिल कप्तान विराट कोहली मैच खेलने के लिए फिट नहीं हो पाएंगे। जहां टीम में इस बात को लेकर असमंजस की स्थिति बरक़रार थी कि कोहली की जगह किसी बल्लेबाज को शामिल किया जाए या फिर गेंदबाज को, वहीं कोच अनिल कुंबले ने बाएं हाथ के चाइनामैन गेंदबाज कुलदीप यादव को शामिल करने का मन बना रखा था। भारतीय टीम के सूत्र से जानकारी मिली, 'कोहली जैसे विशेषज्ञ बल्लेबाज की कमी के बावजूद विशेषज्ञ गेंदबाज को शामिल करना भारतीय टीम प्रबंधन का बहादुर साबित हुआ। कुलदीप को टीम में शामिल करने की असली वजह अनिल कुंबले हैं। कोच को पता था कि बाएं हाथ के स्पिनर कुछ करिश्मा कर सकते हैं।' याद हो कि रांची में संपन्न तीसरे टेस्ट के पहले दिन गेंद को बाउंड्री लाइन पर रोकने के लिए दौड़े कोहली के कंधे में चोट लग गई थी। वह पहली पारी में फील्डिंग करने नहीं उतरे, लेकिन बल्लेबाजी करने के लिए क्रीज पर जरुर आए। वहीं भारत को एक विशेषज्ञ गेंदबाज की कमी जरुर खल रही थी जो समय पर विकेट निकाल सके। तब चाइनामैन कुलदीप यादव को टीम में शामिल करने की आवाजें भी निकली थी। भारतीय टीम रांची टेस्ट में जीत के बहुत करीब थी, लेकिन वह ऑस्ट्रेलियाई टीम को ऑलआउट करने में नाकाम रही और उसे ड्रॉ से संतोष करना पड़ा। यह भी पढ़ें : शुरूआती ओवर के बारे में सोचकर परेशान था : कुलदीप यादव भारत के प्रमुख स्पिनरों रविचंद्रन अश्विन और रविंद्र जडेजा ने इस सत्र में बहुत ओवर किए है। दोनों गेंदबाजों पर अतिरिक्त जिम्मेदारी को देखते हुए कुंबले ने कुलदीप को शामिल करने की सलाह दी। बेशक, यादव को टीम में शामिल करने से अंतिम टेस्ट में बड़ा फर्क देखने को मिला। धर्मशाला टेस्ट के पहले दिन ऑस्ट्रेलिया की टीम 144 रन पर दो विकेट गंवाकर सुखद स्थिति में थी, लेकिन फिर भारतीय गेंदबाजों ने शानदार प्रदर्शन करते हुए मेहमान टीम को 300 रन पर ऑलआउट कर दिया। कुलदीप यादव ने चार विकेट लेकर अपने टेस्ट डेब्यू को यादगार बनाया।