शुरू से मेरा लक्ष्य टेस्ट क्रिकेट खेलना था: रोहित शर्मा

नागपुर टेस्ट में भारत की पहली पारी के दौरान शतक जमाने वाले भारतीय बल्लेबाज रोहित शर्मा ने अपनी पारी को लेकर ख़ुशी जाहिर की है। उन्होंने कहा कि जीवन में पछतावा तो होता है लेकिन मैं खुश हूँ कि मैं फिर से खेल रहा हूँ। जब उन्हें 10 साल में 22 टेस्ट मैच खेलने के बारे में पूछा गया तब रोहित ने यह जवाब दिया।

रोहित शर्मा चोट के बाद काफी लम्बे समय के लिए टेस्ट क्रिकेट से दूर हो गए थे और पिछले 4 वर्ष से अधिक समय के बाद उन्होंने नागपुर में अपने टेस्ट करियर का तीसरा शतक लगाया। रोहित ने कहा कि अगर आप दस हजार रन भी बनाओगे तो तो यही रहेगा कि मैं 15 हजार बना सकता था। आगे उन्होंने कहा कि मैं इस बात से खुश हूँ कि अपने पैरों से खेल पा रहा हूँ क्योंकि चोट के समय मैंने यह सोचा था कि मैं चल पाऊंगा या नहीं। मैं खेलकर रन बना रहा हूँ इसलिए खुश हूँ।

वर्तमान समय में कप्तान विराट कोहली के बाद भारतीय वन-डे टीम के दूसरे सबसे बढ़िया खिलाड़ी रोहित शर्मा ने कहा कि मैं वर्तमान के बारे में सोचता हूँ और चलता हूँ। मैं यह नहीं सोचता कि पीछे क्या हुआ था, मेरे सामने जो है उसी के बारे में सोचता हूँ। इसके अलावा रोहित ने यह भी कहा कि मुझे यह देखना होता है कि फिलहाल मेरे सामने क्या है।

वन-डे में दो बार 200 रनों का आंकड़ा छूने वाले शर्मा ने यह भी कहा कि शुरू में मेरा लक्ष्य टेस्ट क्रिकेट खेलना था और मैं सोचता था कि मुझे यह करना है, ऐसा करना है। मैं कई चीजें सोचता था। इसके बाद मेरा फोकस कहीं खो गया।

गौरतलब है कि रोहित शर्मा ने चार वर्ष बाद एक टेस्ट शतक लगाया है। एक वर्ष तक चोट से पीड़ित रोहित शर्मा टेस्ट क्रिकेट से दूर ही रहे थे। उनकी वापसी टीम के लिए शानदार है।