क्रिकेट में अब तक के सबसे बड़े 10 छक्के

फिटनेस में सुधार और क्रिकेट के उपकरणों के आधुनिकीकरण की वजह से आज हमे लंबे लंबे छक्के देखने मिलते हैं। पहले छक्का मारना केवल सिमा रेखा के ऊपर से गेंद को पार करवना होता था। लेकिन आज के योद्धाओं के लिए तो गेंद को स्टेडियम से बाहर भेजना ही छक्का मारना होता है। लंबे छक्कों के लिए सिमित ओवर के खेल ने महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है। टेस्ट मैच अपने डिफेन्स के लिए जाने जाते थे। वहीँ सिमित ओवर के खेलों में ज्यादा से ज्यादा रन बनाने की होड़ लगी रहती है। इसी कारण खिलाडी सिमित ओवर में दमदार स्ट्रोक लगते हैं। ये रहे 10 छक्के जिन्होंने बाउंड्री ही नहीं बल्कि पूरा स्टेडियम पार कर दिया। इन्हें 6 रन के बदले 12 रन मिलने चाहिए थे। #1 युवराज सिंह बनाम इंग्लैंड

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इस पल को कोई भी भारतीय प्रशंसक कभी नहीं भूल सकता। दक्षिण अफ्रीका में चल रहे 2007 के T20 विश्व कप में इंग्लैंड के विरुद्ध खेलते हुए भारत के युवराज सिंह ने स्टुअर्ट ब्रॉड के छह गेंदों पर छह छक्के जड़े थे। युवराज सिंह बड़ी निर्दयता से ब्रॉड की गेंदों को स्टेडियम से बाहर पहुंचाते रहे। पांच गेंदों पर छक्के जड़ने के बाद उन्होंने छठे गेंद को स्टेडीयम के बाहर डरबन हाईवे पर पहुंचा दिया था। इसके साथ ही युवराज सिंह विश्व के दूसरे खिलाडी बन गए जिन्होंने 6 गेंदों में 6 छक्के लगाएं हो। उसी साल वनडे विश्व कप में नेथेरलैंड्स के खिलाफ हर्शल गिब्स ने ये मुकाम हासिल किया था। #2 क्रिस गेल बनाम ऑस्ट्रेलिया

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क्रिस गेल की बल्लेबाज़ी के बारे में सभी जनता है, खासकर वें दुर्भाग्यपूर्ण गेंदबाज़ जो गेल के सामने गेंदबाज़ी करते हैं। इस जमैकन खिलाडी ने ढेर सारे छक्के मारे है, लेकिन सबसे लंबा वाला ओवल में 2009 वर्ल्ड T20 टूर्नामेंट में मारा था। ऑस्ट्रेलिया के 169 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए वेस्ट इंडीज का स्कोर 44-0 हो गया था। ब्रेट ली की गेंद पर गेल ने गेंद को विकट के स्क्वायर की ओर उठा दिया। डेविड लॉयड की कमेंट्री के मुताबिक गेंद उड़ती हुई दर्शकों के ऊपर से आर्कबिशप टेंशन स्कूल कि ओर चली गयी। गेल की धुआंदार 88 रनों की पारी के सामने ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज़ टिक नहीं पाए और वेस्ट इंडीज ने वह मुकाबला आराम से जीत कर सेमीफाइनल में पहुँच गए। सेमीफाइनल में श्रीलंका में वेस्ट इंडीज सफ़र रोक दिया। #3 सचिन तेंदुलकर बनाम इंग्लैंड

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वर्ल्ड कप 2003 में सचिन ने सबसे बेहतरीन छक्के मारे है। इसके पीछे एक तर्क है। यह इसलिए नहीं कहा गया क्योंकि वें सचिन तेंदुलकर है, बल्कि उस वर्ल्ड कप में सचिन ने बिलकुल सही अनुमान के साथ छक्के मारे थे। इंग्लैंड के एंड्रयू कैडिक, सचिन के सामने टिक ही नहीं पाए। कैडिक अपनी गेंदबाज़ी में मिश्रण करके मास्टर ब्लास्टर को करने का प्रयास कर रहे थे। सचिन समझदार निकले और गेंद को पहले ही भांप कर लिया की ये शॉर्ट गेंद होगी। उसे पुल कर के उन्होंने गेंद को सिमा रेखा के ऊपर से उदा दिया। उस वर्ल्ड कप में भारत ने जीत का ढेर सारा स्वाद चखा। केन्या को सेमीफाइनल में हरा कर भारत 20 साल बाद विश्व कप फाइनल में पहुंचा था। लेकिन फाइनल में भारत को ऑस्ट्रेलिया के हातों 125 रनों की हार झेलनी पड़ी। #4 महेंद्र सिंह धोनी बनाम ऑस्ट्रेलिया

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महेंद्र सिंह धोनी की तरह 'हेलीकॉप्टर शॉट' शायद कोई नहीं खेल सकता। भारत के विकेटकीपर कप्तान का ये शॉट बड़ा कारगर साबित हुआ है। खासकर पारी के अंत में। इसका शिकार ऑस्ट्रेलिया के जेम्स फॉल्कनर भी हुए। बंगलोरे के एम चिन्नास्वामी स्टेडियम में हुए इस मैच में धोनी का फॉल्कनर की गेंद पर मारा छक्का स्टेडियम पार कर गया था। वह मैच पूरी तरह रोहित शर्मा के लिए था। उसी मैच में रोहित ने अपना पहला दोहरा शतक लगाया था। दोनों पारियों में 38 छक्के लगे, जो कि एक रिकॉर्ड है। भारत ने वह मैच 57 रनों से जीत लिया। #5 शाहिद अफरीदी बनाम भारत

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सबसे ज्यादा लंबे छक्कों की अगर बात हो तो शाहिद अफरीदी को कोई कैसे भूल सकता है। 'बूम बूम' का एक छक्का स्ट्रीट लाइट तक चली गयी थी। कनाडा में 1997 में खेले गए फ्रेंडशिप कप में, भारत के विरुद्ध शाहिद अफरीदी बल्लेबाज़ी कर रहे थे। उन्होंने लॉन्ग ओन की ओर गेंद उठा दिया। गेंद स्टेडियम के बाहर उड़ते हुए पास के सड़क के एक स्ट्रीट लाइट से टकरा गयी। उस समय अफरीदी पाकिस्तान के लिए ओपनिंग किया करते थे। अफरीदी के इस तूफानी पारी के बदौलत पाकिस्तान ने भारत के 250 के लक्ष्य को हासिल कर लिया। लेकिन सीरीज वें 4-1 से हार गए। #6 डेविड मिलर बनाम वेस्ट इंडीज

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डेविड मिलर ने दक्षिण अफ्रीका की वनडे टीम में जान फूंक दी है। कमाल की ताकत के कारण कई T20 फ्रैंचाइज़ी इन्हें अपने टीम से जोड़ना चाहते हैं। जनवरी 2015 में जोहानसबर्ग में हुए एक T20 मैच में वेस्ट इंडीज के खिलाफ मिलर ने ये कारनामा किया। ड्वेन ब्रावो की गेंद को ऊपर उठाते हुए उन्होंने गेंद को वांडरर्स स्टेडियम के बाहर पहुंचा दिया। इसी जगह पर 2006 में हुए 438 रनों वाली ऑस्ट्रेलिया बनाम दक्षिण अफ्रीका के यादगार मैच का ये छोटा संस्करण था। दक्षिण अफ्रीका ने वेस्ट इंडीज के सामने 231 रनों का पहाड़ जैसा लक्ष्य रख दिया। लेकिन गेल के तूफानी 41 गेंदों में 90 रनों की मदद से वेस्ट इंडीज ने चार गेंद शेष रहते मैच जीत लिया। #7 जस्टिन केम्प बनाम न्यूज़ीलैंड

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जस्टिन केम्प को शायद सभी क्रिकेट प्रेमी भूलते जा रहे हैं। लेकिन इस दक्षिण अफ्रीकन गेंदबाज़ में गेंद को बल्ले से बड़ी दूर तक मारने की क्षमता थी। इसका उदहारण है शेन बॉन्ड की गेंद पर उनका लगा गया दमदार छक्का। बॉन्ड बड़ी हैरानी से अपनी गेंद को स्टेडियम से बाहर जाते हुए देख रहे थे। ये एक ज़रूरी छक्का भी था, क्योंकि दक्षिण अफ्रीका को आखरी ओवर में 9 रन की ज़रूरत थी। इस विशाल छक्के की मदद से दक्षिण अफ्रीका ने जीत दर्ज कर ली। #8 रॉस टेलर बनाम पाकिस्तान

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रॉस टेलर जब फॉर्म में होते है, तब उनकी बल्लेबाज़ी देखने लायक होती है। वें गेंद को बिलकुल सही टाइमिंग के साथ मरते हैं। लेग साइड में वें कमाल के शॉट्स मरते हैं। उन्होंने अपने टाइमिंग की शानदार झलक मैकलीन पार्क में पाकिस्तान के खिलाफ दिखाई। बिलावल भट्टी दुर्भाग्यपूर्ण पाकिस्तानी गेंदबाज थे, जो रॉस टेलर का शिकार हुए। टेलर की 102 रनों की नाबाद पारी की कारण न्यूज़ीलैंड ने पाकिस्तान के सामने 370 रनों का लक्ष्य रखा। 119 रनों से पाकिस्तान वो मैच हार गयी। #9 क्रिस गेल बनाम केंट

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इस सूचि में गेल दोबारा अपना नाम जुड़वाने में कामयाब रहे। क्योंकि इस समर इंग्लिश काउंटी के लिए खेलते हुए उन्होंने गेंद को नदी में पहुंचा दिया था। टांटन के दर्शकों ने इस तूफानी पारी का नज़ारा देखा। गेल ने 62 गेंदों में 151 रनों की पारी खेली। इसमें सर इयान बॉथम स्टैंड के ऊपर से गेंद उड़ती हुई स्टेडियम के बाहर चली गयी और टोन नदी में गिर गयी। इस खबर ने बड़ी सुर्खिया बटोरी क्योंकि एक दर्शक गेंद वापस लाने के लिए नदी में कूद गया। इसके बावजूद वें 228 रनों का पीछा नहीं कर सके और तीन रन से मैच हार गए। लेकिन दर्शकों का भरपूर मनोरंजन हुआ। #10 एल्बर्ट ट्रॉट बनाम ऑस्ट्रेलिया एल्बर्ट ट्रॉट इस छक्के की लंबाई के बारे में कोई स्पष्ट जानकारी नहीं है। लेकिन ये सच है की ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के लिए टेस्ट खेलने वाले अल्बर्ट ट्रॉट ने गेंद को लॉर्ड्स स्टेडियम के छत पर पहुंचा दी थी। ऐसा करनेवाले वें एकमात्र खिलाडी हैं। जुलाई 1899 में ऑस्ट्रेलिया और मेरिलबोन क्रिकेट क्लब(MCC) के बीच मुकाबले में ट्रॉट ने यह कारनामा किया था। एक घंटे आराम से बल्लेबाज़ी करने के बाद ट्रॉट ने एक ऐसा शॉट मारा जिसे आज से 116 साल पहले किसी ने उम्मीद भी नहीं की थी। आज के ताकतवर खिकड़ियों में से किसी ने भी गेंद को अबतक लॉर्ड्स की छत तक नहीं पहुँचाया। 2010 में बल्ला बनाने वाली कंपनी मॉँगूँस ने इंग्लैंड के पूर्व ओपनर मार्कस ट्रेस्कोथिक के सामने £1 मिलियन के पुरुस्कार की घोषणा कर दी, अगर वें लॉर्ड्स की छत तक गेंद मारने में कामयाब हुए तो। लेखक: इलियट कोर्निश, अनुवादक: सूर्यकांत त्रिपाठी