भारतीय क्रिकेट टीम ने इंग्लैंड के खिलाफ दूसरे टेस्ट के लिए लोकेश राहुल को अचानक वापस बुलाकर देशभर में क्रिकेट फैंस को खुश कर दिया है। दाएं हाथ के बल्लेबाज के टीम में आने से टीम की ओपनिंग की समस्या दूर हो जाएगी। राहुल ने अपना आखिरी टेस्ट मैच न्यूजीलैंड के खिलाफ कानपुर में खेला था, जहां वे चोटिल होकर बाहर हो गए थे। टीम में दोबारा वापसी करने के बाद राहुल ने कहा कि बीच में ही बाहर होने से मैं काफी उदास हो गया था। बीसीसीआई।टीवी को दिए एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में राहुल ने कहा, 'शुरुआत ही इसी से करूंगा कि लंबे समय के बाद घरेलू सीरीज में नहीं खेलने से काफी उदास हो गया था।' कीवी टीम के खिलाफ राहुल सिर्फ पहला टेस्ट खेल सके थे और हैमस्ट्रिंग में चोट लगने के बाद वे शेष सीरीज से बाहर हो गए। उन्होंने कहा, 'मैंने भारत के बाहर कई सीरीज खेली और अच्छे फॉर्म में भी था। मैं घरेलू सीरीज में बहुत अच्छा करना चाहता था, लेकिन चोटिल होने से उदास हो गया और बेंगलुरु अपने घर लौट आया।' चोट के बाद राहुल को करीब 6 सप्ताह तक आराम करने की सलाह दी गई थी। दाएं हाथ के बल्लेबाज ने एक महीने का आराम जरुर किया, लेकिन इस दौरान उनेह खुद को फिट और मजबूत बनाने का पर्याप्त समय मिल गया। उन्होंने कहा, 'मैंने इस समय का उपयोग फिट और मजबूत बनकर किया। मैंने अपनी फिटनेस और बल्लेबाजी पर काफी काम किया क्योंकि मेरे पास दुनिया का पूरा समय था।' राहुल ने कहा, 'रिहैब प्रक्रिया ज्यादा उत्साहजनक नहीं थी। घर में बैठना काफी बोरिंग था। मेरा दिल और दिमाग हमेशा भारतीय टीम के साथ था। घर में 6 सप्ताह बैठना मेरे लिए काफी मुश्किल था। पहले कुछ सप्ताहों में मैं कुछ ज्यादा नहीं कर सकता था। मुझे उठकर फिजियोथेरेपिस्ट के पास जाना रहता था और रिहैब सेंटर में समय बिताना होता था। इसके अलावा दिन में मेरे पास कोई और काम नहीं होता था।' दाएं हाथ के बल्लेबाज ने कहा, 'ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड जैसी टीमों के खिलाफ खेलने से मुझे काफी प्रोत्साहन मिलता है और मैं इस मौके का पूरा फायदा उठाना चाहता हूं।' राहुल को इंग्लैंड के खिलाफ अंतिम एकादश में मौका मिलने की पूरी उम्मीद है, अगर वह वापसी करते हैं तो गौतम गंभीर को बाहर बैठना पड़ेगा।