काफी जद्दोजहद के बाद टीम इंडिया के मुख्य कोच के रूप में फिर से रवि शास्त्री का चयन किया गया। अब बारी सपोर्टिंग स्टाफ को भरने की है। ऐसे में मुख्य कोच पद के लिए आवेदन करने वाले लालचंद राजपूत अब बल्लेबाजी कोच बनने के प्रमुख दावेदारों में से एक हो गए हैं। उन्होंने इसके लिए सोमवार को अन्य दावेदारों के साथ साक्षात्कार दिया। संजय बांगर 2014 से भारतीय टीम के बल्लेबाजी कोच बने हुए हैं। विश्वकप के सेमीफाइनल में भारत के हारने के बाद टीम के मुख्य कोच और सपोर्टिंग स्टाफ को बदलने की बात चल रही थी। हालांकि, वेस्टइंडीज दौरे तक के लिए सपोर्टिंग स्टाफ का कार्यकाल बढ़ा दिया गया है।
एमएसके प्रसाद के नेतृत्व वाली चयन समिति टीम के सपोर्टिंग स्टाफ का चयन करेगी। कहा जा रहा है कि लालचंद राजपूत की दावेदारी के बाद बल्लेबाजी कोच बनने का मुकाबला जटिल हो गया है। पहले संजय बांगर की जगह विक्रम राठौर को टीम इंडिया का बल्लेबाजी कोच बनने का मजबूत दावेदार माना जा रहा था। अब तक सबसे ज्यादा आवेदन बल्लेबाजी कोच पद के लिए ही आए हैं।
सपोर्टिंग स्टाफ की चयन प्रक्रिया गुरुवार तक चलने की संभावना है। इस दौरान बल्लेबाजी, गेंदबाजी और फील्डिंग कोच के साक्षात्कार लिए जाएंगे। बल्लेबाजी कोच के लिए प्रवीण आमरे, मुंबई के दिग्गज अमोल मजूमदार और सौराष्ट्र के सितांशु कोटक ने दावेदारी पेश की है। सूत्रों की मानें तो ऋषिकेश कानितकर और दिल्ली के पूर्व बल्लेबाज मिथुन मिन्हास भी साक्षात्कार देने आए थे। मालूम हो कि संजय बांगर 2014 से टीम इंडिया से जुड़े हुए हैं। उनके बल्लेबाजी कोच रहने के दौरान भारत ने 50 टेस्ट और 119 वनडे मैच खेले हैं।
इससे पहले, भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने बांगड़, अरुण, श्रीधर और टीम के प्रशासनिक प्रबंधक सुनील सुब्रमण्यम का करार वेस्टइंडीज दौरे तक के लिए बढ़ा दिया था। वहीं फिर से भारतीय टीम के मुख्य कोच बने रवि शास्त्री ने मौजूदा सपोर्टिंग स्टाफ को बरकरार रखने की ओर संकेत दिए हैं। इसके बाद यह माना जा रहा है कि गेंदबाजी कोच भरत अरुण और फील्डिंग कोच आर. श्रीधर का टिके रहने का दावा काफी मजबूत रहेगा।
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