आखिरी गेंद पर थी 6 रनों की जरूरत, बिना गेंद खेले ही टीम ने जीता मैच

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निदाहस ट्रॉफी का जिक्र होते ही दिनेश कार्तिक का नाम जुबां पर आना स्वभाविक है। हर क्रिकेट समर्थक को यह पल याद होगा। जब अंतिम गेंद पर पांच रन की जरूरत थी, कार्तिक ने सौम्या सरकार की आखिरी गेंद पर छक्का लगाया था। यह भारत के अंतिम गेंद में प्रसिद्ध छक्के के रूप में गिना जाएगा । ऐसा कुछ कारनामा पाकिस्तानी दिग्गज ने 32 साल पहले भारत के खिलाफ शारजाह में किया था। पाकिस्तान के बल्लेबाज जावेद मियांदाद ने भारत के खिलाफ शारजाह में चेतन शर्मा की आखरी गेंद पर छक्का लगाकर मैच जीता था।यह किसी भी गेंदबाज के लिए बड़ी विकट परिस्थिति होती है।

ऐसी ही विकट परिस्थिति महाराष्ट्र के एक घरेलू टूर्नामेंट में भी देखने को मिली। मगर इस मैच का अंत कुछ अलग ही हुआ। आदर्श क्रिकेट क्लब में आयोजित देसाई और जूनी डोम्बिविली के बीच एक मैच खेला गया। 5 ओवर के इस मैच में जूनि डोम्बिविली की टीम ने टीम देसाई को 76 रनों का लक्ष्य दिया। जवाब में लक्ष्य का पीछा करते हुए टीम देसाई को अंतिम गेंद में 6 रनों की जरूरत थी। स्ट्राइक पर बाएं हाथ के बल्लेबाज और बायें हाथ के गेंदबाज बॉलिंग कर रहे थे। दबाव में आकर गेंदबाज ने जो कारनामा किया वह इतिहास में कभी नही हुआ। बायें हाथ के तेज गेंदबाज ने लगातार छह गेंदें वाइड फेंक दी और विपक्षी टीम को मैच उपहार में दे दिया। मैच के बाद जूनी डोम्बिविली के खिलाड़ी अपने गेंदबाज से बेहद नाराज दिखे।

वास्तव में यह पहला ऐसा मैच था जिसमें आखिरी गेंद पर छह रनों की जरूरत हो और बल्लेबाज के किसी अदबुध शॉट के ही बिना, टीम जीत गयी हो और गेंद भी बच गयी हो। यह मैच गेंदबाज के अनोखे कारनामे के लिए याद किया जाएगा।

यह वीडियो सोशल मीडिया में जमकर पसंद किया जा रहा है और इस पर अनोखी प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है।

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Edited by मयंक मेहता
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