महाराष्ट्र के स्वपनिल गुगाले और अंकित बावने ने तोड़ा सबसे बड़ी साझेदारी का सर्वकालिक रणजी रिकॉर्ड

महाराष्ट्र के स्वपनिल गुगाले और अंकित बावने ने अपने नाम रिकॉर्ड बुक में दर्ज करा लिए हैं। दोनों ने रणजी ट्रॉफी के इतिहास की सबसे बड़ी साझेदारी की जो प्रथम श्रेणी क्रिकेट की दूसरी सबसे साझेदारी रही। इस जोड़ी ने 41/2 के स्कोर पर साथ में खेलना शुरू किया और दिल्ली के खिलाफ वानखेड़े स्टेडियम पर तीसरे विकेट के लिए 594 रन की अविजित साझेदारी की। महाराष्ट्र ने अपनी पारी 635/2 के स्कोर पर घोषित की। इस साझेदारी ने टीम को संकट से उबारा और 594 रन की साझेदारी के बाद कप्तान गुगाले ने पारी घोषित कर दी। उन्हें इस बात का शायद ही अंदाजा रहा होगा कि वह सर्वकालिक सर्वश्रेष्ठ साझेदारी के रिकॉर्ड को तोड़ने से महज 30 रन दूर हैं। बता दें कि प्रथम श्रेणी क्रिकेट में सबसे बड़ी साझेदारी का रिकॉर्ड श्रीलंका के कुमार संगकारा और महेला जयवर्धने के नाम दर्ज हैं, जिन्होंने 2006 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ कोलोंबो में 624 रन की साझेदारी की थी। पारी घोषित करने के समय तक इस जोड़ी ने रणजी का सर्वकालिक रिकॉर्ड तोड़ दिया था जो 70 वर्ष से भारत के महान बल्लेबाज विजय हजारे के नाम दर्ज था। विजय हजारे ने 1946/47 के रणजी ट्रॉफी फाइनल में यह रिकॉर्ड बनाया था। टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने उतरी महाराष्ट्र की शुरुआत ख़राब रही और उसके दो बल्लेबाज 10 ओवर के भीतर पवेलियन लौट गए। मगर इसके बाद महाराष्ट्र ने एक भी विकेट नहीं गंवाया और दिन की समाप्ति तक 290/2 का स्कोर बनाया। वानखेड़े पर टूटे रिकॉर्ड्स इसके बाद रिकॉर्ड्स का टूटना शुरू हुआ। सबसे पहले महाराष्ट्र की इस जोड़ी ने रणजी ट्रॉफी में सबसे बड़ी साझेदारी का रिकॉर्ड अपने नाम किया। यह रिकॉर्ड पहले कमाल भंडारकर और बीबी निम्बालकर के नाम दर्ज था, जिन्होंने 1948/49 सत्र में ऐसा कारनामा किया था। यह जोड़ी महाराष्ट्र की तीसरी ऐसी जोड़ी बन गई है जब दोनों बल्लेबाजों ने एक पारी में दोहरे शतक जमाए हो। बीबी निम्बालकर और केवी भंडारकर ने सबसे पहले दोहरे शतक जमाए थे और फिर सी चौहान/ एमएस गुप्ते ने 1973 में ऐसा किया था। इस जोड़ी ने फिर 500 रन की साझेदारी का आंकड़ा पार किया जो रणजी ट्रॉफी में सिर्फ चौथी बार ही हुआ है। इसके बाद सबसे बड़ा रिकॉर्ड इस जोड़ी ने तोड़ा। गुगाले और बावने ने सर्वकालिक रणजी रिकॉर्ड 577 रन को तोड़ा, जो विजय हजारे और गुल मोहमद के नाम दर्ज था। इसी दौरान बावने-गुगाले की जोड़ी ने तीसरे विकेट के लिए सबसे ज्यादा रनों की साझेदारी का रिकॉर्ड भी तोड़ा जो पहले रविंद्र जडेजा और सागर जोगियानी के नाम था। 2012 में जडेजा-जोगियानी ने सौराष्ट्र की तरफ से खेलते हुए गुजरात के खिलाफ सूरत में तीसरे विकेट के लिए 539 रन की साझेदारी की थी। गुगाले ने फिर तिहरा शतक जमाया और सातवें ऐसे कप्तान बने जिन्होंने रणजी ट्रॉफी में तिहरा शतक जमाया हो। निम्बालकर, केदार जाधव और विजय हजारे के बाद वह ऐसी उपलब्धि हासिल करने वाले महाराष्ट्र के तीसरे बल्लेबाज बन गए हैं।