अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिष्द (आईसीसी) के चीफ एग्जीक्यूटिव डेव रिचर्डसन ने 'एमसीसी 2018 काउड्रे लेक्चर' में क्रिकेट में बढ़ रही छीटाकशी और व्यक्तिगत टिप्पणी को लेकर बड़ी बात कही। उन्होंने कहा कि इस खेल में जितनी आवश्यकता विराट कोहली और बेन स्टोक्स जैसे आक्रामक छवि वाले खिलाड़ियों की है उतनी ही जरुरत महेंद्र सिंह धोनी और राहुल द्रविड़ जैसे शांत स्वभाव वाले खिलाड़ियों की भी है, ताकि मर्यादा के अंदर रहा जा सके। डेव रिचर्डसन ने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में बढ़ रही स्लेजिंग और बेईमानी को लेकर चिंता जताई और खिलाड़ियों और कोचों से इसे रोकने का प्रयास करने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि क्रिकेट के मैदान पर महानायकों की जरूरत है। कोलिन मिलबर्न्स, फ्रीडी फ्लिंटाफ, शेन वॉर्न, विराट कोहली और बेन स्टोक्स जैसे खिलाड़ियों की हमें जरुरत है लेकिन उतनी ही जरुरत हमें फ्रेंक वारेल, महेंद्र सिंह धोनी, राहुल द्रविड़ जैसे खिलाड़ियों की भी है, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि हम अपनी हदों को ना पार करें। उन्होंने कहा कि आईसीसी के पास सभी चुनौतियों का जवाब नहीं है, लेकिन सभी मिलकर इससे निपटने की कोशिश कर रहे हैं। निजी छींटाकशी, आउट होने वाले बल्लेबाज को फील्डर द्वारा विदाई देना, अनावश्यक रूप से शारीरिक संपर्क, अंपायर के फैसले के खिलाफ खिलाड़ियों का नहीं खेलने की धमकी देना और गेंद से छेड़खानी। यह वह खेल नहीं है, जिसे हम दुनिया के सामने रखना चाहते हैं। उन्होंने बताया कि आईसीसी खिलाड़ियों को इस बारे में जागरूक कर रही है कि खेल भावना के तहत कैसे खेला जाए। रिचर्डसन ने कहा कि आजकल टीम के कोच अपने खिलाड़ियों का पक्ष लेकर अंपायर पर ही पक्षपात का आरोप लगा देते हैं। उनको इससे बचना चाहिए। गौरतलब है हाल ही में गेंद से छेड़छाड़ और अंपायर के फैसले का विरोध करने वाली घटनाएं सामने आई हैं। वहीं गेंदबाज द्वारा बल्लेबाज को आउट करने के बाद उसे इशारा करके पवेलियन का रास्ता दिखाने की घटना भी सामने आई है। आईसीसी ने इसी को लेकर खास चिंता जताई है।