भारतीय टीम के फील्डिंग कोच आर श्रीधर का मानना है कि महेंद्र सिंह धोनी की कीपिंग स्टाइल सबसे अलग है और उससे उन्हें काफी सफलताएं मिलती हैं। सबको पता है कि धोनी कोचिंग मैनुअल से अलग हटकर अनोखे अंदाज में कीपिंग करते हैं और इसमें अभी तक वो खासे सफल रहे हैं। हाल ही में विकेट के पीछे 400 शिकार करने वाले वो पहले भारतीय विकेटकीपर बने। आर श्रीधर का कहना है कि हम धोनी की स्टाइल वाली कीपिंग पर रिसर्च कर सकते हैं और इसे 'द् माही वे' नाम दे सकते हैं। आर श्रीधर ने कहा कि धोनी ने अपनी खुद की स्टाइल बनाई है और इससे उन्हें काफी सफलता मिली है। मुझे लगता है कि हम उनकी विकेटकीपिंग की स्टाइल पर रिसर्च कर सकते हैं और मैं उसे 'द् माही वे' नाम देना चाहुंगा। उनसे सीखने के लायक काफी सारे चीजें होती हैं और काफी सारे युवा विकेटकीपर शायद उस तरह की कीपिंग ना कर पाएं। आर श्रीधर ने कहा कि अपने आप में उनका तरीका अलग है और क्रिकेटरों को इसी तरह होना चाहिए। अपना खुद का अंदाज। श्रीधर ने आगे कहा कि वो काफी अच्छे विकेटकीपर हैं खासकर स्पिन गेंदबाजों के लिए वो इस वक्त बेहतरीन कीपर हैं। स्टंपिंग के लिए उनके हाथ बिजली से भी तेज चलते हैं। यह उनकी नैसर्गिक कला है जिसे देखना शानदार है। महेंद्र सिंह धोनी की कीपिंग और स्टंपिंग का यह आलम है कि जब भी वह विश्वास के साथ अपील करते हैं तो यह तय होता है कि बल्लेबाज निश्चित ही आउट है। गौरतलब है दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ तीसरे एकदिवसीय मैच के दौरान धोनी ने एकदिवसीय क्रिकेट में अपने 400 शिकार पूरे किए। दक्षिण अफ्रीकी कप्तान एडेन मार्कराम को उन्होंने अपना 400वां शिकार बनाया। ये कारनामा करने वाले वो पहले भारतीय विकेटकीपर हैं, वहीं विश्व के तीसरे विकेटकीपर हैं। उनसे आगे अब सिर्फ कुमार संगकारा (482) और एडम गिलक्रिस्ट (472) ही हैं। जिस तरह से धोनी स्टंपिंग करते हैं उसे देखकर लगता है कि वो इन दो दिग्गजों को भी पीछे कर देंगे। स्टंपिंग में उनका कोई सानी नहीं है, विकेट के पीछे उनके हाथ काफी तेजी से चलते हैं।