भारत के पूर्व तेज़ गेंदबाज और तमिलनाडु के लक्ष्मीपति बालाजी ने प्रथम शेरनी क्रिकेट से संन्यास की घोषणा कर दी है। संन्यास की घोषणा करते हुए बालाजी ने कहा," मुझे अब आगे बढ़ना है और अपने परिवार पर ध्यान देना है। अपने 16 साल के करियर में मैंने एक प्रथम श्रेणी क्रिकेटर के तौर पर अपना 100 % दिया।" कुल मिलाकर 106 प्रथम श्रेणी मैच खेलने वाले बालाजी ने भारतीय क्रिकेट टीम के लिए भी आठ टेस्ट मैच खेले हैं। उन्होंने 330 प्रथम श्रेणी विकेट लिए हैं। भारत के लिए टेस्ट में उनके नाम 27 विकेट हैं जिसमें एक बार उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ पारी में 5 विकेट लिए थे। बालाजी ने 2003 में न्यूजीलैंड के खिलाफ अहमदाबाद में अपना टेस्ट डेब्यू किया था। अपने टेस्ट करियर के दौरान भारत के 2004 के पाकिस्तान दौरे पर वो काफी प्रसिद्ध रहे थे और रावलपिंडी के तीसरे और आखिरी टेस्ट में उन्होंने 7 विकेट लेकर भारत की सीरीज जीत में अहम योगदान दिया था। 2005 में पाकिस्तान के भारत दौरे पर बैंगलोर में उन्होंने अपना आखिरी टेस्ट खेला था। फ़िलहाल तमिलनाडु टीम के गेंदबाजी कोच बालाजी ने इसके अलावा 30 एकदिवसीय और 5 टी20 अंतर्राष्ट्रीय भी खेले। एकदिवसीय में उन्होंने 34 और टी20 अंतर्राष्ट्रीय में 10 विकेट लिए हैं। बालाजी से जब ये पूछा गया कि चोटिल होने के बावजूद कैसे उन्होंने हर बार बढ़िया वापसी की तो इसपर उन्होंने भारत के वर्तमान कोच कुंबले को प्रेरणा बताया। कुंबले के अलावा उन्होंने भारतीय टीम के सबसे सफलतम गेंदबाजों में से एक रहे ज़हीर खान की भी तारीफ की। उन्होंने कहा कि ज़हीर हमेशा अपने आईडिया मुझसे साझा करते थे और उत्साह बढ़ाते थे। अपने पूर्व कोच जॉन राईट की बालाजी ने प्रशंसा की और कहा कि जब मैं भारतीय टीम में आया था तब सिर्फ 20 साल का था लेकिन कोच ने मेरा काफी साथ दिया। बालाजी तमिलनाडु टीम के कप्तान भी रह चुके हैं और उन्होंने संन्यास की घोषणा करते हुए तमिलनाडु क्रिकेट एसोसिएशन और साथी क्रिकेटरों का शुक्रिया अदा किया है।