स्मिथ ने बेंगलुरू में खेले गए दूसरे टेस्ट मैच में कई बार निर्णय समीक्षा प्रणाली (डीआरएस) लेने के लिए ड्रेंसिंग रूम के संकेत का इंतजार किया। भारत ने दूसरे टेस्ट मैच में आस्ट्रेलिया को 75 रनों से हराकर चार टेस्ट मैचों की श्रृंखला में 1-1 से बराबरी कर ली है। मैच के चौथे दिन उमेश यादव की गेंद पर आस्ट्रेलियाई कप्तान स्टीवन स्मिथ को मैदानी अंपायर ने पगबाधा करार दे दिया था। स्मिथ ने इसके लिए दूसरे छोर पर खड़े सहयोगी बल्लेबाज पीटर हैंड्सकॉम्ब से विचार-विमर्श किया, फिर ड्रेसिंग रूम की तरफ गर्दन हिला रिव्यू लेने के बारे में पूछा, लेकिन तभी अंपायर निजेल लॉन्ग ने उन्हें ऐसा करने से रोका। स्मिथ इसके बाद मैदान से बाहर चले गए। स्मिथ के इस व्यवहार पर असहमति जाहिर करते हुए लक्ष्मण ने ट्विटर पर लिखा है कि यह खेल भावना के खिलाफ है। लक्ष्मण ने ट्वीट किया है, "स्टीवन स्मिथ ने जिस तरह से रिव्यू लेने के लिए ड्रेसिंग रूम की तरफ देखा वह पूरी तरह से खेल भावना के खिलाफ है।" अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) के नियमों के मुताबिक मैदानी अंपायर को अगर लगता है कि खिलाड़ी को रिव्यू लेने के लिए बाहर से जानकारी मिली है तो वह टीम की रिव्यू की अपील खारिज कर सकता है। आईसीसी के नियम के मुताबिक, "कप्तान अपने क्षेत्ररक्षकों और गेंदबाजों से सलाह-मशविरा कर सकता है और बल्लेबाज दूसरे बल्लेबाज से सलाह ले सकता है कि रिव्यू लिया जाए या नहीं।" नियम के मुताबिक, "अगर अंपायर को लगता है कि कप्तान या बल्लेबाज को मैदान के बाहर से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तौर पर रिव्यू लेने को कहा गया है तो वह खिलाड़ी की रिव्यू की अपील को ठुकरा सकते हैं। इस मामले में ड्रेसिंग रूम से दिए गए संकेत भी शामिल हैं।"