अपने बल्लेबाजों के दमदार प्रदर्शन की बदौलत भीलवाड़ा किंग्स ने सोमवार को जोधपुर के बरकतुल्लाह खान स्टेडियम में खेले गए एलिमिनेटर मुकाबले में गुजरात जायंट्स को 6 विकेट से हराकर लीजेंड्स लीग के फाइनल में जगह बना ली है। 5 अक्टूबर को जयपुर में होने वाले खिताबी मुकाबले में उसका सामना इंडिया कैपिटल्स से होगा।
रोचक बात यह है कि इंडिया कैपिटल्स ने ही क्वालीफायर मुकाबले में भीलवाड़ा को हराकर फाइनल का टिकट कटाया था। अब इरफान पठान की टीम के पास कैपिटल्स से उस हार का हिसाब बराबर करने के साथ-साथ सवाई मानसिंह स्टेडियम में खिताब भी जीतने का मौका है।
पहले बैटिंग करते हुए गुजरात जायंट्स ने तिलकरत्ने दिलशान, यशपाल सिंह, केविन ओ'ब्रायन और अजंता मेंडिस की बेहतरीन पारियों की मदद से 9 विकेट पर 194 रन बनाए। देखने में यह स्कोर सुरक्षित लग रहा था लेकिन विलियम पोर्टरफील्ड (60) के नेतृत्व में किंग्स के बल्लेबाजों ने इसे छह विकेट और 9 गेंद शेष रहते ही हासिल कर लिया।
इससे पहले इस मैच में गुजरात ने एक समय 36 रनों पर दो विकेट गंवा दिए थे लेकिन इसके बाद दिलशान (36 रन, 26 गेंद, 5 चौके, 1 छक्का) ने यशपाल (43 रन, 35 गेंद, 5 चौके, 1 छक्का) के साथ 45 रनों की साझेदारी की। दिलशान 80 के कुल योग पर आउट हुए लेकिन यशपाल की पारी जारी रही।
ऐसा लगा कि यशपाल भीलवाड़ा किंग्स के खिलाफ अर्धशतकों की हैट्रिक पूरी कर लेंगे लेकिन सुदीप त्यागी ने उनका रन रथ रोक दिया। यशपाल ने इससे पहले कटक में किंग्स के खिलाफ बेहतरीन 57 और फिर 30 सितंबर को जोधपुर में ही 58 रनों की नाबाद पारी खेली थी।
यशपाल के आउट होने के बाद केविन ने रन बनाने की जिम्मेदारी ली और स्कोर को 150 के पार पहुंचाकर गुजरात को मजबूती दी। केविन को हालांकि इसी स्कोर पर पवेलियन लौटना पड़ा। केविन ने 24 गेदों की तूफानी पारी में दो चौके और 4 छक्के लगाए।
इसके बाद श्रीलंकाई दिग्गज अजंता मेंडिस ने भी अपने बल्ले का मुंह खोलते हुए 10 गेंदों पर 1 चौके और दो छक्कों की मदद से 24 रन बनाकर टॉस जीतकर पहले बैटिंग कर रही गुजरात की टीम को 9 विकेट पर 194 रनों तक पहुंचने में मदद की।
भीलवाड़ा किंग्स की ओर से एस. श्रीसंत ने दो विकेट झटके जबकि टिम ब्रेसनन, मोंटी पनेसर, सुदीप त्यागी, राहुल शर्मा औऱ फिडेल एडवर्ड्स को एक-एक सफलता मिली। गुजरात के दो खिलाड़ी- क्रिस गेल और आर. इमरिट रन आउट हुए।
जवाब में भीलवाड़ा किंग्स ने बेहतरीन शुरुआत की। पोर्टरफील्ड और मोर्ने वान विक (31) की जोड़ी ने पहले विकेट के लिए 54 गेंदों पर 91 रनों की साझेदारी की। पोर्टरफील्ड आग उगल रहे थे जबकि विक सावधानी से खेल रहे थे। 18 गेंदों पर चार चौके और एक छक्का लगाने वाले विक को आखिरकार केपी अपन्ना ने आउट किया।
10 ओवरों की समाप्ति तक किंग्स ने 100 रन पूरे कर लिए थे। उन्हें 60 गेंदों पर 95 रन चाहिए थे और विकेट पर पोर्टरफील्ड के अलावा शेन वॉटसन (नाबाद 48 रन, 24 गेंद, 2 चौके, 5 छक्के) मौजूद थे। पोर्टरफील्ड को 105 रनों के कुल योग पर आउट कर ग्रीन स्वान ने गुजरात को बड़ी राहत दी। पोर्टरफील्ड ने 43 गेंदों पर 6 चौके और 3 छक्के लगाए।
इसके बाद टीम की नैया पार लगाने की कमान वॉटसन और यूसुफ पठान (21 रन, 11 गेंद, 3 चौके, 1 छक्का) ने संभाली। राह मुश्किल थी क्योंकि अंतिम 42 गेंदों पर जीत के लिए 75 रनों की जरूरत थी। दबाव का असर यह हुआ कि यूसुफ 129 के कुल योग पर अपना विकेट गंवा बैठे। उनकी जगह कप्तान और छोटे भाई इरफान पठान (22 रन, 13 गेंद, 1 चौका, 2 छक्के) ने ली। वॉटसन आक्रमक थे लेकिन इरफान संभलकर खेल रहे थे। दोनों स्कोर को वहां तक ले गए जहां से 24 गेंदों पर 38 रनों की दरकार थी।
इन दोनों ने मिचेल मैक्लेनेघन द्वारा फेंके गए 17वें ओवर में 19 रन लेकर स्थिति को काफी हद तक नियंत्रित कर लिया। अब 18 गेंदों पर किंग्स को 19 रनों की जरूरत थी। इरफान ने भी गियर बदली लेकिन 177 के कुल योग पर आउट हो गए। 18 ओवर के बाद किंग्स को 12 गेंदों पर 12 रन चाहिए थे।
वॉटसन अपने नए साथी राजेश बिश्नोई (नाबाद 5) के साथ कमान संभाले हुए थे। उन्होंने मैक्लेनेघन की पहली ही गेंद पर छक्का और फिर बिश्नोई ने तीसरी गेंद पर चौका लगाकर टीम का फाइनल खेलना पक्का कर दिया।